इसके साथ ही, रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध वैश्विक स्टॉक मार्केट के लिए खराब रहा है। फलस्वरूप, भारतीय स्टॉक मार्केट भी इससे प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है। युद्ध ने भारतीय रिज़र्व बैंक के लिए मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना बहुत कठिन बना दिया है।

भारतीय शेयर मार्केट में अस्थिरता: कारण और भविष्य

भारतीय शेयर मार्केट में अस्थिरता कारण और भविष्य

21वीं सदी के बाद से भारत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर मार्केट में से एक रहा है। कोविड महामारी के प्रकोप के बाद से यह सब बदल गया है। भारतीय स्टॉक अब उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं। यूक्रेन शेयर्स की कीमतों का निर्धारण पर रूस के हमले से हालात और भी खराब हो गए हैं। ऐसे में आने वाले कुछ शेयर्स की कीमतों का निर्धारण हफ्तों में निवेशक क्या उम्मीद कर सकते हैं? चिंता न करें क्योंकि हम वर्तमान संकट के कारणों सहित आपको सब कुछ समझाएंगे।

मार्केट में इस अस्थिरता का कारण क्या है?

भारतीय स्टॉक मार्केट वैश्विक कारकों से प्रभावित हुआ है। सबसे बड़ा कारण 2020 में आई कोविड महामारी थी। यह महामारी न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में, स्टॉक मार्केट में अस्थिरता लाने में महत्वपूर्ण रही है। हालांकि महामारी अब काफी हद तक कम हो गई है, लेकिन इसका प्रभाव अभी भी बना हुआ है। यह वास्तव शेयर्स की कीमतों का निर्धारण में अर्थव्यवस्था के लिए महामारी के प्रभाव के चंगुल से बाहर आने का समय है।

पिछले कुछ वर्षों में तेल की बढ़ती कीमतों ने भी भारतीय स्टॉक मार्केट की बढ़ती अस्थिरता में योगदान दिया है। भारत अभी भी अपनी विशाल ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए कच्चे तेल के आयात पर निर्भर है। इस प्रकार, तेल की ऊंची कीमतें भारतीय अर्थव्यवस्था और स्टॉक मार्केट के लिए हानिकारक हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था पर महंगाई का कहर जारी है। इसलिए, लोगों के खरीदने की क्षमता में काफी गिरावट आई है। स्वाभाविक रूप से, इसका भारतीय स्टॉक मार्केट पर सीधा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

भविष्य में क्या उम्मीद करें

इस तरह की अस्थिरता और मुद्रास्फीति अगले कुछ हफ्तों में बने रहने की संभावना है। आने वाले हफ्तों में भी सुधार की उम्मीद बहुत कम है। ऐसा अर्थशास्त्री दिलीप भट्ट का मानना है। उनका कहना है कि यह ट्रेंड अगले दो से तीन तिमाहियों तक जारी रहने की संभावना है।

अर्थशास्त्री अमनीश अग्रवाल के अनुसार, भारतीय आईटी कंपनियां भविष्य में भी मजबूती से प्रदर्शन करती रहेंगी। उनका सुझाव स्टॉक में निवेश के लिए मिडकैप से लार्ज स्केल आईटी कंपनियों को लक्षित करने का है। क्योंकि, यह स्टॉक मार्केट में आने वाले हफ्तों में निवेश करने लायक एक क्षेत्र है। अमनीश अग्रवाल की सलाह है की उन संस्थाओं में निवेश करने की सोचें जिनके स्टॉक पहले से ही महत्वपूर्ण सुधार के दौर से गुजर रहे हैं।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। आपको इसे किसी भी कानूनी या कर निर्धारण या निवेश या बीमा सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय लेने की स्थिति शेयर्स की कीमतों का निर्धारण में आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।

Zomato के शेयर में 14% की गिरावट, अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुँचे शेयर के दाम

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Zomato Share Price dropped to Rs 46: शेयर बाजार में शानदार लिस्टिंग के बाद भी फूडटेक स्टार्टअप Zomato के लिए ये सफर कुछ खास अच्छा साबित शेयर्स की कीमतों का निर्धारण नहीं हो रहा है। खासकर बीतें कुछ महीनें से कंपनी के शेयर की कीमत समय के साथ लगातार नीचे ही जा रही हैं।

इसी सिलसिले को बनाए रखते हुए सोमवार को Zomato के शेयर के दाम अब तक के अपने सबसे निचले स्तर को छूते हुए ₹50 से भी कम हो गए।

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असल में 25 जुलाई को शेयर बाजार खुलनें पर कंपनी के शेयर की कीमत ₹51 के लगभग थी, लेकिन अचानक से देखते ही देखते कुछ ही समय में Zomato के प्रति शेयर का दाम ₹50 से भी नीचे जाते हुए ₹46 तक पहुँच गया।

Zomato Share Price Fallen: क्या है कीमतों के गिरने की वजह?

आप शायद सोच रहें हो कि आखिर क्यों Zomato की शेयर की कीमत इतनी तेजी से नीचे आ रही है? असल में इसके पीछे कई कारण गिनाए जा सकतें हैं।

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लेकिन सबसे हालिया बड़े कारण की बात की जाए तो हाल वह था लगभग $570 मिलियन में किया गया Blinkit (पूर्व में Grofers) का अधिग्रहण, जिसके बाद से Zomato के शेयरों की कीमत बिना रुके लगातार गिरती ही जा रही है।

असल में Zomato और Blinkit सौदे के बाद से ही तमाम विश्लेषकों ने यह आँकलन लगाना शुरू कर दिया कि Zomato ने अपने पोर्टफोलियो में घाटे में चल रही एक और कंपनी को जोड़ने के चलते कई निवेशकों का विश्वास खोया है।

कम नहीं हैं Zomato की मुश्किलें!

एक तरफ अपने शेयर की कीमतों के घटने से परेशान Zomato को पहले से ही भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा कथित अनुचित मूल्य निर्धारण प्रथाओं और प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रथाओं को अपनाने के आरोपों के चलते जाँच का सामना करना पड़ रहा है।

और शायद कंपनी की मुसीबतें बढ़ाने के लिए इतना काफी नहीं था कि एक ही दिन पहले यह Reuters की एक नई रिपोर्ट में एक पत्र के हवाले से ये सामने आया है कि Domino’s Pizza India फ्रैंचाइज़ी अपने कुछ व्यवसाय को Zomato और Swiggy आदि से हटाने शेयर्स की कीमतों का निर्धारण का मन बना रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ऐसा तब कर सकती है, अगर Zomato और Swiggy अपने प्लेटफ़ॉर्म पर कमीशन की दरों में इजाफा करते हैं।

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