Trading Account: ट्रेडिंग अकाउंट से कैसे अलग है Demat अकाउंट, क्या है दोनों में फर्क

दुनियाभर में कहीं भी आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट के साथ शेयर और सिक्योरिटीज को खरीद या बेच सकते हैं। बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप यह काम नहीं कर पाएंगे। ट्रेडिंग अकाउंट के अस्तित्व में आने के बाद से ही संपूर्ण शेयर-व्यापार प्रक्रिया काफी सहज हो चुकी है

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट उतना ही जरूरी है जितना की कार के लिए ईधन। इस खाते के होने के बाद ही आप शेयर मार्केट में निवेश करके लाखों, करोड़ों का लाभ उठा सकेंगे। अक्सर देखा जाता है कि लोग ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों को एक मान लेते हैं, जबकि ऐसा नहीं है। ये दोनों खाते ही अलग-अलग होते है।

जहां डीमैट अकाउंट को ट्रेडिंग की दिशा में पहला कदम कहा जाता है। भारत में शेयर खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग खाता खोलना जरुरी और अनिवार्य कदम है। डीमैट अकाउंट का उपयोग शेयरों के रिकॉर्ड को रखने के लिए किया जाता है। अगर हम दूसरे शब्दों में कहें तो एक डीमैट अकाउंट आपको आपके पहले से खरीदे गए शेयरों और सभी सिक्योरिटीज को स्टोर करने की अनुमति देता है, जबकि एक ट्रेडिंग खाते से आप वास्तविक लेनदेन करते हैं।

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दुनियाभर में कहीं भी आप अपने ट्रेडिंग अकाउंट के साथ शेयर और सिक्योरिटीज को खरीद या बेच सकते हैं। बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप यह काम नहीं कर पाएंगे। ट्रेडिंग अकाउंट के अस्तित्व में आने के बाद से ही संपूर्ण शेयर-व्यापार प्रक्रिया काफी सहज हो चुकी है। इस वजह से अब आम लोग भी आसानी से ट्रेडिंग करने का लाभ उठा पा रहे हैं। वर्तमान समय में आप अपना ट्रेडिंग मार्केट में मौजूद किसी भी कंपनी में खुलवा सकते है। यह कंपनी आपकी खरीद और स्टॉक एक्सचेंजों के बीच मध्यस्थता की तरह काम करता है।

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सभी ट्रेडिंग खाते के लिए एक आईडी मैप की जाती है, और प्रत्येक खाते को अतिरिक्त सुरक्षा के लिए एक पासवर्ड द्वारा सुरक्षित भी प्रदान किया जाता है। आपको इस आर्टिकल में हम एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बारे में सभी जानकारी स्टेप वाइज बताने वाले हैं और साथ ही एक ट्रेडिंग अकाउंट को खोलने में आपको कौन से डॉक्यूमेंट की जरुरत होगी इसकी भी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने की प्रक्रिया

●ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए किसी भी ट्रेडिंग अकाउंट जैसे 5paisa की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं या इसका मोबाइल एप भी डाउनलोड कर सकते हैं।

●उस प्रॉम्प्ट पर क्लिक करें जिसमें लिखा होगा कि 'एक ट्रेडिंग खाता खोलें'।

●वेबसाइट आपको एक नए पृष्ठ पर री डायरेक्ट करेगी, जहां आपको अपने सभी बुनियादी विवरण दर्ज करने होंगे।

●एक बार जब आप उन विवरणों को जमा कर देते हैं, तो आपको अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी पर वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) भेजा जायेगे।

●ओटीपी को संबंधित क्षेत्रों में इनपुट करें और सबमिट बटन पर क्लिक करें।

●ओटीपी के सत्यापन के बाद, आपको एक ट्रेडिंग खाता खोलने का फॉर्म भरना होगा।

●एक बार ऐसा करने के बाद, एक रिलेशनशिप मैनेजर (आरएम) दस्तावेजीकरण आवश्यकताओं के संबंध में आपके फोन या आपके ईमेल पर आपसे संपर्क किया जाएगा।

●दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया पूरी होने और बाद में सभी हस्ताक्षरित फ़ॉर्म प्राप्त करे और इसके बाद आपका ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता 24 घंटों के भीतर चालू हो जाएगा।

Demat और Trading अकाउंट में क्या फर्क होता है? स्टॉक ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो समझ लें ये कैसे होते हैं अलग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं.

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शेयर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं तो आपको यह पता होना चाहिए कि आपके पास इसके लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट अकाउंट रखना स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए सबसे पहली शर्त है. इसके अलावा एक ट्रेडिंग अकाउंट भी है, जिसकी जरूरत आपके इन्वेस्टमेंट नेचर के हिसाब से पड़ती है. डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दो अलग-अलग चीजें होती हैं. डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या शेयर को रख सकते हैं, वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट से आप ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इनका फर्क, इनका काम और इनका रोल समझना जरूरी है.

Demat Account क्या होता है?

डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक एक डीमैट नंबर दिया जाता है जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं.

इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?

डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में कुछ बेसिक फर्क

1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.

2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.

3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.

डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?

आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.

हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.

Demat vs Trading Account: डीमैट व ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

Demat vs Trading Account: इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं।

शेयर बाजार

शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।

आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है की जरूरत पड़ती है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।

विस्तार

शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

कितने तरह के होते हैं डीमैट अकाउंट और कैसे खुलवाएं डीमैट खाता ? जानिए पूरी जानकारी

देश में मौजूदा वक्त में 10 करोड़ से ज्यादा डीमैट अकाउंट होल्डर हैं. अगर आप भी डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं और इसको लेकर आपके मन में सवाल है तो हम आपके सारे सवालों का जवाब आज देने जा रहे हैं. जैसे कि डीमैट अकाउंट क्या होता है, ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है. दोनों अलग कैसे हैं और कितने प्रकार का डीमैट अकाउंट होता है.

what is a demat account, what is a trading account. How are both different and how many types of demat account are there.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए जरूरी हैं ये दो अकाउंट, जानिये डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है?

ब्रोकिंग फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है

नई दिल्‍ली, ब्रांड डेस्‍क। आज के माहौल में सिर्फ पारंपरिक निवेश के विकल्पों जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस की छोटी बचत योजनाएं, पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निर्भर रहना बेवकूफी है। बढ़ती महंगाई ना सिर्फ आपका मुनाफा खा रहा है बल्कि आपकी बचत में सेंध लगा रहा है। ऐसे में निवेशक को निवेश का ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो ना सिर्फ महंगाई को मात दे सके बल्कि आपको भविष्य को भी सुरक्षित कर सके। निवेश का यह विकल्प है स्टॉक मार्केट। तकनीक के इस दौर में शेयर बाजार में निवेश बहुत आसान हो गया। एक डीमैट अकाउंट खोलकर आप बाजार में ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं। बैंक खाते की तरह इसमें आपके शेयर जमा होते हैं।

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कैसे होती है सिक्योरिटी की खरीद और बिक्री

ब्रोकिंग डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है फर्म ट्रेडिंग की सुविधा के लिए तीन अकाउंट को लिंक करता है। पहला Demat Account, दूसरा Trading Account और तीसरा Bank Account। ट्रेडिंग अकाउंट से डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है ऑर्डर दिए जाते हैं। Demat Account सिक्योरिटी और बैंक अकाउंट कैश की जिम्मेदारी रखता है। निवेश काफी अहम प्रक्रिया होती है और उसमें बड़े पैमाने पर कैश का इस्तेमाल होता है इसलिए तीनों चरणों को अलग अलग रखा गया है। जब कोई निवेशक कारोबार करना चाहता है तो पहले वो कैश को बैंक खाते से रिलीज करता है, जिसके बाद इस रिलीज की गई रकम के आधार पर ट्रेडिंग अकाउंट से ऑर्डर दिए डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है जाते हैं। ऑर्डर पूरा होने पर खरीदी गई सिक्योरिटी को Demat Account में सुरक्षित कर लिया जाता है। वहीं बिक्री की स्थिति में पहले निवेशक डीमैट अकाउंट में उन सिक्योरिटी को चुनता है जिसे उसे बेचना हो, इसका बाद Trading Account में ऑर्डर का विकल्प दिखता है। शेयर की बिक्री का ऑर्डर ट्रेडिंग अकाउंट से दिया जाता है। डील पूरी होने पर डीमैट अकाउंट से सिक्योरिटी रिलीज कर उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है जिसने इन सिक्योरिटी को खरीदा है और वहां से मिला पैसा सिक्योरिटी बेचने वाले निवेशक के बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाता है। देखने में ये काम काफी पेचीदा लगता है, लेकिन इसकी जिम्मेदारी ब्रोकर्स और डिपॉजिटरी के हाथ में होती है। निवेशक सिर्फ कुछ जानकारी भर कर और कुछ विकल्पों का चुनाव कर ये प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर सकता है।

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डीमैट अकाउंट क्या है

जहां आपके शेयर और निवेश कागजात डिजिटल रूप में रखे जाते हैं

ट्रेडिंग अकाउंट क्या है

इसके जरिए आप ट्रेडिंग कर सकते हैं, सिक्योरिटी खरीद सकते हैं, निवेश कर सकते हैं और ये डीमैट अकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है से लिंक होता है।

डिपॉजिटरी क्या होते हैं

डिपॉजिटरी वो संस्थाएं होती हैं जहां निवेशकों के सभी निवेश डॉक्यूमेंट सुरक्षित होते हैं। देश में दो डिपॉजिटरी हैं जिन्हें एनएसडीएल और सीडीएसएल के रूप में जाना जाता है। इन संस्थाओं के साथ डिपॉजिरी पार्टिसिपेंट यानि डीपी जुड़े होते हैं जिन्हें हम शेयर ब्रोकर के रूप में भी जानते हैं। ये ग्राहकों को सेवाएं देते हैं और एनएसडील या सीडीएसएल और आम निवेशकों के बीच लिंक का काम करते हैं। उदाहरण के लिए एनएसडील के जुड़े डीपी या Broking फर्म अपने ग्राहकों के लिए डीमैट अकाउंट खोलते हैं और इन ग्राहकों के निवेश डिजिटल रूप में NSDL में डिपॉजिट होते हैं। वहीं CDSL के साथ जुड़े डीपी अपने ग्राहकों को डीमैट की सुविधा देते हैं और इन निवेश दस्तावेजों को सीडीएसएल के पास सुरक्षित रखते हैं। ध्यान रखें कि डीमैट खाते डिपॉजटरी खोलती है, ब्रोकिंग फर्म या डीपी इसके लिए एक माध्यम होते हैं। जो कि आपको ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट की सुविधा देते हैं। 5paisa भी आपके लिए बिना शुल्क, बेहद कम समय में Demat Account खोलता है और साथ ही ब्रोकरेज के लिए आकर्षक दरें भी ऑफर करता है। तो आज ही 5paisa।com पर अपना Demat Account खोलें!

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