Updated Thu, 03 Sep 2020 11:25 PM IST
बाजार के प्रकार
कैपिटल मार्केट/पूंजी बाजार (Capital Market): एक पूंजी बाजार एक वित्तीय बाजार है जिसमें दीर्घकालिक ऋण या इक्विटी-समर्थित प्रतिभूतियों को खरीदा और बेचा जाता है। पूंजी बाजार उन लोगों के लिए बचतकर्ताओं की संपत्ति को दर्शाता है जो इसे दीर्घकालिक उत्पादक उपयोग में डाल सकते हैं, जैसे कि कंपनियां या सरकारें दीर्घकालिक निवेश कर रही हैं।
पूंजी बाजार की परिभाषा।
पूंजी बाजार/कैपिटल मार्केट, का उपयोग लंबी अवधि के निवेश के लिए बाजार का अर्थ करने के लिए किया जाता है, जिसमें पूंजी के स्पष्ट या निहित दावे होते हैं। दीर्घकालिक निवेश उन निवेशों को संदर्भित करते हैं जिनकी लॉक-इन अवधि एक वर्ष से अधिक है।
पूंजी बाजार में, इक्विटी शेयर और प्राथमिकताएं, जैसे कि इक्विटी शेयर, वरीयता शेयर, डिबेंचर, शून्य-कूपन बॉन्ड, सुरक्षित प्रीमियम नोट और जैसे खरीदे और बेचे जाते हैं, साथ ही यह उधार और उधार के सभी रूपों को कवर करता है।
कैपिटल मार्केट/पूंजी बाजार उन संस्थानों और तंत्रों से बना है जिनकी सहायता से मध्यम और दीर्घकालिक फंडों को मिलाकर व्यक्तियों, व्यवसायों और सरकार को उपलब्ध कराया जाता है। दोनों निजी प्लेसमेंट स्रोत और संगठित बाजार जैसे प्रतिभूति विनिमय इसमें शामिल हैं।
पूंजी बाजार के कार्य।
निम्नलिखित कार्य नीचे हैं;
- लंबी अवधि के निवेश को वित्त देने के लिए बचत का जुटान।
- प्रतिभूतियों के व्यापार बाजार के प्रकार बाजार के प्रकार की सुविधा।
- लेन-देन और सूचना लागत का न्यूनतमकरण।
- उत्पादक परिसंपत्तियों के स्वामित्व की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रोत्साहित करें।
- शेयरों और डिबेंचर जैसे वित्तीय साधनों का त्वरित मूल्यांकन।
- निश्चित समय-सारिणी के अनुसार लेनदेन निपटान को सुगम बनाता है।
- व्युत्पन्न व्यापार के माध्यम से बाजार या मूल्य जोखिम के खिलाफ बीमा की पेशकश।
- प्रतिस्पर्धी मूल्य तंत्र की मदद से पूंजी आवंटन की प्रभावशीलता में सुधार।
पूंजी बाजार अर्थव्यवस्था की अंतर्निहित ताकत का एक पैमाना है। यह कंपनियों के लिए वित्त का सबसे अच्छा स्रोत है, और निवेशकों को निवेश के रास्ते का एक स्पेक्ट्रम प्रदान करता है, जो बदले में अर्थव्यवस्था में पूंजी निर्माण को प्रोत्साहित करता है।
पूंजी बाजार के प्रकार।
पूंजी बाजार को दो खंडों में विभाजित किया जाता है, प्राथमिक बाजार, और द्वितीयक बाजार; नीचे हम उनकी चर्चा कर रहे हैं:
अन्यथा न्यू इश्यूज मार्केट के रूप में कहा जाता है, यह पहली बार नई प्रतिभूतियों बाजार के प्रकार के व्यापार के लिए बाजार है। यह प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश और आगे की सार्वजनिक पेशकश दोनों को गले लगाता है। प्राथमिक बाजार में, धन का जमाव प्रॉस्पेक्टस, राइट इश्यू और प्रतिभूतियों के निजी प्लेसमेंट के माध्यम से होता है।
द्वितीयक बाजार को पुरानी प्रतिभूतियों के लिए बाजार के रूप में वर्णित किया जा सकता है, इस अर्थ में कि प्रतिभूतियां जो पहले प्राथमिक बाजार में जारी की जाती हैं, उनका कारोबार यहां किया जाता है। ट्रेडिंग निवेशकों के बीच होती है, जो प्राथमिक बाजार में मूल मुद्दे का अनुसरण करती है। यह स्टॉक एक्सचेंज और ओवर-द-काउंटर बाजार दोनों को कवर करता है।
पूंजी बाजार निवेश के संबंध में निवेशक को उपलब्ध जानकारी की गुणवत्ता में सुधार करता है। इसके अलावा, यह कॉरपोरेट गवर्नेंस के नियमों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो कि व्यापारिक माहौल का समर्थन करता है। इसमें सभी प्रक्रियाएं शामिल हैं जो पहले से मौजूद प्रतिभूतियों के हस्तांतरण में मदद करती हैं।
बाजार के प्रकार
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खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू)
भारतीय खाद्य निगम कमी वाले मौसम के दौरान खाद्यान्नों, विशेष रूप से गेहूं की आपूर्ति में वृद्धि करने और इस प्रकार कमी वाले क्षेत्रों में खुले बाजार में मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए पूर्व-निर्धारित दरों पर ई-नीलामी के माध्यम से खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू के अंतर्गत गेहूं और( चावल अधिशेष स्टॉक की बिक्री करता है।
शेयर बाजार में कब लगता है लोअर सर्किट?
शेयर बाजार में कई शेयरों में सर्किट लगता है. सर्किट दो प्रकार के होते हैं- अपर सर्किट और लोअर सर्किट.
घरेलू शेयर बाजार में किसी इंडेक्स या शेयर में आई बड़ी गिरावट पर स्वत: कारोबार पर रोक लग जाती है. जिस स्तर पर (फीसदी में) कारोबार रुकता है, उसे सर्किट कहा जाता है.
2. लोअर सर्किट का इस्तेमाल कब होता है?
शेयर बाजर में इंडेक्स आधारित सर्किट पूरे बाजार पर लागू होता है. इसके तीन चरण होते हैं. यह 10 फीसदी, 15 फीसदी और 20 फीसदी की गिरावट पर लगता है. यह सर्किट लगने पर इक्विटी और इक्विटी डेरिवेटिव कारोबार रुक जाता है.
बाजार में सर्किट तब लगता है कि जब दोनों ही प्रमुख सूचकांकों- बीएसई सेंसेक्स या निफ्टी 50 इंडेक्स में से किसी भी इंडेक्स में निर्धारित गिरावट आती है. एक इंडेक्स पर सर्किट लगने बाजार के प्रकार पर दूसरे पर सर्किट स्वत: ही लागू हो जाता है.
3. कितनी देर के लिए रुकता है कारोबार?
10 फीसदी का सर्किट नियम
यदि 10 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले आती है, तो बाजार में एक घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
यदि 10 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार 30 मिनट के लिए रुक जाता है. इसमें शुरुआती 15 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है. यदि 2.30 बजे के बाद 10 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 3.30 बजे तक जारी रहता है.
15 फीसदी का सर्किट नियम
यदि 15 फीसदी की गिरावट 1 बजे से पहले बाजार के प्रकार आती है, तो बाजार में दो घंटे के लिए कारोबार रोक दिया जाता है. इसमें शुरुआती 1 घंटा और 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
यदि 15 फीसदी का सर्किट दोपहर 1 बजे के बाद लगता है, तो कारोबार एक घंटे के लिए रुक बाजार के प्रकार जाता है. इसमें शुरुआती 45 मिनट तक कारोबार पूरी तरह रुका रहता है और 15 मिनट का प्री-ओपन सेशन होता है.
यदि 2.30 बजे के बाद 15 फीसदी का लोअर सर्किट लगता है, तो कारोबार सत्र के अंत तक यानी 3.30 बजे तक रुका रहता है.
20 फीसदी का सर्किट नियम
यदि शेयर बाजार के प्रकार बाजार में प्रमुख सूचकांक पूरे दिन में कभी भी 20 फीसदी तक लुढ़क जाते हैं, तो कारोबार को पूरे दिन के लिए रोक दिया जाता है और फिर कारोबार अगले सत्र में ही शुरू होता है.
4. कारोबार रुकने के बाद कब और कैसे शुरू होता है?
सर्किट लगने पर कारोबार रुक जाता है. जब बाजार दोबारा खुलता है तो पहले 15 मिनट का प्री-ओपन सत्र होता है. इसके बाद सामान्य कारोबार शुरू होता है और यह अगला सर्किट लगने या सत्र के अंत (जो भी पहले हो) तक जारी बाजार के प्रकार रहता है.
5. सर्किट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
सर्किट के स्तर स्टॉक एक्सचेंज द्वारा तय किए बाजार के प्रकार जाते हैं. इन्हें निवेशकों और ब्रोकरों के हितों को ध्यान में रख कर लगाया जाता है ताकि उन्हें बाजार के बड़े झटकों से बचाया जा सके. बाजार के उतार-चढ़ाव के दौरान कारोबारियों को करारा झटका लगता है. ऐसी स्थिति में बाजार पर दबाव बढ़ जाता है.
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रविवार को नहीं लगेगा किसी प्रकार का बाजार
गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Thu, 03 Sep 2020 11:25 PM IST
रविवार को नहीं लगेगा किसी प्रकार का बाजार
हापुड़। शहर में लगने वाला साप्ताहिक अब रविवार के दिन नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने रविवार को पूर्ण प्रतिबंध के चलते साप्ताहिक बाजार पर रोक के साथ सोमवार से शनिवार के बीच कंटेनमेंट जोन के बाहर बाजार खोले जाने के आदेश दिए हैं। बाजार लगाने का दिन निर्धारित करने के लिए नगरपालिका को व्यापारियों के साथ बैठक करने के लिए निर्देशित किया गया है।
प्रदेश सरकार ने अनलॉक-4 की गाइडलाइंस में प्रदेश के जिलों में साप्ताहिक बाजार लगाने बाजार के प्रकार की भी अनुमति दी है। लेकिन हापुड़ जिले में रविवार के दिन साप्ताहिक बाजार लगाया जाता है। जिसपर डीएम का कार्यभार देख रहे सीडीओ उदय सिंह ने रविवार के दिन साप्ताहिक बाजार पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन साप्ताहिक बाजार के व्यापारियों को कुछ राहत देने के लिए सोमवार से शनिवार के बीच साप्ताहिक बाजार खोले जाएंगे। सोमवार से शनिवार के बीच साप्ताहिक बाजार लगाने का दिन निर्धारित करने के लिए नगरपालिका के अधिकारियों को बाजार के व्यापारियों के साथ बैठक कर आपसी सामंजस्य बनाकर निर्णय लेने के लिए कहा गया है। हालांकि बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए हैं। व्यापारी आनंद प्रकाश आर्य ने बताया कि पिछले काफी समय से साप्ताहिक बाजार खोलने की मांग की जा रही थी। लेकिन अब सोमवार से शनिवार के बीच बाजार का दिन निर्धारित होने से व्यापारियों को खासी राहत मिलेगी।
हापुड़। शहर में लगने वाला साप्ताहिक अब रविवार के दिन नहीं लगेगा। जिला प्रशासन ने रविवार को पूर्ण प्रतिबंध के चलते साप्ताहिक बाजार पर रोक के साथ सोमवार से शनिवार के बीच कंटेनमेंट जोन के बाहर बाजार खोले जाने के आदेश दिए हैं। बाजार लगाने का दिन निर्धारित करने के लिए नगरपालिका को व्यापारियों के साथ बैठक करने के लिए निर्देशित किया गया है।
प्रदेश सरकार ने अनलॉक-4 की गाइडलाइंस में प्रदेश के जिलों में साप्ताहिक बाजार लगाने की भी अनुमति दी है। लेकिन हापुड़ जिले में रविवार के दिन साप्ताहिक बाजार लगाया जाता है। जिसपर डीएम का कार्यभार देख रहे सीडीओ उदय सिंह ने रविवार के दिन साप्ताहिक बाजार पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। लेकिन साप्ताहिक बाजार के व्यापारियों को कुछ राहत देने के लिए सोमवार से शनिवार के बीच साप्ताहिक बाजार खोले जाएंगे। सोमवार से शनिवार के बीच साप्ताहिक बाजार लगाने का दिन निर्धारित करने के लिए नगरपालिका के अधिकारियों को बाजार के व्यापारियों के साथ बैठक कर आपसी सामंजस्य बनाकर निर्णय लेने के लिए कहा गया है। हालांकि बाजार में सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क और सैनिटाइजर की व्यवस्था कराने के भी निर्देश दिए हैं। व्यापारी आनंद प्रकाश आर्य ने बताया कि पिछले काफी समय से साप्ताहिक बाजार खोलने की मांग की जा बाजार के प्रकार रही थी। लेकिन अब सोमवार से शनिवार के बीच बाजार का दिन निर्धारित होने से व्यापारियों को खासी राहत मिलेगी।
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