आसमान में कितने तारे हैं ? – Aasman Mein Kitne Taare Hain

Aasman Mein Kitne Taare Hain :- तारों से सजी आसमान को देख कर कोई भी यह नहीं बता सकता, कि Aasman Mein Kitne Taare Hain ( आसमान में कितने तारे हैं ? ) यह लोगों के लिए एक रहस्य ही है। क्योंकि आसमान में कितने तारे हैं ? इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता।

लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जिसके जरिए यह पता लगाया जा सकता है, कि आसमान में कितने तारे हैं ? फिलहाल भले ही यह बात आपको विश्वसनीय ना लगे, लेकिन इस लेख में बने रहिए यहां आपको आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे।

Aasman Mein Kitne Taare Hain ( आसमान में कितने तारे हैं ? )

जैसा कि सब जानते हैं, ब्रह्मांड में कई ऐसे रहस्य और अनसुलझी गुत्थियां मौजूद है, जिसे सुलझा पाना बहुत मुश्किल है। कई वैज्ञानिकों इन गुत्थियों को सुलझाने का काफी प्रयास किया है और इन्ही बातों को ध्यान में रखकर वैज्ञानिकों ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया था। जी हाँ और यह काम था, जिया टेलीस्कोप का निर्माण करना।

आपको बता दे, कि जिया टेलिस्कोप ना केवल आसमान में मौजूद सितारों की गिनती करता है, बल्कि उनके बारे में कई अनदेखे आंकड़े भी एकत्रित कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक 10 हजार करोड़ आकाशगंगा पूरे ब्रह्मांड में मौजूद है और इन तमाम अकाश गंगा में तकरीबन 30000 करोड तारे हैं या हो सकता है, इससे अधिक भी हो।

ऐसा कहा जाता है, कि आज से लगभग 20 वर्ष पूर्व आसमान में तारों की संख्या लगभग एक करोड़ से भी कम थी, लेकिन समय अनुसार तारों में परिवर्तन हुआ, जिसकी वजह से आज तारों की संख्या काफी बढ़ गई है।

लेकिन यह बात तो थी, आकाशगंगा में मौजूद तारों की संख्या की पर यदि बात करें ब्रह्मांड में मौजूद उन तमाम तारों की संख्या की तो यह बता पाना मुश्किल है।

वैज्ञानिकों का कहना है, कि इस बात का भी पता लगाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए आकाशगंगा में मौजूद तमाम तारों की संख्या को गुणा करना होगा। गुना करने के बाद हम कह सकते है, कि इसका परिणाम शायद 2 में 22 जीरो हो सकता है।

तारा क्या होता है ?

रात के समय में आसमान में जगमगाती और चमकती हुई चीजें तारे कहलाते हैं। बता दें, कि तारों का कोई आकार नहीं होता और ना ही उसका कोई वजन होता है।

तारों से धरती की दूरी बहुत ज्यादा होती है, जिस वजह से य़ह बहुत छोटे-छोटे दिखते हैं और आसमान में खूबसूरत लगते हैं।

यदि सही मायने में कहे तो तारे खगोलीय पिंड को कहते हैं। जी हाँ आपको बता दें, कि जिन खगोलीय पिंडों के पास अपना प्रकाश और ऊष्मा होता है जिन्हें वे उत्सर्जित करते हैं, उन खगोलीय पिंडों को ही तारा कहा जाता हैं।

दिन प्रतिदिन आसमान में इन खगोलीय पिंडो अर्थात तारों की संख्या बढ़ रही है। पूरे ब्रह्मांड में कितने तारे हैं इसकी कल्पना करना ही नामुमकिन है।

पृथ्वी से इन खगोलीय पिंडों को देखना काफी सुंदर और आकर्षक लगता है। धरती से अत्यधिक दूरी के कारण यह पूरे आकाश में छोटे-छोटे और चमकदार सी चीजें लगती हैं, जिन्हें लोग तारे कहते हैं।

तारों के बिना आसमान अधूरा सा लगता है, यह तारे ही हैं, जो रात के समय में आसमान को बेहद खूबसूरत बनाते है।

FAQ’S :

Q1. आसमान में कितने तारे हैं ? – Aasman Mein Kitne Taare Hain

Q2. तारे किसे कहते हैं ?

Q3. ब्रह्मांड में कितने आकाशगंगा है ?

निष्कर्ष :-

आज के इस में हमने Aasman Mein Kitne Taare Hain ( आसमान में कितने तारे हैं ? ) के बारे में विस्तार पूर्वक जाना है।

उम्मीद करते हैं, आपको आज के इस लेख से काफी कुछ सीखने और समझने का मिला होगा। हमने यहाँ आपको ना केवल आसमान में कितने तारे हैं के बारे में बताएं बल्कि तारों के इतिहास से भी रूबरू कराया है।

आशा करते है, आपको यह लेख पसंद आई हूं और आप आगे इसे अपने करीबी मित्रों के साथ भी जरुर शेयर करेंगे।

ट्रेडिंग क्या है और ट्रेडिंग कैसे सीखे 2022 में | Trading Kya Hai

Trader Kaise Bane : आज बहुत से युवा Share Market और Trading में अपनी दिलचस्वी दिखा रहे है और बहुत से युवा को शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर भी बनाने में दिलचस्वी दिखा रहे है, वैसे में बात आती ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है ट्रेडिंग के प्रॉपर जानकारी की आज के इस लेख में हम यही जानेंगे की शेयर मार्किट और ट्रेडिंग में अपना करियर कैसे बनाये

बहुत से युवा को इस क्षेत्र के बारे में जानकारी ही नहीं है एक रिपोर्ट अनुसार इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले की काफी कमी है ट्रेडिंग बहुत से लोगो को लगता है यह एक गेमलिंग है, जुआ है इसमें पैसा लगाने पर डूब जाते है अगर आप अपने घर में अपना पापा, मम्मी या किसी अन्य व्यक्ति से ट्रेडिंग के बारे में पूछते है तो आपको यही सलाह देते है ट्रेडिंग एक जुआ है इसमें अच्छा तुम अपना पैसा FD में इन्वेस्ट करो इसमें कोई रिस्क नहीं है पर उनको कौन समझाए ,FD तो बस एक पानी का बून्द है और ट्रेडिंग समुन्द्र जहां जितना चाहो उतना पैसा कमा सकते हो लेकिन प्रॉपर स्किल के साथ तो चलिए में आज आपको Trading Kya Hai से जुडी पूरी जानकारी देता हूँ की Trading Kaise Sikhe, Professional Trader Kaise Bane, ट्रेडिंग से कैसे लॉन्ग टर्म तक पैसे कमाए, ट्रेडिंग के लिए बेस्ट कोर्स कौन से है, ट्रेडिंग बुक और ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? ऐसे ही बहुत सारे जानकारी आज के इस लेख में आप जानेंगे तो चलिए बिना देर किये शुरू करते है

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या है? (Trading Kya Hai)

ट्रेडिंग को आसान शब्दों में कहे तो किसी प्रोडक्ट या सेवा को कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना ट्रेडिंग कहलाता है, ट्रेडिंग का मतलब किसी स्टॉक की खरीदना और बेंचना भी ट्रेडिंग कहलाता है ट्रेडिंग का मुख्य मकशद कम दाम में खरीदना और उच्च दाम पर बेंच देना

ट्रेडिंग के प्रकार (Types of Trading in Hindi)

स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग को मुख्य चार भागो में विभाजित किया गया है

  1. स्कल्पिंग ट्रेडिंग
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग
  3. स्विंग ट्रेडिंग
  4. पोसिशनल ट्रेडिंग

स्कल्पिंग ट्रेडिंग : वह ट्रेड जो कुछ सेकंड या मिनट के लिए ट्रेड किया जाता है इस टाइप की ट्रेडिंग काफी रिस्की होती है इस ट्रेडिंग को करने के लिए काफी एकग्रता की आवश्यकता है इस ट्रेड को अधिकतर प्रोफेशनल ट्रेडर ही ट्रेड करते है

इंट्राडे ट्रेडिंग : यह टाइप ट्रेडिंग एक दिन के लिए किया जाता है अर्थात वह ट्रेडर जो मार्किट खुलने के बाद ट्रेड करते है और मार्किट क्लोज होने से पहले बंद करते है इस तरह के ट्रेडिंग में रिस्क काम होता है.

ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति ट्रेडर कहलाते है ट्रेडिंग करने के लिए मार्किट 9:15 के खुलने के बाद मार्किट 3:30 होने तक बंद हो जाता है इस तरह के ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग भी कहा जाता है.

स्विंग ट्रेडिंग : वैसे ट्रेडर जो कुछ समय के लिए नहीं कुछ दिन के लिए ट्रेड करते है वैसी ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है, इस टाइप के ट्रेडिंग उनलोगो ले किये है वो जॉब करते है, स्टूडेंट है

पोस्टशनल ट्रेडिंग : वह ट्रेड जो कुछ समय, कुछ घंटे या कुछ दिन के लिए नहीं कुछ महीने के लिए ताड़े किया जाता है, इस तरह के ट्रेडिंग लॉन्ग टर्म को कैप्चर करने के लिए जाता है इस ट्रेड में अन्य के तुलना काफी कम रिस्क होता है.

ट्रेडिंग मीनिंग इन हिंदी (Trading Meaning in Hindi)

ट्रेडिंग का मतलब हिंदी में व्यपार होता है आसान शब्दों में ट्रेडिंग खरीदने और बेंचने का व्यपार

    और इसमें अपना करियर कैसे बनाए

ट्रेडर कैसे बने (Trader Kaise Bane)

ट्रेडर बनने के लिए पहले आपके पास बेसिक स्किल होना अति आवश्यक है जैसे शेयर मार्किट क्या है? और शेयर मार्किट में कैसे इन्वेस्ट किया जाता है उसके बाद ट्रेडिंग क बारे में भी कुछ जानकारी होनी चाहिए जैसे ट्रेडिंग त्रादंग कितने प्रकार के होते है और ट्रेड कैसे किया जाता है.

ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास पहले एक डीमैट अकाउंट होना अतिआवश्यक है जिस प्रकार बैंक में पैसा जमा निकाशी के लिए सेविंग और करंट अकाउंट खुलवाते है उसी प्रकार शेयर मार्किट में निवेश और ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट क आवश्यकता होती है.

डीमैट खाता आप अपने घर से बस 5 मिनट में अपना अकाउंट बना सकते है ऐसे बहुत सरे मार्किट में ब्रोकर है जो डीमैट खाता खोलते ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है जैसे उपस्टेक्स, एंजेल वन , ग्रो और बहुत सारे

अगर अपने अभी तक अपना डीमैट खाता नहीं खोला है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसकी सर्विस काफी अच्छी होने के साथ इसका इंटरफ़ेस इंटरफ़ेस यूजर फ्रेंडली है इसका इस्तेमाल में करीब 5 साल से कर रहा हूँ.

उसके बाद आप ट्रेडिंग करना शुरू कर सकते है

ट्रेडिंग कैसे सीखे (Trading Kaise Sikhe)

ट्रेडिंग सिखने के लिए आज बहूत सारे तरीके है ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? आप ट्रेडिंग घर बैठे ऑनलाइन सिख सकते है आज ऐसे भूत सरे प्लेटफॉर्म है जिसके माध्यम से आप ट्रेडिंग सिख सकते है

यूट्यूब : आज ऐसे हजारो चैनल है जो फ्री में ट्रेडिंग सिखाते है लेकिन में आपको निचे पांच ऐसे चैनल के नाम बता रहा हूँ जिसमे मेने भी बहुत कुछ सिका और आप भी सिख सकते है

01Vivek Bajaj
02Neeraj Joshi
03Fin Baba
04Puskar Raj Thakur

अगर आप ट्रेडिंग की शुरुवात करना चाहते है तो आप Upstox में अपना अकाउंट बना सकते है इसका इस्तेमाल में पिछले 5 साल से कर रहा हूँ

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्‍यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.

जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्‍या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा

अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्‍यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्‍या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्‍यादा पैसा महाराष्‍ट्र, गुजरात और उत्‍तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्‍छी कमाई कर रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्‍ड्स, म्‍यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्‍स छोटी फीस वसूलते हैं.

इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्‍स ही किन्‍हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्‍या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्‍योंकि हम आपको ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.

ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्‍या होगा?

आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्‍ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्‍टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्‍कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.

आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्‍टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्‍तेमाल करने के लिए आप इन्‍हें निर्देश दे सकते हैं.

स्‍टॉक्‍स और शेयरों का क्‍या होगा?

आपका फंड डीमैट अकाउंट में ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्‍योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्‍त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.

किसी भी समय पर एक निवेशक का स्‍टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्‍स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्‍लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.

इसी प्रकार आपका म्‍यूचुअल फंड इन्‍वेस्‍टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्‍यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.

शेयर मार्केट में ब्रोकर क्या है? ब्रोकरेज चार्जेस की गणना किस प्रकार की जाती है?

शेयर मार्केट में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? की खरीद बेच होती है जिसके लिए हमारे पास डीमैट अकाउंट तथा ट्रेडिंग अकाउंट का होना आवश्यक है परंतु हमें पता होना चाहिए कि हम सीधे तौर पर शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच नहीं कर सकते हैं इसके लिए हमें एक माध्यम की आवश्यकता होती है जिसे ब्रोकर (Broker) कहा जाता है। ब्रोकर द्वारा हमें इंटरनेट पर एक ब्रोकिंग प्लेटफार्म प्रदान किया जाता है जिसकी मदद से हम शेयर संबंधित लेन देन कर पाते हैं।

ब्रोकर क्या है? | Broker in Hindi

ब्रोकर(Broker) एक वित्तीय माध्यम बिचौलिया अथवा एजेंट होता है जिसके माध्यम से हम शेयर मार्केट में शेयर को खरीद बेच कर पाते हैं। ब्रोकर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? हमें ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? विभिन्न वित्तीय साधनों जैसे Stocks Futures तथा derivative की खरीद बेच में मदद करता है।

शेयर ब्रोकर क्या है?

शेयर मार्केट में मुख्यतः दो प्रकार के ब्रोकर होते हैं

  • Full Time ब्रोकर – वे ब्रोकर जो शेयर की खरीद बेच के माध्यम के साथ-साथ अन्य सुविधाओं जैसे मार्केट रिपोर्ट्स शेयर के संबंध में सलाह, शेयर के बारे में रिसर्च आदि उपलब्ध कराते हैं वह Full Time ब्रोकर कहलाते हैं
  • Discount ब्रोकर – वे ब्रोकर जो ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? कम ब्रोकिंग चार्जेस के साथ शेयरों की खरीद बेच में मदद करते हैं वे डिस्काउंट ब्रोकर कहलाते हैं ये अन्य कोई सुविधा नहीं प्रदान करते हैं

ब्रोकिंग चार्जेस क्या होते हैं?

वे शुल्क जो ब्रोकर द्वारा अपनी सुविधाओं के एवज में लिया जाता है उसे ब्रोकिंग चार्जेस कहते हैं सभी ब्रोकरो के चार्ज एक से नहीं होते हैं यह इस पर भी निर्भर करते हैं कि किस प्रकार के ट्रांजैक्शन हमारे द्वारा किए जाते हैं यह शुल्क ब्रोकर द्वारा समय समय पर घटाया या बढ़ाया भी जा सकता है।

भारत में किस प्रकार के ब्रोकर प्लान उपलब्ध हैं?

भारत में ब्रोकर द्वारा बता दो प्रकार के प्लान प्रदान किए जाते हैं

  1. Monthly Unlimited trading plan इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को एक निश्चित मासिक राशि शुल्क के रूप में ब्रोकर(Broker) को प्रदान की जाती है इसके तहत वे एक माह में असीमित stocks तथा securities की खरीद बेच कर सकते हैं।
  2. Flat per trade brokerage इसके अंतर्गत निवेशकों अथवा शेयरधारकों को प्रति सौदा के हिसाब से ब्रोकर को शुल्क चुकाना पड़ता है।

ट्रेडिंग हेतु ब्रोकरेज चार्ज की गणना किस प्रकार की जाती है?

ब्रोकर(Broker) शुल्क या ब्रोकरेज की गणना शेयर की खरीद बेच पर कुल कीमत के आधार पर एक निश्चित प्रतिशत के रूप में तय की जाती है यह मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है

  • Intraday Trading जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर की खरीद तथा बेच एक ही दिन में की जाती है उस स्थिति में व्यक्ति द्वारा किए गए सौदे पर Intraday Trading शुल्क चुकाया जाता है।

जैसे किसी व्यक्ति द्वारा शेयर को खरीद कर उसी दिन ट्रेडिंग सेशन की समाप्ति के पूर्व शेयर को बेच दिया जाता है एसएसबी में ब्रोकर(Broker) शुल्क की गणना इंट्राडे ट्रेडिंग के अंतर्गत की जाती है इस स्थिति के लिए बेचे गाए और खरीदे गाए शेयर की संख्या समान होना आवश्यक है। इस प्रकार के सौदे पर ब्रोकर द्वारा लगाया गया intraday Trading शुल्क 0.01% से 0.05% के मध्य खरीद बेच किए गए शेयर की संख्या पर आधारित होता है। Intraday ब्रोकिंग शुल्क की गणना के लिए शेयर की बाजार कीमत को शेयर की संख्या तथा इंट्राडे शुल्क प्रतिशत के साथ गुणा कर की जाती है

  • Delivery Charges जब किसी व्यक्ति द्वारा शेयर मार्केट (Share Market) में शेयर की खरीद बेच 1 दिन में नहीं की जाती है तब उस स्थिति में ब्रोकिंग चार्जेस की गणना डिलीवरी शुल्क के अंतर्गत की जाती है।

इस स्थिति में डिलीवरी चार्ज 0.2% तथा 0.75 % के मध्य होता है जो कि सौदे में किए गए शेयर की संख्या पर निर्भर करता है।

इस प्रकार से डिलीवरी चार्ज की गणना के लिए डिलीवरी चार्ज प्रतिशत को खरीद बेच में प्रयुक्त शेयर की संख्या से गुणा किया जाता है।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुल्क के अलावा अन्य कौन-कौन से शुल्क होते हैं?

ब्रोकर के सभी चार्ज

  • Transaction Charges शेयर मार्केट(Share Market) में शेयर की खरीद बेच के दौरान स्टॉक एक्सचेंज द्वारा शुल्क लिया जाता है जिसे ट्रांजैक्शन चार्जेस कहा जाता है यह ट्रांजैक्शन चार्ज मुख्य रूप से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एनएसई तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बीएसई द्वारा लिए जाते हैं।
  • Security Transaction charges यह शुल्क सौदे (trade) में उपयुक्त securities की कीमत के आधार पर लगाया जाता है।
  • Commodity transaction charges यह शुल्क स्टॉक एक्सचेंज में commodity derivative के सौदे (trade) पर लगाया जाता है।
  • Stamp duty (स्टांप शुल्क) यह शुल्क राज्य सरकार द्वारा securities इसकी trading पर लगाया जाता है।
  • GST (goods and service tax)वस्तु एवम सेवा कर यह शुल्क केंद्र सरकार द्वारा ट्रांजैक्शन चार्जेस तथा ब्रोकिंग शुल्क पर लगाया जाता है। वर्तमान में यह 18% है।
  • SEBI turnover charges यह शुल्क बाजार नियामक संस्था सेबी द्वारा सभी प्रकार के वित्तीय लेन देन जैसे stocks तथा सभी securities (debt को छोड़कर आदि पर लगाया जाता है।
  • DP( Depository Participants)

जब हम किसी शेयर की खरीद बेच एक ही trading session के दौरान नहीं करते हैं। उस स्थिति में यह शुल्क depository participants द्वारा लिया जाता है। Intraday Trading के दौरान यह शुल्क देय नहीं होता ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? है। यह शुल्क शेयर की संख्या पर निर्भर ना होकर एक निश्चित राशि के रूप में लिया जाता है।

शेयर मार्केट में ब्रोकर से जुड़े कुछ सवाल जवाब

शेयर मार्केट(Share Market) में कितने प्रकार के ब्रोकर होते हैं?

शेयर मार्केट में कितने दो प्रकार के ब्रोकर होते हैं-
Full Time ब्रोकर तथा Discount ब्रोकर

Option treading in hindi ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है इसकी सारी जानकारी हिंदी यहाँ पढ़े।

Option treading in hindi

हेलो, दोस्त कैसे है सब उम्मीद करता हूँ ठीक ही होंगे सभी। आज में आपके लिए एक Option treading in hindi ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है इसकी सारी जानकारी हिंदी यहाँ पढ़े। लेख लेके आया हूँ जिस आप पढ़ कर आपके सारे प्रशनो के उत्तर मिल जायेंगे। शेयर मार्केट में आप ट्रेडिंग करते है। आपने ऑप्शन के बारे में सुना होगा पर आपके इसके बारे पता नही होगा। इस लिए में आपके लिए Option treading in hindi ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है इसकी सारी जानकारी हिंदी यहाँ पढ़े।

Option treading in hindi ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है।

Option treading वह tread होता है जिसमें आपको share खरीदने के लिए पूरे पैसे नही देने होते है। आप जो share खरीदना चाहते है पर आप उसमे risk नही लेना चाहते कि उस share में loss हो। तो इसके लिए आपके पास एक option होता है कि आज आप उस share के वर्तमान price का एक primium price दे कर उस शेयर का fix price पर booking कर सकते है।

जैसे कि किसी share का price 200 रुपये है और आपके पास उस शेयर को बुक करने लिए 20 रुपये का primum दे कर बुक कर सकते है। ताकि आने बाले समय मे उस शेयर का प्राइस बढ़ भी जाये फिर भी आपको भोहि शेयर उसी प्राइस में मिलेगा जिस प्राइस में अपने उस बुक किया था।

अगर उस शेयर प्राइस 200 से कम हो कर 80 रह जाता है तब आप उस share को खरीदने से मन कर सकते है। क्योंकि आपके उसने 200 में बुक किया था पर आज उसका प्राइस कम हो गया है और आप घाटा नही लेना चाहते।

Option treading कितने प्रकार की होती है? हिंदी में

Option treading कितने प्रकार की होती है हिंदी में जाने option treading दो प्रकार की होती है।

  1. CE – Call option European.
  2. PE – Put option.

1. CE Call option क्या होता है? ओर CE call option कब buy करते है?

Ce call option एक शेयर का option होता है जिसमे आप अलग अलग strick प्राइस में ce option buy कर सकते है। इस buy तब करना चाहिए अगर आपको लगता है कि आने बाले समय मे उस शेयर का प्राइस बढ़ने बाला है तो CE buy कर सकते है।

CE option kya hota hai

जैसे कि शेयर का price 200 रुपये है और अपने उसका strik price 210 buy किया। ओर उस शेयर प्राइस 210 से ऊपर चला गया तब आपको profit होगा।

2.PE Putt option क्या होता है? ओर PE Putt option कब buy करते है?

Pe call option एक शेयर का option होता है जिसमे आप अलग अलग strick प्राइस में ce option buy कर सकते है। इस buy तब करना चाहिए अगर आपको लगता है कि आने बाले समय मे उस शेयर का प्राइस कम होने बाला है तो PE buy कर सकते है।

PE option kya hota hai

जैसे कि शेयर का price 200 रुपये है और अपने उसका strik price 190 buy किया। ओर उस शेयर प्राइस 190 से नीचे ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? चला गया तब आपको profit होगा।

आपकी राय

Option treading in hindi ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है इसकी सारी जानकारी हिंदी यहाँ पढ़े। यह था मेरा लेख अगर आपको पसंद आया तो कमेंट जरूर करे। और साथ अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरूर करे। और अगर आपको इसे ही ओर लेख पढ़ने अच्छे लगते है तो आप अपनी email id इस website में register कर सकते है। ताकि जब भी में कोई नया लेख इस वेबसाइट में डालू तो आपको email के जरिये सपको पता लग सके।

आपका इस लेख को पढ़ने के बहुत बहुत शुक्रिया। अब मिलते है एक नए लेख के साथ अपना ख्याल ओर अपने पूरे परिवार का भी।

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