ETF की सीमाएं क्या हैं?

ETF निष्क्रिय(पैसिव) निवेश के साधन होते हैं जो मुख्य इंडेक्स को ट्रैक करते हैं और एक्सचेंज में शेयरों की तरह उनमें कारोबार होता है। लेकिन एक्सचेंज में किसी ब्रोकर के माध्यम से ETFs खरीदे या बेचे जाने चाहिए। ETFs में कारोबार करने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना ज़रूरी है और आपको हर ट्रांज़ैक्शन के लिए ब्रोकर को कमीशन देनी होगी। अगर आप ETFs की रीयल-टाइम ट्रेडिंग का फ़ायदा उठाने के लिए उनमें कारोबार करने की इच्छा रखते हैं, तो कमीशन से जुड़ा खर्च समय के साथ आपके रिटर्न को कम कर सकता है।

दूसरी बात, ETF रुपया-लागत औसत का लाभ पेश नहीं करते जो म्यूचुअल फंड्स में SIP के माध्यम से उपलब्ध होता है। अगर आप ETFs में नियमित रूप से निवेश करना चाहते हैं, तो आपको हर ट्रांज़ैक्शन पर कमीशन से जुड़ा खर्च उठाना होगा। ETF ग्रोथ और डिविडेंड जैसी विशेषताएं पेश नहीं करते जहाँ निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुन सकते हैं। उदाहरण के लिए, ETFs नियमित आमदनी चाहने वाले किसी सेवानिवृत्त व्यक्ति या नियमित रूप से डिविडेंड का भुगतान चाहने वाले किसी व्यक्ति की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर सकते।

कुछ ETF विशेष या सेक्टर विशिष्ट होते हैं और उनमें कम कारोबार होता है। ETF में ट्रांज़ैक्शन करते हुए निवेशक बोली/मांग(bid/ask) के व्यापक प्रसार (ETF की मौजूदा कीमत और उसकी NAV में अंतर) का सामना कर सकते हैं। यद्यपि ETFs इंट्राडे ट्रेडिंग के मौके पेश करते हैं जो छोटी अवधि में आकर्षक हो सकते हैं, वे किसी लंबी-अवधि की वित्तीय योजना के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।

ETF की सीमाएं क्या हैं?

Investments in securities are subject to market risks. Read all the documents or product details carefully before investing. WealthDesk Platform facilitates offering of WealthBaskets by SEBI registered entities, ETF की सीमाएं क्या हैं? termed as "WealthBasket Managers" on this platform. Investments in WealthBaskets are subject to the Terms of Service.

WealthDesk is a platform that lets you invest in systematic, modern investment products called WealthBasket.

WealthDesk Unit No. 001, Ground Floor, Boston House, Suren Road, Off. Andheri-Kurla Road, Andheri (East), Mumbai, Mumbai City, Maharashtra- 400093

© 2022 Wealth Technology & Services Private Limited. CIN: U74999MH2016PTC281896

Exchange Traded Fund- एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड
Exchange Traded Fund: एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) कई लोगों के वित्तीय संसाधनों को इकट्ठा करते हैं और इसका उपयोग शेयरों जैसे विभिन्न ट्रेडेबल मॉनेटरी एसेट, बॉन्ड्स एवं डेरिवेटिव जैसे डेट सिक्योरिटीज की खरीद के लिए करते हैं। अधिकांश ईटीएफ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकृत होते हैं। स्टॉक मार्केट की सीमित विशेषज्ञता वाले निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प है।

एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) किस प्रकार काम करते हैं ?
ईटीएफ शेयर और म्युचुअल फंड दोनों की विशेषताओं को साझा करते हैं। आम तौर पर वे क्रिएशन ब्लॉक के जरिये प्रॉड्यूस्ड शेयरों के रूप में स्टॉक मार्केट में ट्रेड करते हैं। ईटीएफ फंड सभी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होते हैं और उन्हें इक्विटी ट्रेडिंग टाइम के दौरान जरूरत के अनुसार खरीदा और बेचा जा सकता है। ईटीएफ की शेयर कीमत में परिवर्तन रिसोर्सेज के पूल में उपस्थित मूलभूत एसेट की लागतों पर निर्भर करता है। अगर एक या अधिक एसेट की कीमत बढ़ती है तो ईटीएफ की शेयर कीमत भी आनुपातिक रूप से बढ़ती है और कीमत घटने पर घटती है। ईटीएफ के शेयरधारकों द्वारा प्राप्त लाभांश की वैल्यू संबंधित ईटीएफ कंपनी के प्रदर्शन और एसेट प्रबंधन पर निर्भर करती है। कंपनी के नियमों के अनुसार वे सक्रिय या निष्क्रिय रूप से मैनेज होते हैं।

सक्रिय रूप से प्रबंधित ईटीएफ, शेयर बाजार की स्थितियों का सावधानीपूर्वक आकलन करने और उच्च संभावना वाली कंपनियों में निवेश करने के द्वारा सुनियोजित जोखिम लेने के बाद एक पोर्टफोलियो मैनेजर द्वारा ऑपरेट किया जाता है। दूसरी तरफ, निष्क्रिय रूप से प्रबंधित ईटीएफ विशिष्ट बाजार सूचकांकों के रुझान का अनुसरण करता है और केवल उन्हीं कंपनियों में निवेश करता है जो बढ़ते चार्ट में सूचीबद्ध होती हैं। म्युचुअल फंड या किसी कंपनी के शेयरों में निवेश करने के बजाय किसी ईटीएफ में निवेश करने के कई लाभ होते हैं।

ईटीएफ की सीमाएं
ईटीएफ का ट्रांजेक्शन फंड मैनेजरों द्वारा किया जाता है जो ब्रॉकरेज फीस लेते हैं और डीमैट खाता खोलने की जरूरत होती है। इसके अतिरिक्त, इन्हें बाजार रुझानों के अनुरूप उतार चढ़ाव का भी सामना करना पड़ता है। ईटीएफ संगठन अक्सर बड़ी क्षमता वाली छोटी कंपनियों की अनदेखी करते हैं।

आप भी कर सकते हैं ईटीएफ में निवेश, ये हैं फायदे

ईटीएफ को खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है. इसकी वजह यह है कि इसकी ट्रेडिंग शेयर बाजार में होती है

आप भी कर सकते हैं ईटीएफ में निवेश, ये हैं फायदे

कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट ETF की सीमाएं क्या हैं? को ट्रैक करता है. मान लीजिए कि कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है. ऐसे में यह ईटीएफ अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा. यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा. आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी.

खरीदना और बेचना आसान
ईटीएफ की एक बड़ी खूबी यह है कि इसे खरीदना और बेचना अपेक्षाकृत आसान है. इसकी वजह यह है कि इसकी ट्रेडिंग शेयर बाजार में होती है. इसमें निवेश के लिए आपको म्यूचुअल ETF की सीमाएं क्या हैं? फंड के डिस्ट्रिब्यूटर के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती. म्यूचुअल फंड की आम स्कीमों में अपनी यूनिट्स बेचने के लिए भी आपको म्यूचुअल फंड कंपनी के पास जाना पड़ता है. सीएफपी जितेंद्र पी एस सोलंकी कहते हैं कि शेयर बाजार में खरीद-फरीख्त होने से इसकी कीमत रियल टाइम होती हैं. यह इसकी बड़ी खासियत है. यह बात म्यूचुअल फंड स्कीम में नहीं है.

छोटी रकम से भी निवेश
ईटीएफ में आप छोटी रकम से भी निवेश कर सकते हैं. अगर कोई निवेशक निफ्टी में शामिल कंपनियों में निवेश करना चाहता है तो उसे इन 50 शेयरों में निवेश करना पड़ेगा. इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होगी. अगर आप किसी ऐसे ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, जिसका अंडरलाइंग निफ्टी 50 इंडेक्स है तो आप थोड़े पैसे से भी इस ईटीएफ की यूनिट्स खरीद सकते हैं. इससे आपको निफ्टी50 में शामिल कंपनियों के रिटर्न का फायदा उठाने का मौका मिलेगा.

कम एक्सपेंस रेशियो
ईटीएफ में एक्सपेंस रेशियो भी म्यूचुअल फंड की स्कीमों के मुकाबले कम होता है. इसमें एक्सपेंस रेशियो 0.5 से 1 फीसदी के बीच होता है. इसके मुकाबले म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों का एक्सपेंस रेशियो 2.5 फीसदी तक हो सकता है. मधुपम कृष्णा का कहना है कि इसकी दूसरी खासियत यह ETF की सीमाएं क्या हैं? है कि इसमें म्यूचुअल फंड्स स्कीम की तरह आपको एग्जिट लोड भी नहीं देना पड़ता. इन खासियतों की वजह से पिछले कुछ सालों में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है. अब छोटे शहरों में भी निवेशक ईटीएफ में पैसा लगा रहे हैं.

संस्थागत निवेशक ETF में बढ़ा रहे हैं निवेश, जानिए क्या है वजह

संस्थागत निवेशक लगातार एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों और फंड ऑफ फंड्स में अपनी दिलचस्पी बढ़ा रहे हैं.

shutterstock_1083422363

म्यूचुअल फंड वितरकों का मानना है कि EPFO 12,000 से 15,000 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकते हैं, जो काफी अधिक है.

संस्थागत निवेशकों की श्रेणी में बैंक, बीमा कंपनियां, कर्मचारी भविष्य ETF की सीमाएं क्या हैं? निधि संगठन (EPFO) और अन्य घरेलू संस्‍थान शामिल हैं. ETF में इस श्रेणी के निवेशकों का निवेश बढ़ने के कई प्रमुख और ठोस कारण बताए जा रहे हैं.

EPFO-ETF

म्यूचुअल फंड वितरकों का मानना है कि EPFO 12,000 से 15,000 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकते हैं, जो काफी अधिक है. यह दर्शाता है कि सरकारी भविष्य निधि संगठन कितने प्रभावशाली हो सकते हैं. ETF की संरचना भी संस्थागत निवेशकों को लुभाती है.

इसके अलावा, ETFs का खर्च सक्रिय फंडों की तुलना में काफी कम होता है. कई दफा बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में अल्फा रिटर्न की पहचान कर पाना भी कठिन हो जाता है, क्योंकि सक्रिय फंड्स आर्थिक कमजोरी की वजह से भी निराश कर सकते हैं. ऐसे में ETF निवेश एक विवेकपूर्ण विकल्प बन जाता है.

रेटिंग: 4.90
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 258