2011 में बिटकॉइन के छोटे से एकछत्र साम्राज्य को चुनौती देने के लिए कुछ दूसरे क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुई, जैसे Namecoin और Litecoin बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? जैसे कॉइन्स शुरू होने लगे. इन कॉइन्स की खासियत ये थी कि ये बिटकॉइन से कुछ बेहतर सुविधाएं दे रहे थे, जैसे कि बेहतर ट्रांजैक्शन स्पीड. आज बाजार में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं और इनमें लगातार अपग्रेड हो रहा है.

Bitcoin At All Time High : बिटकॉइन 66,000 डॉलर के पार, ऐसा रहा है इसका 13 सालों का सफर

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बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

बिटकॉइन-इथीरियम में 100 रुपये लगाकर पा सकते हैं बंपर मुनाफा, SIP की तरह करना होगा निवेश

भारत में क्रिप्टोकरंसी (cryptocurrency) इंडस्ट्री ने तेजी से जगह बनाई है. बहुत कम समय में इसका बाजार बढ़ा है. क्रिप्टो आधारित कंपनियों पर से सुप्रीम कोर्ट की ओर से पाबंदी हटने के बाद इसमें और बढ़ोतरी देखी जा रही है. आज की तारीख में तकरीबन 1 करोड़ भारतीयों ने क्रिप्टो में निवेश किया है. पिछले एक साल में इन निवेशकों ने अच्छा रिटर्न भी पाया है. निवेशकों के लिए बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? किसी भी क्रिप्टोकरंसी में पैसे लगाने का तरीका वैसे ही है, जैसे इक्विटी आदि में लगाते हैं. नए निवेशक चाहें तो 100 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं.

जियोटस (Giottus) के सीईओ और को-फाउंडर विक्रम सुब्बुराज के मुताबिक, क्रिप्टोकरंसी में निवेशक 100 रुपये भी लगा सकते हैं और इसके लिए वे क्रिप्टो आधारित कॉइन या टोकन में बहुत कम मात्रा में खरीदारी कर सकते हैं. अच्छा यह रहता है कि पैसे को अलग-अलग क्रिप्टो में अलग-अलग अवधि के लिए लगाया जाए. किप्टो की तरह मीम कॉइन डोजकॉइन और शिबू इनु मशहूर हैं जिसमें पैसा निवेश किया बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? जा सकता है. विक्रम सुब्बुराज कहते हैं, सही रिटर्न के लिए जरूरी है कि टॉप 10 क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया जाए.

क्रिप्टो एक्सचेंज के बारे में जानें

Giottus एक क्रिप्टो प्लेटफॉर्म है जहां इसकी ट्रेडिंग की जा सकती है. ट्रेडिंग के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत नहीं है. 5 मिनट के अंदर रजिस्ट्रेशन हो जाता है, वह भी भारतीय केवाईसी नियमों के साथ. केवाईसी के तुरंत बाद अगर डॉक्युमेंट दुरुस्त हों तो वेरिफिकेशन हो जाता है और 15 मिनट में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. जियोटस जैसे प्लेटफॉर्म पर एक साथ 100 से ज्यादा क्रिप्टोकरंसी की बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? जानकारी मिलती है जहां 100 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकते हैं. इसके लिए प्लेटफॉर्म पर पैसा जमा करना होता है. कुछ प्लेटफॉर्म पैसा जमा करने के लिए शुल्क लेते हैं, कुछ नहीं. इसी जमा पैसे से क्रिप्टो में निवेश शुरू होता है.

क्रिप्टोकरंसी में निवेश के इच्छुक किसी व्यक्ति को पहले अपना अकाउंट खोलना होता है. एक पैन कार्ड पर क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए एक अकाउंट ही खोल सकते हैं. जैसा बैंकों में निमय है, वैसा ही क्रिप्टो के लिए भी है. हालांकि एक पैन से क्रिप्टो के अलग-अलग एक्सचेंज में कई अकाउंट खोल सकते हैं. क्रिप्टो एक्सचेंज में 24 घंटे और सातों दिन ट्रेडिंग कर सकते हैं. नए निवेशकों के लिए सलाह दी जाती है कि जोखिम को ध्यान में रखते हुए ही क्रिप्टो की ट्रेडिंग करें. क्रिप्टो के दाम उतार-चढ़ाव में या तो तेजी से गिरते हैं या तेजी से चढ़ते हैं. यानी कि भारी मुनाफे के साथ भारी गिरावट का भी खतरा होता है. इसलिए दिल थाम कर क्रिप्टो की ट्रेडिंग में हाथ लगाना बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? चाहिए.

बिटकॉइन से करें शुरुआत

हर क्रिप्टोकरंसी अपने आप में यूनिक है और उसी हिसाब से उसकी ट्रेडिंग होती है. नए निवेशक जब खरीदारी करने चलें तो उसके बारे में ठीक से रिसर्च कर लें. जैसे नंबर टू क्रिप्टोकरंसी इथीरियम एक प्लेटफॉर्म भी है जिसे अलग-अलग ऐप के जरिये खरीदा जा सकता है. ऐसा नहीं है कि किसी खास ऐप से ही इसकी ट्रेडिंग और खरीदारी होगी. जैसे मोबाइल में एंड्रॉयड सिस्टम अलग-अलग मोबाइल कंपनियों में काम करता है, वैसे ही इथीरियम अलग-अलग ऐप पर भी काम करता है. नए निवेशकों को एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बिटकॉइन और इथीरियम में पैसा लगाकर शुरुआत करनी चाहिए. ठीक वैसे ही जैसे इक्विटी में एसआईपी के जरिये निवेश शुरू करते हैं.

भारत में अभी क्रिप्टोकरंसी रेगुलेटेड नहीं है, सरकार और रिजर्व बैंक का अभी रुख साफ नहीं है. ऐसे में कम पैसे में निवेश करने की सलाह दी जाती है. ट्रेडिंग का मतलब होता है कि खरीदारी पर कितना मुनाफा कमाते हैं. कोई किप्टो कितने में खरीदते हैं, ट्रेडिंग का मकसद यह बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? नहीं होता है. इसी हिसाब से क्रिप्टो में पैसे लगाने और उसे जारी रखने पर फोकस करना चाहिए. नए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में 2-3 परसेंट क्रिप्टोकरंसी को रखना चाहिए. बाद में मार्केट की समझ हो जाए तो निवेश बढ़ा सकते हैं.

बिटकॉइन बना कब और कैसे था?

बिटकॉइन जब 2008 में लॉन्च हुआ तो यह एक रहस्य की तरह था, सबसे बड़ी बात तो यह नहीं पता थी कि इसे बनाया किसने है. सतोषी नाकामोतो के छद्मनाम से किसी शख्स या समूह ने बिटकॉइन को डेवलप किया था, लेकिन नाम के पीछे कौन है, ये हम अब तक नहीं जानते हैं. नाकामोतो ने सबसे पहले क्रिप्टोग्राफी के एक मेलिंग लिस्ट पर Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System (https://bitcoin.org/bitcoin.pdf) नाम से एक पेपर पोस्ट किया, जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया और इसपर चर्चा शुरू हो गई.

Bitcoin सहित दूसरे क्रिप्टोकरेंसी का Live Price यहां ट्रैक करें:

2009 में बिटकॉइन सॉफ्टवेयर पब्लिक के लिए शुरू हुआ है और फिर बिटकॉइन की माइनिंग और ब्लॉकचेन पर इसका ट्रांजैक्शन शुरू हुआ है. इसके अगले साल बिटकॉइन का मूल्यांकन हुआ. चूंकि तबतक बिटकॉइन को बस माइन ही किया गया था, किसी ने अभी तक कॉइन ट्रेड नहीं किया था, ऐसे में इसकी कीमत अभी तक तय नहीं थी. 22 मई, 2010 को प्रोग्रामर Laszlo Hanyecz ने 10,000 बिटकॉइन से दो पिज्ज़ा खरीदे. अगर इस प्रोग्रामर ने अपने बिटकॉइन पिज्ज़ा पर न खर्च किए होते तो आज उस होल्डिंग की कीमत 389 मिलियन डॉलर होती.

जब पहली बार क्रैश हुआ बिटकॉइन

बिटकॉइन के बीच के साल सबसे ज्यादा अस्थिर दिखाई देते हैं. बिटकॉइन का मूल्यांकन होने के बाद 2013 में यह पहली बार क्रैश हुआ. इसकी कीमत 1,000 डॉलर के ऊपर तक पहुंची थी, लेकिन क्रैश होने के बाद यह 300 डॉलर तक आ गई. 2014 की जनवरी में उस वक्त का सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज Mt.Gox अचानक से ऑफलाइन हो गया. इससे एक्सचेंज पर मौजूद 850,000 बिटकॉइन्स हमेशा-हमेशा के लिए गायब हो गए. 20 मार्च, 2014 को Mt. Gox ने बताया कि उसे एक पुराने डिजिटल वॉलेट में 199999.99 बिटकॉइन मिले हैं, जिसके बाद कुल गायब बिटकॉइन की संख्या 650,000 हो गई. इस मामले की अभी तक जांच हो रही है.

इसके बाद 2015 में बिटकॉइन फिर से 1,000 डॉलर की कीमत पर पहुंचा. अगले साल ही, Ethereum के आ जाने से बिटकॉइन की लीडरशिप को बड़ी चुनौती मिली. 2017 तक बिटकॉइन इतना पॉपुलर हो गया था कि इसकी कीमत 10,000 डॉलर तक पहुंच रही थी. क्रिप्टोकरेंसी से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे थे और इस इकोसिस्टम में पैसा डाल रहे थे. 2021 के अक्टूबर महीने तक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण 2.6 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है.

बिटकॉइन के बीते कुछ साल और अच्छे दिनों की शुरुआत.

2018 में बिटकॉइन एक बार फिर क्रैश हुआ. कई देशों ने इसपर बैन लगाने से लेकर कई तरीके के नियम-कानून लागू करने के कदम उठाए, जिससे कि इसकी कीमतें 80 फीसदी से ज्यादा गिर गईं. भारत में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? ट्रांजैक्शन न करने को लेकर निर्देश जारी किया गया. वहीं, इस साल बिटकॉइन की सबसे बड़ी चोरी हुी. BitConnect स्कैम में निवेशकों से 2 बिलियन डॉलर तक की धोखाधड़ी हुई.

बिटकॉइन के लिए 2019 की शुरुआत बहुत ही शांत तरीके से हुई. हालांकि, मई तक इसकी कीमत 8,000 डॉलर तक पहुंत गई. अगले महीने जून में ही इसमें 1,000 डॉलर तक की गिरावट आई, लेकिन जुलाई में यह 14,000 डॉलर तक पहुंचने में कामयाब रहा. यह साल बिटकॉइन के लिए अच्छा रहा. अगले साल यानी कि 2020 के महामारी के साल में बिटकॉइन को अच्छी तरक्की देखनी थी. हालांकि, वॉरेन बफेट जैसे कई बड़े उद्योगपतियों ने बिटकॉइन में निवेश को लेकर अच्छी बातें नहीं कहीं, लेकिन फिर भी इसकी कीमत चार गुना बढ़कर 28,000 डॉलर तक हो गई. भारत में मई, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के निर्देशों को खारिज कर दिया.

Bitcoin Price: ऑल टाइम हाई पर पहुंची बिटकॉइन की कीमत, जानिए- इस साल कितने बढ़े दाम

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Bitcoin Price: बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत अभी तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गई है. कल यानी रविवार को एक बिटकॉइन की कीमत 24,000 डॉलर से अधिक हो गई.

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24 घंटे के अंदर दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी बीटकॉइन की कीमत में 1.31 फीसदी की ग्रोथ हुई. कॉइनमार्केट कैप वेबसाइट APA के मुताबिक, अभी बिटकॉइन (Bitcoin) 1.9 फीसदी की तेजी के साथ 24,204 डॉलर प्रति बिटकॉइन पर कारोबार करती हुई नजर आई है. कहने का तात्पर्य यह है कि भी एक बिटकॉइन की कीमत 17 लाख 83 हजार 815 रुपये है.

बता दें, इस साल दुनिया की सभी करेंसीज का रिकॉर्ड तोड़ते हुए Bitcoin की कीमत में 350 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. किसी भी मुद्रा की यह अब तक की सबसे ज्यादा ग्रोथ है.

गौरतलब है कि दिसंबर 2017 के बाद पहली बार इस साल 15 दिसंबर को बिटकइन की कीमत ने 21,000 डॉलर के आंकड़े को पार किया था. दिसंबर 2017 में एक बिटक्वाइन की कीमत 23,000 डॉलर तक पहुंच बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? गई थी. पिछले एक सप्ताह में इसकी कीमतों में 3204 डॉलर यानी 2.36 लाख रुपये की बढ़ोतरी हुई है. बिटकॉइन का मार्केट कैप बढ़कर 31 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया है.
लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद करेंसी में 200 गुणा की तेजी देखने को मिली है. 2009 में लॉन्च हुई बिटक्वाइन की हिस्सेदारी दुनियाभर के कुल क्रिप्टोकरेंसी में 65.6 फीसदी है. इस क्रिप्टोकरेंसी को स्टारबक्स और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बिटकॉइन का व्यापार करने का सबसे अच्छा समय कब है? बड़ी कंपनियां पेमेंट के तौर पर स्वीकार करती है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

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