फुल सर्विस ब्रोकर्स: फुल सर्विस ब्रोकर्स अपने अनुभव एवं विश्लेषण के आधार पर निवेशकों को संपूर्ण सेवाएं प्रदान करते हैं। उदाहरण के तौर पर उचित स्टॉक उचित समय पर चुनाव करना एवं चुने गए स्टॉक में निवेश की जाने वाली राशि को सुनिश्चित करना। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों को और भी सेवाएं प्रदान करते हैं उदाहरण के तौर पर टैक्स संबंधी सुझाव, ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जाता है? एस्टेट प्लैनिंग, कंस्ट्रक्शन, इनिशियल पब्लिक आफरिंग आदि। फुल सर्विस ब्रोकर निवेशकों के पोर्टफोलियो में निरंतर सुधार ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जाता है? भी करते रहते हैं। इसी कारण फुल सर्विस ब्रोकर्स निवेशकों पर सामान्य से अधिक शुल्क लागू करते हैं।
Trading account क्या होता है?
शेयर बाजार से शेयर की खरीद-फरोख्त के लिए आप को Trading account की जरूरत पड़ती है। जिस तरह से आपको अपने शेयर को खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट की आवश्यकता होती है। ठीक उसी तरह ट्रेडिंग अकाउंट की सहायता से आप अपने शेयर की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
बहुत से लोगों को Demat account के बारे में जानकारी तो अवश्य होती है। लेकिन उन्हें एक समय के बाद अपने खरीदे गए शेयर को किन्ही कारणों से बेचना भी पड़ता है। ऐसी स्थिति में उन्हें Trading account की जरूरत पड़ती है।
अगर आप शेयर की खरीद-फरोख्त करना चाहते हैं तो आपको Demat account के साथ-साथ Trading account की भी आवश्यकता होती है। तभी आप शेयर की खरीद-फरोख्त कर सकते हैं। Demat account एक तरह से आपके बैंक अकाउंट की तरह ही कार्य करती है। जिसमें आप शेयर को डिजिटल तरीके से खरीद करके जमा करके रख सकते हैं।
Trading account क्या होता है?
Trading account को आप किसी broker के साथ खोलते हो, ताकि आप broker के जरिए अपने द्वारा खरीदे गए share की खरीद बिक्री कर सकते हैं।
उदाहरण, माना कि आपने इसी कंपनी xyz के शेयर खरीदें, यह शेयर आपके Demat account पर digitally जमा हो जाते हैं। SEBI के आदेश एवं नियम अनुसार आप बिना Demat account के शेयर नहीं खरीद सकते हैं। Demat account एक प्रकार से आपके saving bank account की तरह ही कार्य करती है। जैसे कि आप अपने saving बैंक अकाउंट पर पैसों को जमा करके रखते हो। आप जब चाहे तब अपने अकाउंट में मौजूद पैसों को पासबुक पर प्रिंट करवा करके देख सकते हो, या फिर ईमेल या एसएमएस के माध्यम से अपने अकाउंट की डिटेल एवं पैसे की जानकारी प्राप्त कर सकते हो। ठीक उसी तरह Demat account पर जमा आपके शेयर के बारे में जानकारी आप हासिल कर सकते हो।
Demat account क्या होता है? इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए हमारे लिंक पर क्लिक करके इसके बारे में पढ़ सकते हैं।
Online Share Trading कैसे करें?
जैसा कि हमने इसके बारे में पहले ही बताया है कि जब भी आप अपने लिए शेयर खरीदने के बारे में सोचते हैं। तो आपको सबसे पहले SEBI के आदेश एवं नियम अनुसार Demat account की आवश्यकता होती है।
वही जब अपने द्वारा खरीदे गए शेयर की खरीद बिक्री के बारे में सोचते हैं। तो यहां पर आपको एक Trading account की आवश्यकता होगी। यह ट्रेडिंग अकाउंट आप किसी broker के साथ खोलते हो। यहां पर यह सवाल आता है कि broker कौन होता है।
Broker शेयर बाजार पर रजिस्टर्ड एक मेंबर होता है। भारत में मुख्यता दो तरह के शेयर बाजार हैं, जिन्हें आप NSE (National Stock Exchange) और BSE (Bombay Stock Exchange) के नाम से जानते होंगे। Broker किसी भी Stock market का registered member होता है। जिसकी मदद से आप अपने द्वारा खरीदे गए शेयर को stock market पर खरीद बिक्री करते हो। इसके बदले में broker आपसे brokerage की वसूली करता है।
नीचे दिया गया वीडियो पूरा दे खें - Share Market में Online Account कैसे खोले (फ्री में) -
यदि आप नीचे दिए गए लिंक से डीमैट खाता खोलते हैं तो आप हमारा स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कोर्स मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं- 👉 Open Zerodha Demat Trading Account (Number 1 Company) from below- https://zerodha.com/open-account?c=ZMPDDY or 👉 Open 5Paisa Demat Trading Account ( Free Demat Account & lowest brokerage)- https://www.5paisapartners.com/partners-elite?rcode=NTIwNTAxODI
भारत में शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता अनिवार्य है। डीमैट खाता एक प्रकार का खाता है जिसका उपयोग शेयरों और प्रतिभूतियों की इलेक्ट्रॉनिक प्रतियां रखने के लिए किया जाता है।
1. सबसे पहले, आधिकारिक वेबसाइट (5Paisa or Zerodha) पर जाएं, एक डीमैट खाता पंजीकृत करें, और ओटीपी सत्यापन के साथ अपना मोबाइल नंबर सत्यापित करें।
COVID-19 में घर बैठे ऐसे खोलें डीमैट अकाउंट, शेयर की खरीद और बिक्री के लिए है जरूरी
अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.
भारत में कोविड 19 महामारी का प्रकोप बढ़ने और देश भर में लॉकडाउन किए जाने से पहले शेयर बाजार रिकॉर्ड हाई पर कारोबार कर रहा था. लेकिन लॉकडाउन लागू होने के बाद से इसमें बड़ी गिरावट आ गई. जैसे जैसे लॉकडाउन का असर बढ़ा, बेंचमार्क इंडेक्स में करेक्शन बढ़ता गया. 23 मार्च को लॉकडाउन घोषित होने के कुछ दिनों बाद बेंचमार्क इंडेक्स के वैल्युएशन में 40 फीसदी तक कमी आ गई. देखें तो इस वैल्युएशन पर खरीददारी का बेहतर मौका है और यहां से लंबी अवधि के लिए अच्छे शेयरों में निवेश किया जा सकता है.
क्या है डीमैट अकाउंट
शेयर बाजार में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट में शेयर के अलावा म्युचुअल फंड यूनिट, डिबेंचर, बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज भी रखी जा सकती हैं. डीमैट अकाउंट को ब्रोकर या फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन खोलते हैं. यह अकाउंट भी बैंक खाते की तरह ही काम करता है. अंतर इतना ही है कि बैंक अकाउंट में पैसों का लेनदेन होता है। जबकि डीमैट अकाउंट में शेयरों का लेनदेन होता है. जैसे बैंकों में पैसा सुरक्षित रहता है, वैसे ही डीमैट अकाउंट में शेयर सुरक्षित रहते हैं.
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कैसे खोलें डीमैट अकाउंट
ब्रोकर का चुनाव करें: सबसे पहले डिजिटल ब्रोकिंग फर्म (ऐप या वेब-बेस्ड) की तलाश करें जो सहज ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया, बेस्ट ब्रोकरेज चार्ज और वैल्यू-एडेड सेवाएं प्रदान करता है. कुछ ब्रोकरेज हाउसों के पास ट्रेड्स पर जीरो ब्रोकरेज चार्ज और दूसरों पर फ्लैट रेट्स हैं. ये दोनों फैक्टर आकर्षक हैं क्योंकि वे ट्रेडिंग करते समय आपको आवश्यक कॉस्ट-एडवांटेज प्रदान करते हैं.
इसके अलावा, जब आप डिजिटल रूप से ट्रेड करने जा रहे हैं, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पसंदीदा प्लेटफॉर्म से कोई तकनीकी गड़बड़ियां नहीं हुई हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसी कोई भी गड़बड़ आपके निवेश को संकट में डाल सकती है. ब्रोकरेज फर्म में आगे देखने के लिए इनडेप्थ रिसर्च और पर्सनलाइज्ड निवेश सिफारिशें भी प्रमुख विशेषताएं हैं.
खुद को रजिस्टर करें: सभी डिजिटल ब्रोकरेज फर्मों के पास ऑनलाइन कस्टमर ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया है. उनके प्लेटफॉर्म पर जाकर डिजिटल खाता खोलने के लिए फॉर्म भरें और पहचान और पते के प्रमाण अपलोड करें. इन केवाईसी दस्तावेजों में पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट आदि शामिल हैं. ब्रोकरेज फर्म भी आपकी मुश्किलों का हल अपनी हेल्पलाइन के माध्यम से करने में आपकी सहायता करती हैं.
डीमैट अकाउंट ओपन करना
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए स्टॉक ब्रोकर के साथ डिमैट अकाउंट ओपन करना भी अनिवार्य है। डिमैट अकाउंट निवेशक द्वारा संग्रहित सभी प्रकार की सिक्योरिटी को दर्शाता है। डीमैट अकाउंट का उपयोग निवेशक द्वारा खरीदे गई सभी प्रकार की सिक्योरिटी को संग्रहित करने के लिए किया जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट के उपयोग द्वारा शेयर खरीदे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डिमैट अकाउंट में क्रेडिट हो जाती है एवं इसके विपरीत शेयर के बेचे जाने पर संबंधित शेयर की संख्या डीमैट अकाउंट से डेबिट हो जाती है।
डिमैट अकाउंट ओपन करने के लिए केवाईसी फॉर्म के साथ निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
बैंक अकाउंट लिंक करना
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग आरंभ करने के लिए बैंक अकाउंट का ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक होना अनिवार्य है। ट्रेडिंग अकाउंट का बैंक अकाउंट के साथ लिंक होना स्टॉक मार्केट में होने वाली खरीद-फरोख्त को सहज बनाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट के सक्रिय होने एवं ट्रेडिंग अकाउंट एवं बैंक अकाउंट लिंक होने के बाद निवेशक ट्रेडिंग आरंभ कर सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश एक लाभप्रद विकल्प है एवं इसके पोर्टफोलियो को विविधीकरण प्रदान कर इसे अधिक लाभप्रद बनाया जा सकता है।
ध्यान दें बैंक अकाउंट लिंक करने के लिए आपको कुछ अलग से नहीं करना पड़ता है। ट्रेडिंग अकाउंट खोलते वक्त आपका बैंक अकाउंट खुद ब खुद आपके ट्रेडिंग अकाउंट के साथ लिंक कर दिया जाता है।
डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?
- Connect@ Money9.com
- Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST
शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जाता है? लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोला जाता है? से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.
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