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भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में

नई दिल्ली। पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर कठुआ में रणजीत सागर झील के ऊपर 02 अगस्त की रात को दुर्घटनाग्रस्त हुए भारतीय सेना के ध्रुव हेलीकॉप्टर के मलबे का कुछ हिस्सा बरामद कर लिया गया है लेकिन दोनों पायलटों का अभी तक पता नहीं चला है। हेलीकॉप्टर उड़ा रहे सेना की आर्मी एविएशन के पायलट जयंत जोशी के भाई ने दुर्घटना के बाद चल रहे सेना और नौसेना के रेस्क्यू ऑपरेशन पर सवाल उठाते हुए अपने माता-पिता की तरफ से भावुक अपील की है। इस पर भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने खोज अभियान के बारे में पहली बार अधिकृत जानकारी दी है।

पायलट जयंत जोशी के भाई नील ने अपने निजी ट्विटर एकाउंट से 09 अगस्त को एक साथ चार ट्वीट किये। उन्होंने ट्वीट में कहा, “मेरे भाई कैप्टन जयंत जोशी का हेलीकॉप्टर 02 अगस्त को पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सीमा पर रणजीत सागर बांध में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। करीब 1 हफ्ते बाद भी उनका पता नहीं चला है। काश मैं अपने माता-पिता की पीड़ा को समझा पाता। मलबे को निकालने का अभियान घोंघे की गति से जारी है, जिसका कोई अंत नहीं है। यदि पायलट मलबे के साथ पानी में हैं तो एक सप्ताह के बाद अवशेषों की स्थिति मेरे माता-पिता को सदमे में छोड़ देगी।”

उन्होंने आगे कहा, “मेरी मां ने सेना में 40 साल की सेवा की है। दूसरी पीढ़ी के अधिकारी के लिए भारतीय सेना की उदासीनता आश्चर्यजनक है। हमने इस बिंदु पर सारी उम्मीद खो दी है। नौसेना और थल सेना का दिन-ब-दिन निरर्थक तलाशी अभियान हमारे माता-पिता के लिए यातना जैसा है, जिन्हें कोई भी समाचार सुनने के लिए प्रतिदिन प्रतीक्षा करनी पड़ती है। वह चाहे जिस भी स्थिति में हो। मैं इस कठिन समय में अपने माता-पिता की देखभाल करने की कोशिश कर रहा हूं, मेरी ताकत भी टूट रही है। उसकी किसी भी खबर के लिए दोस्त और परिवार बेताब हैं।”

इसके जवाब में भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने खोज अभियान के बारे में पहली बार अधिकृत जानकारी देते हुए बताया गया कि सैन्य अध���कारी उस हेलीकॉप्टर की तलाश में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जो 02 अगस्त को दो पायलटों के साथ दुर्घटनाग्रस्त होकर रणजीत सागर जलाशय में गिर गया था। विशाल जलाशय 25 किमी. लंबा, 8 किमी. चौड़ा और 500 फीट से अधिक गहरा है। भारतीय सेना के साथ समन्वय में भारतीय नौसेना 02 अधिकारियों, 04 जूनियर कमीशंड अधिकारियों और 24 अन्य रैंक के साथ ऑपरेशन रेस्क्यू चला रही है। इसके अलावा भारतीय सेना विशेष बल गोताखोरों में 02 अधिकारी, 01 जूनियर कमीशंड अधिकारी और 24 अन्य रैंक के साथ के नौसेना को सहयोग कर रही है।”

पश्चिमी कमान ने कहा, “मल्टी बीम सोनार, साइड स्कैनर, दूर से संचालित वाहन और अंडरवाटर मैनिपुलेटर्स को चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई और कोच्चि से लाकर ऑपरेशन में लगाया गया है। खराब मौसम और बारिश के बावजूद तलाशी अभियान बेरोकटोक जारी है। इसके अलावा सेना, नौसेना, भारतीय वायुसेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, गैर सरकारी संगठनों, राज्य पुलिस, बांध प्राधिकरण और देश भर की निजी फर्मों के खास उपकरणों को भी लगाया गया है। 60mx60m के एक छोटे से क्षेत्र को स्थानीयकृत किया गया है और कोच्चि से विशेष सोनार इक्प्ट को भेजा जा रहा है ताकि खोज अभियान अंतिम चरण में प्रवेश कर सके।”

ऑपरेशन में आ रही दिक्कतों का उल्लेख करते हुए बताया गया है, “इस मौसम में पानी की कोलाइडल प्रकृति के कारण 50 मीटर से नीचे शून्य दृश्यता है, इसलिए गहरे पानी के नीचे का संचालन विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है, जो सोनार और सेंसर की सटीकता पर ��्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसके बावजूद विशेषज्ञ और गोताखोर लगातार खोज अभियान चला रहे हैं। तलाशी अभियान को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

आरबीआई गवर्नर ने बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का बचाव किया, कहा-डॉलर में उतार-चढ़ाव बड़ी चिंता

पिछले कुछ वक्त में भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक काफी निवेश कर रहे हैं. इससे भारत की विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ कर 586 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है.

By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 18 Jan 2021 02:49 PM (IST)

आरबीआई ने देश में लगातार बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार का बचाव किया है. शनिवार को ननी पालखीवाल मेमोरियल लेक्चर में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत जैसी उभरती अर्थव्यवस्था के लिए डॉलर में उतार-चढ़ाव से और ग्लोबल अर्थव्यवस्था से बचाव के लिए उथलपुथल सलिए विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने का अलावा और कोई चारा नहीं है. दास ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब अमेरिका भारत को करेंसी मैनिपुलेटर्स देशों में शामिल करने को तैयार दिख रहा है.

अमेरिका ने भारत को निगरानी सूची में रखा है

अमेरिका की ओर से पिछले महीने भारत को निगरानी सूची में रखने बाद इस मामले को लेकर दास का यह पहला बयान है. अमेरिका ने कहा है कि भारत ने करंट अकाउंट सरप्लस के दो मानदंडों में से दो हासिल कर लिए हैं और वह लगातार इकतरफा हस्तक्षेप कर रहा है. अमेरिका ने विदेशी मुद्रा बाजार में लगातार हस्तक्षेप करने के लिए भारत समेत वियतनाम, स्विट्जरलैंड और सिंगापुर की आलोचना की थी. लेकिन दास ने शनिवार को कहा कि ग्लोबल अर्थव्यवस्था के ऐसे अनिश्चित दौर में उभरती अर्थव्यवस्थाओं पर सबसे ज्यादा मार पड़ती है. ऐसी स्थिति से बचने के लिए भारत जैसे देशों के पास विदेशी मुद्रा बफर बनाए रखने के अलावा और कोई चारा नहीं होता

एफपीआई निवेश में बढ़ोतरी विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

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पिछले कुछ वक्त में भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक काफी निवेश कर रहे हैं. इससे भारत की विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ कर 586 अरब डॉलर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. दास ने कहा कि ग्लोबल और घरेलू अर्थव्यवस्था के उभरते नए ट्रेंड पर आरबीआई की पैनी नजर है. वह किसी भी स्थिति में नीतिगत हस्तक्षेप के जरिये हालात नियंत्रण करने के लिए तैयार है.

Published at : 18 Jan 2021 02:49 PM (IST) Tags: FPI foreign currency reserve Shakti Kant Das RBI हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

डेली करेंट अफेयर्स डाइजेस्ट: 17 दिसंबर 2020

प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स से सम्बंधित जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है. इसमें आज कोरोना वायरस और खेल मंत्रालय से संबंधित जानकारी संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है.

Daily Current Affairs Digest in Hindi

प्रतिदिन के करेंट अफेयर्स से सम्बंधित जानकारी को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है. इसमें आज कोरोना वायरस और खेल मंत्रालय से संबंधित जानकारी संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत किया गया है.

चांद के नमूने लेकर लौटा चांग ई-5 यान

चीन का चांग ई-5 यान चंद्रमा की सतह से पत्थर और मिट्टी के नमूने लेकर पृथ्वी पर लौट आया है. अमेरिका के अपोलो और सोवियत संघ के लूना चंद्र अभियानों के बाद पहली बार कोई देश चांद की सतह से नमूने लेकर आया है.

इन नमूनों से पृथ्वी के इस उपग्रह की सतह और उसके अतीत के बारे में नई जानकारियाँ मिल सकेंगी. अंतरिक्ष में लगातार अपनी क्षमता बढ़ाता जा रहा चीन इस मिशन की कामयाबी को एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व ऑलराउंडर एरिक फ्रीमैन का निधन

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व टेस्ट ऑलराउंडर एरिक फ्रीमैन का निधन हो गया. वे 76 साल के थे. फ्रीमैन ऑस्ट्रेलिया के 244वें टेस्ट खिलाड़ी थे और उन्होंने 1968 में गाबा में भारत के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था.

फ्रीमैन ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 11 इंटरनेशनल टेस्ट मैच खेले जिसमें 345 रन बनाए और दो अर्धशतक जड़े. उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 34 विकेट भी लिए. फ्रीमैन ने फरवरी 1970 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपने करियर का आखिरी टेस्ट मैच खेला था.

विश्व बैंक ने भारत के लिये चार परियोजनाओं को मंजूरी दी

विश्व बैंक ने 16 दिसंबर 2020 को भारत में विकास कार्यों की सहायता के मकसद से 80 करोड़ डॉलर से अधिक की लागत वाली चार परियोजनाओं को मंजूरी दी. इनमें छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण और त्वरित कृषि वृद्धि परियोजना (चिराग), नगालैंड: कक्षा शिक्षण और संसाधन परियोजना का विस्तार तथा दूसरा बांध सुधार और पुनर्वास परियोजना शामिल हैं.

विश्व बैंक के भारत में क्षेत्रीय निदेशक जुनैद अहमद ने कहा कि चारों परियोजनाएं टिकाऊ और मजबूत अर्थव्यवस्था बनाने के भारत के प्रयासों को संबल प्रदान करेंगी. एक बयान के मुताबिक 10 करोड़ डॉलर की लागत वाली छत्तीसगढ़ समावेशी ग्रामीण और त्वरित कृषि वृद्धि परियोजना सतत उत्पादन व्यवस्था विकसित करेगी.

खेल मंत्रालय ने पैरालंपिक समिति पर लगा बैन तुरंत प्रभाव से हटाया

खेल मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) पर लगा बैन तुरंत प्रभाव से हटा दिया है. पैरालंपिक समिति पर खेल मंत्रालय ने पिछले साल खराब संचालन के कारण यह बैन लगाया था. इसके बाद पीसीआई ने अपने अध्यक्ष राव इंद्रजीत को बर्खास्त करने का फैसला किया था.

मंत्रालय को राव इंद्रजीत की शिकायत मिली थी जिन्हें बहुमत से हटाया गया. मंत्रालय ने पाया कि शिकायत को लेकर महासंघ का जवाब संतोषजनक नहीं था. पीसीआई ने 4 मई को आम सभा की बैठक में अपने उप नियमों भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में के बदलाव करते हुए सरकारी सेवा से जुड़े लोगों को प्रतिबंधित कर दिया था. राव इंद्रजीत केंद्र सरकार में राज्य मंत्री (योजना) हैं.

अमेरिका ने भारत को 'करेंसी मैनिपुलेटर्स' देशों की निगरानी लिस्ट में डाला

अमेरिका ने भारत के प्रति सख्त रुख दिखाते हुए इसे भी चीन, ताइवान जैसे दस देशों के साथ 'करेंसी मैनुपुलेटर्स' यानी मुद्रा में हेरफेर करने वाले देशों की 'निगरानी सूची' में डाल दिया है. अमेरिका ने भारत ​सहित जिन दस देशों को इस सूची में डाला है.

वे सभी इसके बड़े व्यापारिक साझेदार हैं. इस निगरानी सूची में भारत, चीन, ताइवान के अलावा जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, इटली, सिंगापुर, थाइलैंड और मलेशिया शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वियतनाम और स्विट्जरलैंड ने संभावित रूप से अनुचित मुद्रा दस्तूर या अतिशय बाहरी असंतुलन की पहचान की है जिनका अमेरिका की तरक्की पर असर पड़ा है.

Career Options: ये हैं भविष्‍य के टॉप 6 टेक करियर ऑप्‍शन, मिलता है अच्छा सैलरी पैकेज

टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आजकल काफी स्कोप है और आप इसमें आसानी से करियर भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में बना सकते हैं। चलिए जानते हैंं टॉप करियर ऑप्शन के बारे में-

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हाइलाइट्स

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) में बना सकते हैं करियर
  • साइबर सिक्यॉरिटी में करियर बनाना है आसान
  • जानें ऐसे ही 6 कोर्स के बारे में

2. साइबर सिक्यॉरिटी (Cybersecurity)
बढ़ते टेक्नॉलजी ने जहां हमारे जीवन में क्रांति ला दिया है वहीं इसके कुछ खतरे भी सामने आए हैं। हाल के दिनों में कंप्यूटरों को हैक करने यानी आपके सिस्टम की जानकारी तक किसी और की पहुंच होना के मामले बढ़े हैं। इससे न सिर्फ किसी खास व्यक्ति या कंपनी को खतरा है बल्कि देश को भी खतरा है। इसलिए आज के समय में सरकार और संगठन साइबर सिक्यॉरिटी को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं और इस फील्ड के पेशेवर की काफी मांग है। इस फील्ड में करियर बनाने के लिए साइबर सिक्योरिटी और फोरेंसिक्स में स्पेशलाइजेशन के साथ कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बी.टेक से भी काफी मदद मिलेगी। यहां पर आप इन्फर्मेशन सिक्योरिटी ऐनालिस्ट, सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, साइबर पॉलिसी ऐनालिस्ट आदि जॉब प्रोफाइल पर काम भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: एयर होस्‍टेस बनकर चाहती हैं ऊंचाइयों को छूना तो यहां जानें कोर्स, स्किल्स और करियर ऑप्‍शन

3. नैनोटेक्नोलॉजी (Nanotechnology)
नैनोटेक्नोलॉजी भी एक ऐसा फील्ड है जो छात्रों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। दरअसल इसमें सूक्ष्म चीजों का अध्ययन किया जाता है। मॉडर्न साइंस में नैनो टेक्नोलॉजी एक ऐसी अप्लॉइड साइंस है, जिसमें 100 नैनोमीटर से छोटे पार्टिकल्स पर रिसर्च और काम किया जाता है। नैनो टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों जैसेकि, स्पेस रिसर्च, प्रॉडक्ट डेवलपमेंट, जेनेटिक्स, हेल्थ इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, इन्वायरमेंट इंडस्ट्रीज, प्राइवेट रिसर्च इंस्टीट्यूट, बायोटेक्नोलॉजी, फोरेंसिक साइंस में भी इन दिनों बेहतरीन अवसर उपलब्ध हैं। नैनो टेक्नोलॉजी में एक्सपर्ट्स को भारत में टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री और फार्मास्युटिकल कंपनियों से काफी आकर्षक जॉब ऑफर्स मिलते हैं। कोरोना के बाद से इस फील्‍ड में युवाओं की मांग तेजी से बढ़ी है।

4. क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud-computing)
क्लाउड कंप्यूटिंग ऐसी तकनीक है जो हमें इंटरनेट पर आभासी संसाधनों को उपलब्ध कराती है। इस समय यह ऑप डिमांडिंग करियर ऑप्‍शन में से एक है। जिन छात्रों के पास कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग वगैरह में डिग्री है वे आसानी से इस फील्ड में करियर बना सकते हैं। यहां पर आप सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट, आईटी आर्किटेक्ट, टेक्निकल कंसल्टेंट, क्लाउड सॉफ्टवेयर इंजिनियर आदि जॉब कर सकते हैं।
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5. रोबोटिक इंजीनियरिंग (Robotics engineer)
यह एक तरह का ऑटोमेटिक मैकेनिकल डिवाइस है। जो कंप्यूटर प्रोग्रामिंग या मशीनी प्रोग्रामिंग भाषा की सहायता से काम करता है। इसे आप आसानी से अपनी इच्छा अनुसार कंट्रोल में कर सकते है या इससे काम भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में ले सकते है। इस सिस्टम में सेंसर, कंट्रोल सिस्टम, मैनिपुलेटर्स(manipulators) , पावर सप्लाई और सॉफ्टवेयर जैसी चीजें एक साथ वर्क करती हैं। अगर हम रोबोटिक्स इंजीनियरिंग की बात करे तो यह कई ब्रांचो से मिलकर बनी है। इसमें कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर और मैकेनिकल इंजीनियर मिलकर रोबोट के डिजाइन , कंस्ट्रक्शन , पावर सप्लाई , इन्फॉर्मेशन प्रोसेसिंग और सॉफ्टवेयर पर काम करता है।

6. डाटा साइंटिस्‍ट (Data scientist)
दुनिया में बढ़ती सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी के कारण आज के समय में छात्रों के लिए डाटा साइंटिस्ट बनना बेस्ट करियर ऑप्शन हो सकता है। डाटा साइंस हम उसे कह सकते हैं जिसके तहत किसी भी डाटा का विश्लेषण कर उसकी जानकारी निकाल सकें। आज के समय में कंप्यूटर विज्ञान का एक हिस्सा है, डाटा साइंस सांख्यिकी गणित, सांख्यिकी, सूचना सिद्धांत, सूचना प्रौद्योगिकी आदि जैसे कई क्षेत्रों में सिद्धांतों और तकनीकों का उपयोग करता है। डाटा साइंटिस्ट बनने के लिए आपके पास कई स्किल का होना जरूरी है, जिसमें से मुख्‍य रूप से मैथ, कंप्‍यूटर साइंस, मैनेजमेंट, अपीयर मैथ से डिग्री व डिप्लोमा जरूरी है। साथ ही आपको सांख्यिकीय मॉडलिंग और व्यवहार्यता की भी जानकारी होनी चाहिए। इसके अलावा आपको पाइथन, जावॉ, रा, सास, जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्‍वेज की भी जानकारी होनी चाहिए।

Robotic Engineering में करियर कैसे बनाएं?

रोबोट एक चलती फिरती मशीन है जो इंसानी तथा मशीनी कार्य करती है. इसके कार्य करने के पीछे कंप्यूटर प्रोग्राम और इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का संयोजन होता है. रोबोट को आप जो काम देते हैं

By रवि नामदेव On Jun 5, 2021 5,901 0

robotic engineering hindi

इंसानों के कई सारे काम मशीन करने लगी है. इसी के चलते रोबोट का भी आविष्कार हुआ जिसे इंसान की तरह बनाया गया और उससे इंसानी कार्य कराए गए. इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण सोफिया रोबोट है जो इंसानों की तरह बात करने में सक्षम है. अगर आप भी रोबोट में रुचि रखते हैं और इस फील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आप रोबोटिक इंजीनियर (Robotic Engineer) बनकर अपने करियर को सही दिशा दे सकते हैं.

रोबोटिक इंजीनियरिंग क्या है? (What is Robotic Engineering?)

रोबोटिक्स इंजीनियरिंग क्या है इससे पहले ये जान लेना चाहिए कि रोबोट क्या होता है? रोबोट एक चलती फिरती मशीन है जो इंसानी तथा मशीनी कार्य करती है. इसके कार्य करने के पीछे कंप्यूटर प्रोग्राम और इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का संयोजन होता है. रोबोट को आप जो काम देते हैं वो उसे पूरा करता है. जैसे आप गूगल असिस्टेंट को बोलते हैं ठीक वैसे ही आपको रोबोट को भी बोलकर काम करवाना होता है. रोबोटिक्स इंजीनियरिंग रोबोट के इर्द-गिर्द है. इसमें आप रोबोट निर्माण, डिजाइन, संचालन से संबंधित कार्यों को सीखते हैं.

रोबोटिक्स साइन्स की वह शाखा है जिसमें आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंसी को विकसित किया जाता है और ऑटोमैटिक मैकेनिकल डिवाइस और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की मदद से एक मशीन तैयार की जाती है जो ऑटोमैटिक और रिप्रोग्रामेबल होती है. जिसे रोबोट कहा जाता है. इसमें सेंसर, मैनिपुलेटर्स, पावर सप्लाई, कंट्रोल सिस्टम और सॉफ्टवेयर होता है.

रोबोटिक्स इंजीनियर कैसे बने? (How to become a robotic engineer?) भारत करेंसी मैनिपुलेटर्स लिस्ट में

रोबोटिक्स इंजीनियर बनने के लिए आपकी रुचि तकनीक तथा आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंसी में होनी चाहिए. अगर आप इन दोनों में रुचि रखते हैं तो नीचे दिये गए प्रोसेस को फॉलो करके रोबोटिक इंजीनियर बन सकते हैं.

– सबसे पहले 11वी और 12वी फिजिक्स, केमेस्ट्री और मैथ के साथ पास करें.

– 11वी और 12वी की पढ़ाई के साथ ही IIT Entrance Exam की तैयारी करें.

– 12वी पास होने के साथ ही IIT Entrance Exam दें. इसमें आई रैंक के आधार पर आपका एडमिशन देश के किसी कॉलेज में होगा.

– कॉलेज में आप कंप्यूटर, आईटी, मैकेनिकल, मेकाट्रोनिक्स, इलेक्ट्रिकल में से किसी एक ब्रांच को ले सकते हैं.

– ग्रेजुएशन पूरा होने के बाद आप रोबोटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं. इसके लिए आपको GATE एग्जाम देना होगा जिसके माध्यम से आपका प्रवेश पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए होगा.

रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के बेस्ट कॉलेज (Robotics Best College)

रोबोटिक्स की पढ़ाई के लिए देश में कई बेहतरीन संस्थान हैं जिनमें पढ़कर आप रोबोटिक्स इंजीनियर बन सकते हैं.

– इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइन्स, बैंगलोर
– आईआईटी दिल्ली, कानपुर, मद्रास, मुंबई, खड़कपुर, गुवाहटी, रुड़की
– बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी
– थापर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटियाला
– नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
– सेंटर फॉर आर्टिफ़िश्यल इंटेलिजेंसी एंड रोबोटिक्स, बैंगलोर

रोबोटिक इंजीनियर की सैलरी (Robotic Engineer Salary)

रोबोटिक इंजीनियरिंग एक ऐसी फील्ड है जिसमें जाने के बाद आपको सैलरी की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है. इसमें शुरुआत में ही आपको 50 हजार से 1 लाख रुपये तक की सैलरी मिल जाती है. इसके बाद अनुभव के आधार पर आपकी सैलरी बढ़ती जाती है. अनुभव हो जाने के बाद आपकी सैलरी लाखों में हो सकती है.

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