रूस ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ तर्क दिया है कि उनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है। हालांकि इसे 2020 में कानूनी दर्जा दिया गया, लेकिन भुगतान के साधन के रूप में उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया। गुरुवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट में केंद्रीय बैंक ने कहा कि सट्टा मांग ने मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी के तेजी से विकास को निर्धारित किया है।

RBI Governor Warns About Private Cryptocurrencies, See Full Details

Amit Shah बोले- युवाओं को कट्टर बनाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का बढ़ रहा इस्तेमाल

No Money for Terror: Amit Shah on terrorists attacks

No Money for Terror: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद रोधी वित्तपोषण पर 'नो मनी फॉर टेरर' विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. उन्होंने कहा कि यह सभी देशों की सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व तथा ऐसे देश अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें.

आतंकी हिंसा के लिए बढ़ रहा वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग

आतंकवाद के वित्त पोषण को टेरर से बड़ा खतरा बताते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि इसे किसी धर्म, राष्ट्रीयता या समूह से नहीं जोड़ा जा सकता है और ना ही जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवादी हिंसा करने, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने और वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए लगातार नए तरीके खोज रहे हैं. इसके लिए वे साइबर अपराध के उपकरणों का इस्तेमाल कर और अपनी पहचान छिपाकर कट्टरपंथ की सामग्री फैला रहे हैं. अमित शाह ने साथ ही कहा कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी वर्चुअल संपत्तियों का उपयोग भी बढ़ रहा है और साइबर अपराध के उपकरणों के माध्यम से होने वाली गतिविधियों के तौर-तरीकों को भी समझना होगा तथा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग उसके उपाय ढूंढ़ने होंगे.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा है. हालांकि, मेरा मानना है कि आतंकवाद का वित्तपोषण आतंकवाद से भी ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि इस तरह के वित्तपोषण से आतंकवाद के साधन और तरीके पोषित होते हैं. इसके अलावा, आतंकवाद का वित्तपोषण दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है. उन्होंने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि आतंकवाद का खतरा किसी धर्म, राष्ट्रीयता या किसी समूह से जुड़ा नहीं हो सकता है और न ही होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद का डायनामाइट से मेटावर्स और एके-47 से वर्चुअल एसेट्स तक का परिवर्तन, दुनिया के देशों के लिए निश्चित ही चिंता का विषय है. अमित शाह ने सभी देशों से साथ मिलकर इसके खिलाफ साझा रणनीति तैयार करने का आह्वान किया.

पाकिस्तान-चीन पर अमित शाह ने परोक्ष रूप से बोला हमला

अमित शाह ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत ने क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सुरक्षा ढांचे के साथ-साथ कानूनी और वित्तीय प्रणालियों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. उन्होंने कहा कि यह हमारे निरंतर प्रयासों का परिणाम है कि भारत में आतंकवादी घटनाओं में अत्यधिक कमी हुई है और इसके परिणामस्वरूप आतंकवाद के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान में भी भारी कमी हुई है. पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि दुर्भाग्य से कुछ देश ऐसे भी हैं, जो आतंकवाद से लड़ने के लिए सामूहिक प्रयासों को कमजोर और नष्ट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों का बचाव करते हैं और क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग उन्हें पनाह भी देते हैं. आतंकवादी को संरक्षण देना, आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि ऐसे तत्व और ऐसे देश, अपने इरादों में कभी सफल न हो सकें.

अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन का जिक्र करते हुए शाह ने कही ये बात

अफगानिस्तान में हुए सत्ता परिवर्तन का उल्लेख करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 21 अगस्त, 2021 के बाद दक्षिण एशिया में स्थिति बदल गई है और अल-कायदा व आईएसआईएस का बढ़ता प्रभाव क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में उभर कर सामने आया है. उन्होंने कहा क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कि इन नए समीकरणों ने आतंकी वित्त पोषण की समस्या को और अधिक गंभीर बना दिया है. तीन दशक पूर्व ऐसे ही एक सत्ता परिवर्तन के गंभीर परिणाम पूरी दुनिया को सहने पड़े और अमेरिका के 9/11 जैसे भयंकर हमले को हम सभी ने देखा है. उन्होंने कहा कि इस पृष्ठभूमि में पिछले साल दक्षिण एशिया क्षेत्र में हुआ परिवर्तन सभी के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि अल कायदा के साथ-साथ दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे गुट बेखौफ होकर आज भी आतंक फैलाने की फिराक में हैं.

जानें कैसे दुनिायभर में करती है काम क्रिप्टोकरेंसी करेंसी?

नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गयी है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गयी है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए।

भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। बाय-यूक्वाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शिवम ठकराल ने कहा कि कंपनी उम्मीद करती है कि विधेयक भारतीय क्रिप्टो धारकों, भारतीय क्रिप्टो उद्यमियों और निवेशकों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखेगा, जिन्होंने भारत में क्रिप्टो करेंसी के विकास में अपना विश्वास रखा है। उन्होंने कहा, "नई ब्लॉकचेन परियोजनाओं के फलने-फूलने के लिए क्रिप्टो विधेयक में पर्याप्त लचीलापन होना चाहिए और हमारा मानना है कि व्यापार के लिए भारत में किसी भी एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से पहले नयी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक मानक प्रक्रिया होनी चाहिए।

रूस ने क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और माइनिंग पर प्रतिबंध लगाने का रखा प्रस्ताव

Russia proposes ban on use and mining of cryptocurrencies

रूस ने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ तर्क दिया है कि उनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है। हालांकि इसे 2020 में कानूनी दर्जा दिया गया लेकिन भुगतान के साधन के रूप में उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

नई दिल्ली, रायटर। रूस के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वित्तीय स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इसकी मौद्रिक नीति संप्रभुता के क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग लिए खतरों का हवाला देते हुए रूसी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग और खनन पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया। यह कदम वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी क्रैकडाउन में नई है क्योंकि एशिया से संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकारों को चिंता है कि निजी तौर पर संचालित और अत्यधिक अस्थिर डिजिटल मुद्राएं वित्तीय और मौद्रिक प्रणालियों के उनके नियंत्रण को कमजोर कर सकती हैं।

वो देश जहां बहुत कॉमन है क्रिप्टो करेंसी

  • News18Hindi Last Updated : August 03, 2021, 14:27 IST

 पिछले कुछ सालों में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बहुत अधिक चर्चा में हैं. इसकी वजह एक तो इसमें बढ़ता निवेश है जो इसकी तेजी से बढ़ती कीमतों को कारण हैं. वैसे तो बिटक्वाइन बहुत चर्चित क्रिप्टोकरेंसी है, लेकिन इसके अलावा डेजीक्वाइन, मार्कर, ईथेरियम डैश जैसी मुद्राओं ने भी काफी हलचल मचा रखी है. ये सीमा पार पैसे भेजने (Remittance) के एक बहुत ही बढ़िया विकल्प के तौर पर सामने आई हैं. आज दुनिया में बहुत से देश ऐसे हैं जहां के बहुत सारे लोग में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने लगे हैं. स्टेटिस्टा ग्लोबल कंज्यूमर सर्वे की इस सूची के शीर्ष पांच देशों में दुनिया के बड़े देश (Econmies) शामिल नहीं हैं.प्रतीकात्मक तस्वीर: shutterstock)

Unocoin- क्रिप्टो का उपयोग करके गिफ्ट कार्ड खरीदें

Unocoin- भारत में लोकप्रिय क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक है। अब उपयोगकर्ताओं को बिटकॉइन का उपयोग करके 95 से अधिक विभिन्न ब्रांडों के वाउचर खरीदने की सुविधा दे रहा है। यदि आप एक यूनोकॉइन यूजर्स हैं, तो आप यात्रा, रेस्तरां, लाइफ स्टाइल, कपड़े, होटल, यूटिलिटी आदि के लिए वाउचर खरीदने के लिए बिटकॉइन का उपयोग कर सकते हैं, जो रुपये से शुरू होता है।

100 से रु. 5,000 इसके लिए आपको अपने डिजिटल वॉलेट में बिटकॉइन के साथ केवाईसी-सत्यापित ग्राहक होने की आवश्यकता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए यूनोकॉइन को ओपन करें और शॉप टैब पर जाएं। यहां अपना पसंद के वाउचर का चयन करें और उसके मूल्यवर्ग का चयन करें। यह आपको आवश्यक बीटीसी दिखाएगा, क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग जो आपको उस वाउचर को प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। फिर आप वाउचर कोड प्राप्त करने के लिए भुगतान पर क्लिक कर सकते हैं।

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