Statement by NPCI as on 7th April 2022. With reference to some recent media reports around the purchase of Cryptocurrencies using UPI, National Payments Corporation of India would like to clarify that we are not aware of any crypto exchange using UPI. Please see attached document pic.twitter.com/lGTcaSLKeC — NPCI (@NPCI_NPCI) April 7, 2022
FTX की तरफ अगर भारत में दिवालिया हुआ कोई क्रिप्टो-एक्सचेंज, तो निवेशकों का क्या होगा?
दुनिया के दूसरे सबसे बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज FTX की वैल्यू सिर्फ कुछ दिनों में 32 अरब डॉलर से दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई
दुनिया के दूसरे सबसे आसान क्रिप्टो एक्सचेंजिंग बड़े क्रिप्टो-एक्सचेंज एफटीएक्स (FTX) के धराशायी होने की खबर आप तक आपके कानों में पहुंच गई है। अमेरिका में कारोबार करने वाले इस क्रिप्टो-एक्सचेंज का मुख्यालय बहमास में है। क्रिप्टो-एक्सचेंज, ग्राहकों को क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने की सुविधा देते हैं। तो FTX के साथ हुआ क्या था? FTX तब धाराशायी हुआ, जब कई रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि उसके फाउंडर सैम बैंकमैन-फ्राइड की कंपनी अल्मेडा रिसर्च के पास कंपनी में भारी FTT होल्डिंग्स है और इसका इस्तेमाल वह और कर्ज जुटाने में कर रही है।
आसान शब्दों में समझें तो, इसका मतलब यह था कि अगर FTT की वैल्यू गिरी तो इसके साथ FTX की वैल्यू भी गिर जाएगी। कम से कम ऐसी आशंका थी। इस खबर ने FTX के लिए नया संकट खड़ा कर दिया, जब दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो-एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) ने कहा कि वह अपनी FTT होल्डिंग को बेच रही है।
Binance ने नहीं की FTX की मदद
इससे बाद लोगों ने अपनी FTT होल्डिंग्स को निकालना शुरू कर दिया, जिसने FTX पर भारी दबाव ला दिया। इसके बाद Binance ने FTX में हिस्सेदारी खरीद उसे मदद का ऑफर दिया, लेकिन फिर वह पीछे हट गई। इसके बाद FTX धराशायी हो गई और उसने अपने संपत्ति बिकने से बचने के लिए बीते 11 नवंबर को अमेरिका में दिवालिया कानून के तहत संरक्षण की मांग की है।
सीबीआईसी ने क्रिप्टो एक्सचेंज से जानकारी मांगी
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने भारत के शीर्ष क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से डिजिटल परिसंपत्तियों, मूल्यांकन आदि का पूरा ब्योरा मांगा है। सीबीआईसी ने डिजिटल सिक्कों के प्रकार, खरीद-फरोख्त वाले टोकन, उनका मूल्यांकन और उन्हें किस प्रकार विभाजित किया जाता है आदि से संबंधित जानकारी मांगी है।
सीबीआईसी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना चाहता है। वह क्रिप्टो परिसंपत्ति वर्ग की परिभाषा और वर्गीकरण पर काम कर रहा है ताकि हरेक लेनदेन मूल्य पर कर देयता का निर्धारण हो सके।
इस मामले से अवगत एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'हमने पूरे परिसंपत्ति वर्ग के संबंध में विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए क्रिप्टो एक्सचेंजों के साथ कई बैठकें की हैं। हमने खरीद-फरोख्त में शामिल विभिन्न क्रिप्टो उत्पादों पर एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसमें लेनदेन शुल्क और उसकी गणना के तरीके के बारे में भी जानकारी देने के लिए कहा गया है।'
अधिकारी ने कहा कि इन डिजिटल उत्पादों के मूल्य एवं लेनदेन के बारे में स्पष्टता से पता लगेगा कि उसके साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए और उसे जीएसटी व्यवस्था में किस प्रकार समाहित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इससे यह भी निर्धारित करना आसान होगा कि क्रिप्टो उत्पादों पर कर की दरें क्या होनी चाहिए।
क्रिप्टो एक्सचेंजों को इसी महीने ब्योरा देने को कहा गया है। जीएसटी आमतौर पर मार्जिन, सेवा पर देय होता है, न कि पूरे मूल्य पर। सीबीआईसी प्रत्येक क्रिप्टो उत्पाद (सिक्के एवं टोकन) के मूल्य की जांच कर रहा है और यह देखने की कोशिश कर रहा है कि उसका लेनदेन किस प्रकार होता है। यह भी आकलन किया जा रहा है कि परिसंपत्ति वर्ग के पूरे मूल्य को कर के दायरे में लाया जाए अथवा नहीं।
डेलॉयट के पार्टनर एमएस मणि ने कहा, 'विभिन्न क्रिप्टो लेनदेन का वर्गीकरण और उसकी कर देयता निर्धारित करना आवश्यक है क्योंकि यह उद्योग विभिन्न अधिकारियों की अलग-अलग व्याख्या पर निर्भर है। आयकर आसान क्रिप्टो एक्सचेंजिंग के लिहाज से भी इन व्याख्याओं में सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता है।'
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी बाजार में कई प्रकार के टोकन चलन में हैं। इनमें सबसे आम यूटिलिटी और भुगतान टोकन हैं। इनके लिए न तो कोई निवेश किया गया और न ही किसी विनियमन द्वारा गारंटी दी गई है।
फिलहाल क्रिप्टो एक्सचेंजों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया है और इसे वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इस बीच, आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने क्रिप्टो ऐसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (सीएआरएफ) तैयार किया है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को प्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत वर्चुअल डिजिटल परिसंपत्ति के तौर पर परिभाषित किया है।
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What is a Stablecoin
2:50 Min Read
The past decade has seen significant innovation in the digital currency space. Bitcoin was an advancement in money-related tech followed by Ethereum, a decentralized development platform that enables its users to आसान क्रिप्टो एक्सचेंजिंग build and deploy decentralized applications. These creations have dominated news headlines as people have piled onto आसान क्रिप्टो एक्सचेंजिंग the bandwagon and begun getting in on the action of blockchain technology and digital currencies. One such आसान क्रिप्टो एक्सचेंजिंग digital currency is Tether (USDT), an Ethereum-based token pegged to the value of a U.S. dollar, also known as a stablecoin.
Stablecoins are a class of crypto assets that attempt to offer price stability and are backed by a reserve asset. There is no single definition of a stablecoin in the industry, but they all share the goal of maintaining a stable valuation, with respect to some reference asset whether that be the US Dollar, Gold, or something else.
As national governments debate how—if at all—to regulate cryptocurrencies, they will undoubtedly examine Tether’s understanding of exchange operations as well as its relationship with national banks around the world. If Tether is found lacking, it could have significant consequences in the digital currency space. While USDT has a strong value proposition, it remains to be seen if stablecoins can weather the storm when governments really get involved in cryptocurrency. If not, it could create a domino effect, with the price of other cryptocurrencies falling and creating a widespread, negative market reaction.
Overall, Tether, and stablecoins like it, are a unique product with a lot of promise. However, as it currently is still in its infancy, these concerns are not unexpected. For investors, this information is important. If you are an investor in the cryptocurrency market, you should factor these facts into your decision-making process.
There are many opportunities for stablecoins to grow. Offering an alternative to other cryptocurrencies, or even fiat money of the United States or nations around the world and improving the way people transact. The technology underlying cryptocurrency has many benefits and stablecoins could help alleviate some of those issues. Before stablecoins can reach this potential level of adoption, there are still some challenges to overcome, but I believe that stablecoins could become one of the most widely used forms of currency in coming years.
Crypto में करते हैं निवेश तो ध्यान दें! NPCI ने UPI के जरिए क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को लेकर कही ये बड़ी बात
Cryptocurrency exchange: NPCI ने स्पष्ट किया कि उन्हें ऐसे किसी क्रिप्टो एक्सचेंज की जानकारी नहीं है, जो ट्रांजैक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करती है.
Cryptocurrency exchange: क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेजों द्वारा ट्रांजैक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करने की खबरों पर NPCI ने कहा कि उन्हें ऐसे किसी एक्सचेंज की जानकारी नहीं है, जो UPI का इस्तेमाल करते हैं. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने गुरुवार को बताया कि उन्हें ट्रांजैक्शन के लिए UPI का इस्तेमाल करने वाले किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट एक्सचेंज (VDA Exchange) के बारे में जानकारी नहीं है.
एनपीसीआई ने दिया स्पष्टीकरण
NPCI ने एक बयान में कहा कि UPI का इस्तेमाल करके क्रिप्टोकरेंसी की खरीद के बारे कुछ मीडिया ने हाल ही में रिपोर्टस की. इसे लेकर NPCI यह स्पष्ट करना चाहता है कि हमें UPI का इस्तेमाल करने वाले किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज (Cryptocurrency exchanges) के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
Statement by NPCI as on 7th April 2022. With reference to some recent media reports around the purchase of Cryptocurrencies using UPI, National Payments Corporation of India would like to clarify that we are not aware of any crypto exchange using UPI. Please see attached document pic.twitter.com/lGTcaSLKeC
— NPCI (@NPCI_NPCI) April 7, 2022
एनपीसीआई भारत में रिटेल पेमेंट और सैटलमेंट सिस्टम के ऑपरेशन के लिए एक अम्ब्रेला संगठन है.
क्रिप्टो पर लगा है 30 फीसदी टैक्स
एक अधिकारी ने बताया कि आयकर विभाग क्रिप्टो एक्सचेजों (Cryptocurrency exchanges) के हर ट्रांजैक्शन पर कड़ी नजर बनाए हुए है. यूनियन बजट 2022 में वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टो पर 30 फीसदी टैक्स को प्रस्तावित किया गया था, जो कि 1 अप्रैल, 2022 से लागू है. उन्होंने बताया कि आयकर अधिकारियों को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा ऐसा करने का निर्देश दिया गया है.
देश में हैं 40 क्रिप्टो एक्सचेंज
वित्त मंत्रालय के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि हमारे अधिकारी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेजों पर कड़ी नजर रखेंगे. इकी संख्या लगभग 40 है, जहां बिटकॉइन, एथेरियम (Bitcoin, Etherium) जैसे प्रमुख सिक्कों में लेनदेन चल रहा है.
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अधिकारियों ने बताया कि इन 40 क्रिप्टो एक्सचेजों में से 10 प्रमुख रूप से क्रिप्टोकरेंसी की सेल और पर्चेज में काम कर रहे हैं, जिनका कारोबार 34,000 करोड़ रुपये से 1 ट्रिलियन रुपये के बीच है.
उन्होंने बताया कि क्रिप्टो एक्सचेजों के अलावा आईटी अधिकारी रिपोर्टिंग संस्थाओं के माध्यम से क्रिप्टो के ट्रांजैक्शन को भी ट्रैक करेंगे. अधिकारी ने कहा कि 1 जुलाई, 2022 तक, जब विभाग क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 1 फीसदी TDS काटना शुरू करेगा, तो विभाग के लिए क्रिप्टो ट्रांजैक्शन को ट्रैक करना आसान हो जाएगा.
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