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क्‍या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग, दिवाली के दिन क्‍यों कुछ देर की लिए खुलता है शेयर बाजार? जानें डिटेल

कुवैत शेयर

जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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Share Market Investment: बाजार में जारी है उठापटक, ऐसे में कैसी हो इनवेस्टमेंट की स्ट्रेटेजी?

How to take investment decision (File Photo)

कैसे लें निवेश का फैसला (File Photo)

  • शेयर बाजार में उठापटक से छोटे निवेशकों को डर लगता है
  • इस समय कभी शेयर बाजार चढ़ जाता है तो कभी उतर जाता है
  • ऐसे में कौन सा साधन सुरक्षित है इसे जानना जरूरी है
  1. हाल के दिनों में बाजार निचले स्तरों से उबरा है। 2022 के अंत तक आप बाजार को किस लेवल पर देख रहे हैं? क्या हमें एक बॉटम मिल गया है या निवेशकों को अभी सतर्क रहने में ही समझदारी है?
    विकसित देशों और भारत के आउटलुक में कुछ स्पष्ट अंतर दिख रहा है। महंगाई जब एक सामान्य विषय बन गया है, मंदी की आशंका भारत के लिए इतनी परेशान करने वाली नहीं लगती, एक समर्थक की तरह शेयरों में निवेश कैसे करें जितनी कि अमेरिका और यूरोप के मामले में हो सकती है। भले ही महंगाई, ब्याज दरें, राजकोषीय घाटे की चुनौतियां बाजार में बनी हुई हैं, कॉरपोरेट इंडिया को अपने डिमांड आउटलुक, ऑर्डर बुक और मार्जिन की स्थिरता में मजबूती दिखाई दे रही है। कमोडिटी की कीमतों में गिरावट मार्जिन के मोर्चे पर राहत देने वाली है। बाजार पूंजीकरण में आरामदायक मूल्यांकन पर होने के चलते भारतीय बाजारों के आगे भी अच्छा प्रदर्शन जारी रखने की उम्मीद है, जब तक कि कोई बड़ी वैश्विक मैक्रो चुनौती सामने न आ जाए।
  2. भारत में महंगाई में नरमी के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं, लेकिन अमेरिका में अभी तक यह पीक पर नहीं पहुंचा है। इस डाइवर्जेंस का घरेलू शेयर बाजार के लिए क्या मतलब है?
    भारत की बात करें तो महंगाई में नरमी के संकेत दिख रहे हैं। वहीं कमोडिटी की कम कीमतों के चलते महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलनी चाहिए। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह अमेरिका में किस तरह से असर डालेगा। कमोडिटी की कम कीमतों का असर अमेरिका में महंगाई दर में भी दिखना शुरू हो जाना चाहिए। उनकी बॉन्ड यील्ड आने वाले समय में महंगाई में नरमी को दिखाती है। इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत और अमेरिका के बीच महंगाई के रुझान में कोई अंतर है। अगर अमेरिकी मुद्रास्फीति दर में बढ़ोतरी जारी रहती है, तो ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी जारी रह सकती है। यह वैश्विक स्तर पर जोखिम को कम करेगी लेकिन इसके चलते एफआईआई भारतीय इक्विटी की बिक्री जारी रख सकते हैं।
  3. मौजूदा उतार-चढ़ाव के दौर में बाजार से सबसे ज्यादा फायदा पाने के लिए रणनीति क्या होनी चाहिए?
    निवेशकों को अच्छी क्वालिटी यानी गुणवत्ता वाले व्यवसायों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वैसी कंपनियों में निवेश हो, जिनके पास मजबूत बैलेंस शीट और अच्छा कैश फ्लो हो। बढ़ती ब्याज दर और टफ लिक्विडिटी सिनेरियो में, बाजारों को मूल्यांकन का समर्थन करने के लिए कैश फ्लो के महत्व का अहसास होगा। बाजार के जब ऊपर की ओर चढ़ने तो इन अच्छी गुणवत्ता वाले व्यवसायों में भी उछाल दिखना चाहिए।
  4. व्यापक बाजारों में तेज सुधार के साथ, क्या निवेशकों को मिड और स्मॉल-कैप पर ध्यान देना चाहिए?
    मिडकैप और स्मॉलकैप में बाजार के अनुमान के मुताबिक या थोड़ा और सुधार हुआ है। कई मिड और स्मॉल कैप के लिए ग्रोथ का अनुमान अगले 3 से 5 सालों में मजबूत बना हुआ है, क्योंकि वैल्यूएशन काफी वाजिब स्तर पर है। सेगमेंट की प्रकृति को देखते हुए कहा जा सकता है कि वे कुछ दिन अस्थिर होंगे, लेकिन अगले 3 से 5 सालों में अच्छा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
  5. जून तिमाही के नतीजों और अब तक के कॉरपोरेट कमेंट्री से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं?
    अब तक कंपनियों के परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले रहे हैं। मांग मजबूत बनी हुई है, लोन ग्रोथ एक समर्थक की तरह शेयरों में निवेश कैसे करें मजबूत बनी हुई है। कुछ उद्योगों में मार्जिन का दबाव मौजूद है, लेकिन यह भी धीरे-धीरे कम होना शुरू हो जाना चाहिए। इंजीनियरिंग कंपनियों की ऑर्डर बुक मजबूत बनी हुई है। कॉरपोरेट कमेंट्री भी सकारात्मक बनी हुई है। आईटी सहित अधिकांश क्षेत्रों में अभी कोई बड़ा जोखिम नहीं दिख रहा है। कच्चे माल की महंगाई के चलते मार्जिन पर कुछ दबाव को छोड़कर, कॉर्पोरेट इंडिया पर आम तौर पर किसी भी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों का प्रभाव नहीं पड़ा है।
  6. घरेलू और विदेशी फ्लो के लिए आगे क्या रास्ता है?
    डोमेस्टिक फ्लो बहुत अच्छा रहा है। छोटी-मोटी अड़चनों के बीच परिसंपत्तियों का वित्तीयकरण और इक्विटी/इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंडों के प्रति घरेलू संपत्ति के बढ़ते बंटवारे के चलते इनफ्लो का रुझान का आगे भी दिखना जारी रहना चाहिए। महंगाई की वैश्विक चिंताओं, बढ़ती ब्याज दरों और फंड बड़े पैमाने पर डॉलर में स्थानांतरित होने के कारण, एफआईआई ने पिछले 9 महीनों में भारत में बिकवाली की है। हालांकि एक बार जब बाजार को ब्याज दरों के स्थिर होने का एहसास हो जाता है, तो एफआईआई फिर बाजार की ओर लौट सकते हैं।

Multibagger Stock: इस शेयर ने एक साल में कर दिया है पैसा दोगुना, जानिए आगे कितना और बढ़ेगा

By: ABP Live | Updated at : 09 Jun 2022 12:17 PM (IST)

Share Market Multibagger Stock: स्‍मॉल कैप कंपनी अग्रवाल इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन (Agarwal Industrial Corporation) के शेयर ने पिछले 1 साल में करीब 119 पर्सेंट का उछाल आया है. कंपनी के वित्‍त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के बढ़िया नतीजों से अब बाजार एनालिस्‍ट इस शेयर में आगे और बड़ी तेजी आने की संभावना जता रहे हैं. बुधवार 8 जून को भी इस शेयर में तेजी देखी गई और यह 1.37 पर्सेंट की तेजी के साथ दिन के तीन बजे 536.80 रुपये (Agarwal Industrial Corporation share price) पर कारोबार करता देखा गया था.

जानकारी के मुताबिक ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेग्मेंट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर सहयोगी के रूप में काम करने वाली अग्रवाल इं‍डस्ट्रियल कॉर्पोरेशन एक स्‍मॉल कैप कंपनी है और इसका मार्केट कैपिटेलाइजेशन (Market Cap) 707.44 करोड़ रुपये है. अग्रवाल इंडस्ट्रियल के स्‍टॉक का 52-वीक हाई 730.95 रुपये है और 52-वीक लो 233.15 रुपये है. फिलहाल यह स्‍टॉक अपने 52-हफ्ते के उच्‍चतम स्‍तर से 26 पर्सेंट नीचे ट्रेड कर रहा है.

जानें शाम को कब खुलेगा शेयर बाजार

दिनभर शेयर बाजार बंद होने के बाद शाम को एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन होगा. इस बार दीपावली के दिन NSE और BSE पर शाम 6:15 से 7:15 मुहूर्त ट्रेडिंग होगी. जबकि 4 नवंबर को शाम 6:00 से 6:08 बजे प्री-ओपन ट्रेड होगा. मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शेयर बाजार में निवेश को शुभ माना जाता है. इस एक घंटे के मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान ज्यादातर निवेशक शेयर खरीदते हैं.

बता दें कि हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक खास समय तय होता है. निवेशक इस समय वैल्यू बेस्ड स्टॉक खरीदते हैं, और उसे लंबे समय तक रखते हैं. वहीं कई लोग इस खास ट्रेडिंग सेशन के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं.ऐसा माना जाता है कि इस मौके पर किया गया निवेश फायदा देता है. मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा लंबे समय से चली आ रही है. बीएसई (BSE) पर पहली बार साल 1957 में और एनएसई (NSE) में साल 1992 से मुहूर्त ट्रेडिंग की शुरुआत हुई थी.

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