- ट्रैक्टर, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, ट्रॉली, टिलर, माल परिवहन वाहनों, 3-पहिया, ई-रिक्शा, आदि जैसे कॉमर्शियल वाहनों की खरीद
- सैलून, जिम, टेलरिंग की दुकानें, दवाई की दुकानें, मरम्मत की दुकानें और ड्राई क्लीनिंग और फोटोकॉपी की दुकानें आदि का व्यवसाय शुरू करना।
- फूड और वस्त्र मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियाँ: संबंधित क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियाँ
- दुकानों, सेवा उद्यमों, व्यापार और व्यावसायिक गतिविधियों और गैर-कृषि आय सृजन गतिविधियों की स्थापना
- छोटे व्यवसायों के लिए उपकरण फाइनेंस योजना: अधिकतम 10 लाख रु.
- कृषि-क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र, खाद्य और कृषि-प्रोसेसिंग इकाइयाँ, पोल्ट्री, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, छँटाई, पशुधन-पालन, ग्रेडिंग, कृषि उद्योग, डायरी, मत्स्य पालन, आदि व्यवसायों से संबंधित गतिविधियाँ
मुद्रा लोन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट क्या हैं
मुद्रा लोन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट कौन-से हैं?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि क्षेत्रों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों को रु. 10 लाख तक का लोन प्रदान करता है. फंडिंग का लाभ उठाने के लिए उधारकर्ताओं को विशिष्ट डॉक्यूमेंट प्रदान करना होगा. यहां एक कॉम्प्रिहेंसिव लिस्ट है जिसे आप देख सकते हैं.
- आधार कार्ड
- पैन:
- मतदाता पहचान पत्र
- ड्राइविंग लाइसेंस
- पासपोर्ट
- सरकारी नियोक्ता द्वारा जारी किया गया वैध फोटो पहचान पत्र
पते का प्रमाण
- उपयोगिता बिल (बिजली, टेलीफोन, पानी, गैस, पोस्ट-पेड मोबाइल फोन, प्रॉपर्टी टैक्स)
- आधार कार्ड
- पासपोर्ट
- मतदाता पहचान पत्र
- अधिकारियों द्वारा सत्यापित बैंक पासबुक या नवीनतम बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- स्थानीय सरकारी निकाय (नगर पालिका, ग्राम पंचायत, आदि) द्वारा जारी किया गया अधिवास प्रमाण पत्र या प्रमाण पत्र
बिज़नेस का प्रूफ
प्रमाणपत्र, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, या बिज़नेस के अस्तित्व, एड्रेस और स्वामित्व की पुष्टि करने वाले किसी भी अन्य डॉक्यूमेंट.
मुद्रा लोन से संबंधित अन्य डॉक्यूमेंट
- व्यापार मालिकों, पार्टनर, आदि की तस्वीरें.
- SC, ST, OBC आदि का प्रमाण.
- पिछले 2 वर्षों की बैलेंस शीट
- इनकम/सेल्स टैक्स रिटर्न
- बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- साझेदारी विलेख या ज्ञापन और संघ के लेख
- वर्तमान फाइनेंशियल वर्ष के दौरान बिक्री और लोन एप्लीकेशन दाखिल करने तक
- 1 वर्ष या लोन अवधि के लिए अनुमानित बैलेंस शीट
- बिज़नेस रिपोर्ट बिज़नेस की आर्थिक और तकनीकी व्यवहार्यता को प्रमाणित करती है
उच्च पूंजी आवश्यकताओं वाले बिज़नेस के लिए, बजाज फिनसर्व एसएमई और एमएसएमई को रु. 50 लाख* (*इंश्योरेंस प्रीमियम, वीएएस शुल्क, डॉक्यूमेंटेशन शुल्क, फ्लेक्सी फीस और प्रोसेसिंग फीस सहित) तक के कोलैटरल-फ्री बिज़नेस लोन प्रदान करता है. इन लोन के लिए पात्रता प्राप्त करना आसान है और इनके लिए न्यूनतम डॉक्यूमेंटेशन की आवश्यकता होती है.
डिस्क्लेमर:
हमने इस प्रोडक्ट (मुद्रा लोन) को बंद कर दिया है हम प्रदान करने वाली मौजूदा फाइनेंशियल सेवाओं के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया +91-8698010101 पर हमसे संपर्क करें.
Mudra Loan: बिना गारंटी 10 लाख तक का लोन पाने के लिए आवेदन के साथ लगने वाले ये हैं जरूरी डाक्यूमेंट्स, बैंक करे इनकार तो यहां करें कंप्लेन
अगर आपके पास है एक बिजनेस प्लान और नहीं है कोई पूंजी और लोन के लिए नहीं मिल रहा कोई गारंटर तो प्रधानमंत्री मुद्रा लोन आपकी सारी चिंताओं को दूर कर देगा।प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह आपको 10.
अगर आपके पास है एक बिजनेस प्लान और नहीं है कोई पूंजी और लोन के लिए नहीं मिल रहा कोई गारंटर तो प्रधानमंत्री मुद्रा लोन आपकी सारी चिंताओं को दूर कर देगा।प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन तरह आपको 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से शिशु, किशोर और तरूण लोन के तहत बैंक में आवेदन कर सकते हैं।
शिशु लोन
अगर आप अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं और आर्थिक मदद की तलाश मुद्रा का व्यापार कैसे करें कर रहे हैं तो इसके तहत अधिकतम 50,000 रुपये का लोन ले सकते हैं। 5 वर्ष की पुनर्भुगतान अवधि के साथ इसकी ब्याज दर 10% से 12% सालाना है।
किशोर लोन
अगर आपका व्यवसाय पहले ही शुरू हो चुका है , लेकिन अभी तक स्थापित नहीं हुआ है तो इसके तहत आप 50,000 से 5 लाख रुपये के बीच लोन ले सकते हैं। ब्याज की दर लोन देने वाली संस्था के आधार पर अलग-अलग होती है। व्यवसाय की योजना के साथ-साथ आवेदक का क्रेडिट रिकॉर्ड ब्याज दर तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।लोन भुगतान की अवधि बैंक द्वारा तय की जाती है।
तरुण लोन
यह लोन उन लोगों के लिए है, जिनका व्यापर स्थापित हो चुका हो और मुद्रा का व्यापार कैसे करें उसे बढ़ाने और संपत्ति की खरीद के लिए धन की आवश्यकता हो, इसमें लोन की राशि 5 लाख से 10 लाख के बीच है। ब्याज दर और भुगतान की अवधि योजना और आवेदक के क्रेडिट रिकॉर्ड पर आधारित होती है।
मुद्रा लोन की विशेषताएं
ब्याज दर: अलग-अलग बैंक में अलग-अलग
गारंटी / सुरक्षा: आवश्यक नहीं है
न्यूनतम लोन राशि: तय नहीं
अधिकतम लोन राशि: 10 लाख तक
पुनर्भुगतान अवधि : 3 साल से 5 साल तक
प्रोसेसिंग फीस: शून्य
मुद्रा योजना के प्रकार: शिशु, किशोर और तरुण
मुद्रा योजना का लाभ : केवल मैन्यूफैक्चरिंग, व्यापार और सर्विस सेक्टर में लगे व्यक्तियों, SME, MSME, व्यवसायों द्वारा लिया जा सकता है।
इन गतिविधियों के लिए उठाया जा सकता है मुद्रा योजना का लाभ
- ट्रैक्टर, ऑटो-रिक्शा, टैक्सी, ट्रॉली, टिलर, माल परिवहन वाहनों, 3-पहिया, ई-रिक्शा, आदि जैसे कॉमर्शियल वाहनों की खरीद
- सैलून, जिम, टेलरिंग की दुकानें, दवाई की दुकानें, मरम्मत की दुकानें और ड्राई क्लीनिंग और फोटोकॉपी की दुकानें आदि का व्यवसाय शुरू करना।
- फूड और वस्त्र मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियाँ: संबंधित क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियाँ
- दुकानों, सेवा उद्यमों, व्यापार और व्यावसायिक गतिविधियों और गैर-कृषि आय सृजन गतिविधियों की मुद्रा का व्यापार कैसे करें स्थापना
- छोटे व्यवसायों के लिए उपकरण फाइनेंस योजना: अधिकतम 10 लाख रु.
- कृषि-क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र, खाद्य और कृषि-प्रोसेसिंग इकाइयाँ, पोल्ट्री, मछली पालन, मधुमक्खी पालन, छँटाई, पशुधन-पालन, ग्रेडिंग, कृषि उद्योग, डायरी, मत्स्य पालन, आदि व्यवसायों से संबंधित गतिविधियाँ
Mudra Loan के लिए आवश्यक दस्तावेज
- बिज़नेस प्लान
- एप्लीकेशन फॉर्म
- यदि लागू हो तो आवेदक और सह-आवेदक की पासपोर्ट साइज़ की तस्वीरें
- आवेदक और सह-आवेदकों के केवाईसी दस्तावेज
- पहचान का प्रमाण (आधार कार्ड / मतदाता पहचान पत्र / पासपोर्ट / ड्राइविंग लाइसेंस, आदि)
- निवास का प्रमाण (आधार कार्ड / मतदाता पहचान पत्र / पासपोर्ट / टेलीफोन बिल / बैंक विवरण, आदि)
- इनकम प्रूफ, जैसे कि आईटीआर, सेल्स टैक्स रिटर्न, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, इत्यादि
- एक विशेष श्रेणी, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, आदि (यदि लागू हो) का प्रमाण
- व्यवसाय का पता और कार्यकाल प्रमाण, यदि लागू हो
- रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस या प्रमाण पत्र (यदि कोई हो तो)
लेकिन इन सब के बावजूद हकीकत ये है कि गांव-कस्बों यहां तक छोटे शहरों के बैंकों से इस लोन को पाना टेढ़ी खीर है। मुद्रा लोन आसानी से नहीं मिलता। बैंक अक्सर मुद्रा लोन देने में आनाकानी करते हैं। अगर आप भी बैंकों के रवैये से त्रस्त हैं तो हम आपको वे नंबर और ई-मेल आईडी दे रहे हैं, जिनपर मुद्रा लोन नहीं देने वाले बैंकों की शिकायत की जा सकती है।
ये हैं उन अधिकारियों के नंबर और ई-मेल आईडी, जिनपर की जा सकती है शिकयत
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आपको लोन की राशि और ब्याज़ दोनों को चुकाने के लिए अधिकतम 7 साल का समय मिलेगा। इसका मतलब यह हुआ कि आपको पूरी राशि 84 महीनों में चुकानी है। इसे एक साथ भी चुका सकते हैं या फिर 84 EMIs का विकल्प ले सकते हैं।
हर सीजन में हिट है ये कारोबार, शुरू करें तो सरकार देगी 70% मदद; लाखों में हो सकती है कमाई
कोरोना जैसे संकट की स्थिति में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे पर उल्टा असर हुआ है. दूध दही जैसे प्रोडक्ट का बिजनेस इस सीजन में भी मुनाफे वाला रहा.
दूध-दही जैसे प्रोडक्ट का बिजनेस हर सीजन में हिट रहता है. (प्रतीकात्मक फोटो)
Mudra Yojana: कोरोना जैसे संकट की स्थिति में जहां ज्यादातर कारोबार धंधे पर उल्टा असर हुआ है. दूध दही जैसे प्रोडक्ट का बिजनेस इस सीजन में भी मुनाफे वाला रहा. खाने पीने की जरूरी चाजों में शामिल दूध, दही या अन्य डेयरी प्रोडक्ट को बेचने पर किसी तरह की रोक नहीं रही. वहीं देखें तो नॉर्मल कंडीशन में भी हर सीजन में इन प्रोडक्ट की डिमांड रहती है. ऐसे में आप भी लॉकडाउन के बाद अगर कोई खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की मुद्रा स्कीम के तहत डेयरी प्रोडक्ट की मैन्युुैक्चरिंग यूनिट लगा सकते हैं. मुद्रा स्कीम के तहत सरकार ने इस बिजनेस के लिए एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी बनाई है, जिसे पढ़कर आप अपनी लागत और मुनाफे का अंदाजा लगा सकते हैं.
मुद्रा योजना के तहत 70% सपोर्ट
केंद्र सरकार मुद्रा योजना के तहत उन लोगों की मदद कर रही है, जो खुद का छोटा मोटा कारोबार शुरू करना चाहते हैं. इस योजना के तहत जिन कारोबार को शुरू करने में बैंक आसानी से लोन दे रहे हैं, उनमें डेयरी प्रोडक्ट का भी बिजनेस शामिल है. सरकार की प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार यह कारोबार शुरू करने में कुल 16 लाख रुपये की लागत आ सकती है. लेकिन कारोबार शुरू करने वाले को खुद के पास से 4.93 लाख रुपये ही लगाना होगा. बाकी की 70 फीसदी रकम मुद्रा के तहत बैंक लोन मिल जाएगा.
स्पेस और लाइसेंस
इसके लिए कुल 1000 वर्गफुट एरिया होना जरूरी है. (500 वर्ग फुट में आपको प्रोसेसिंग एरिया, 150 वर्ग फुट में रेफ्रिजरेशन रूम, 150 वर्ग फुट में वाशिंग एरिया, 100 वर्ग फुट में ऑफिस स्पेस और 100 वर्ग फुट में टॉयलेट जैसी सुविधाएं देनी होंगी.)
वहीं, पैकेज्ड फूड बनाने के लिए पहले हेल्थ अथॉरिटी से लाइसेंस जरूरी है.
बनने वाले प्रोडक्ट: पैकेट बंद दूध, पैकेट बंद दही, फ्लेवर्ड मिल्क, बटर, बटर मिल्क, घी और छाछ आदि.
कुल खर्च: 16 लाख रुपए
मशीन लगाने पर खर्च: 5.5 लाख रुपए (इसमें क्रीम सेपरेटर, पैकिंग मशीन, बॉटल कैपिंग मशीन, फ्रीज, कूलर, वेट करने वाली मशीन, ट्रे के अलावा कुछ और छोटी मशीनें होंगी.)
रॉ मैटेरियल पर खर्च: 4 लाख रुपये सालाना (दूध, चीनी, फ्लेवर और सॉल्ट आदि)
सैलरी देने पर खर्च: शुरूआत में 50 हजार मंथली
अन्य खर्च: 6 लाख रुपए (ट्रांसपोर्ट व्हीकल, बिजली का बिल, टैक्स, टेलिफोन आदि का खर्च।)
(प्रोजेक्ट रिपोर्ट के अनुसार इस खर्च में रोजाना 500 लीटर कच्चे दूध की प्रॉसेसिंग की जा सकेगी, जिससे पैकेट वाला दूध, घी, दही, बटर और फ्लेवर्ड मिल्क तैयार होगा.)
खर्च का ब्रेक-अप
खुद के पास से निवेश: 4.93 लाख रुपये
टर्म लोन: 7.35 लाख रुपये
वर्किंग कैपिटल लोन: 4.16 लाख रुपये
6 लाख सालाना नेट प्रॉफिट
अगर उपर लिखे गए योजना और रॉ मटेरियल के साथ मैन्युुैक्चरिंग स्टार्ट हो तो रोज 500 लीटर दूध की प्रॉसेसिंग हो सकेगी. इससे जितना प्रोडक्ट तैयार होगा, उससे सालाना टर्न ओवर 82 लाख रुपए तक हो सकता है.इसकी कुल प्रोडक्शन कास्ट 74 लाख रुपए होगी, इस लिहाज से सालाना 8.36 लाख रुपए आय होगी. इसमें से टैक्स आदि का खर्च (25%) काटने के बाद 6.27 लाख रुपए सालाना नेट प्रॉफिट होगा. इस लिहाज से हर महीने 50 हजार रुपए से ज्यादा इनकम हो सकती है.
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अब रुपये का 'बॉस' नहीं रहेगा डॉलर, विदेशी लेनदेन भी भारतीय मुद्रा में होगा, कैसे काम करेगा आरबीआई का नया सिस्टम?
डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 79.45 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक चला गया है.
डॉलर के मुकाबले रुपये में आती कमजोरी को थामने के साथ व्यापार के मोर्चे पर अमेरिकी बादशाहत को चुनौती देने के लिए रिजर्व . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 12, 2022, 11:34 IST
हाइलाइट्स
भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा.
नया सिस्टम फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत बनाया जा रहा है.
भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्ट्रो खाते खोलने की इजाजत दी गई है.
नई दिल्ली. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के साथ ही भारतीय मुद्रा पर अमेरिकी डॉलर का दबाव भी बढ़ने लगा. ग्लोबल मार्केट में तमाम प्रतिबंधों के बाद हालात ये बन गए कि डॉलर के मुकाबले रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर चला गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस समस्या से निपटने के लिए नया सिस्टम विकसित कर रहा है.
आरबीआई ने बताया है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी रुपये में करने के लिए नया सिस्टम बनाया जा रहा है. डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में लगातार आ रही गिरावट और दुनिया की रुपये में बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए नया सिस्टम विकसित किया जा रहा है. इसके बाद भारत अपने आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कर सकेगा और ग्लोबल ट्रेडिंग सिस्टम में डॉलर व अमेरिका का दबाव खत्म हो जाएगा.
अब नहीं होगा प्रतिबंधों का असर
आरबीआई का नया सिस्टम शुरू होने के बाद भारत पर अमेरिका सहित अन्य पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों का असर खत्म हो जाएगा. ऐसा कई बार हुआ है जब अमेरिका ने किसी देश पर प्रतिबंध लगाया है और भारत को उसका खामियाजा भुगतना पड़ा है. ईरान से तनातनी के बीच जब अमेरिका ने उस पर प्रतिबंध लगाया तो भारत को इरान से कच्चा तेल खरीदने में काफी मुश्किल आई. इसी मुद्रा का व्यापार कैसे करें तरह, रूस-यूक्रेन के हालिया युद्ध की वजह से जब अमेरिका, यूरोप ने रूस पर प्रतिबंध लगाए तो भारतीय कंपनियां भी रूस के उत्पाद खरीदने में नाकाम रहीं.
इन प्रतिबंधों का भारत पर असर इसलिए ज्यादा होता था, क्योंकि ग्लोबल मार्केट में डॉलर में ही व्यापार का लेनदेन किया जाता है और प्रतिबंधों के कारण अमेरिकी डॉलर में लेनदेन भी बंद हो जाता है. इन परेशानियों से निजात पाने के लिए ही आरबीआई ग्लोबल मार्केट में सीधे रुपये में ट्रेडिंग का सिस्टम तैयार कर रहा है.
फॉरेक्स मार्केट से तय होगी दर
आरबीआई ने कहा है कि नया सिस्टम फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत बनाया जा रहा है. इससे विदेश में होने वाले आयात और निर्यात के सभी सेटलमेंट रुपये में किए जा सकेंगे. रुपये की कीमत संबंधित देश की मुद्रा के ग्लोबल फॉरेक्स मार्केट में चल रहे भाव के आधार की तय की जाएगी और सौदे का सेटलमेंट भारतीय मुद्रा में ही किया जाएगा.
खोले जाएंगे विशेष खाते
रिजर्व बैंक के अनुसार, नया सिस्टम लागू करने के लिए भारत में अधिकृत बैंकों को वॉस्ट्रो खाते खोलने की इजाजत दी गई है. अब भारत का अधिकृत बैंक व्यापार से जुड़े देश के बैंक के साथ मिलकर रुपये का वॉस्ट्रो खाता खोल सकेगा. इससे भारतीय आयातकों और विदेशी सप्लायर्स का सेटलमेंट रुपये में हो सकेगा. इसी तरह, भारतीय निर्यातकों को संबंधित देश के बैंकों की ओर से खोले गए विशेष वॉस्ट्रो खाते से भुगतान किया जाएगा.
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