General Knowledge: तेल उत्पादन में सऊदी अरब का होता है सिर्फ इतना खर्च, दूसरे देशों को महंगा बेचकर होती है मोटी कमाई
Oil Production: जो देश तेल का उत्पादन करते हैं वो इसके जरिए अच्छा-खासा लाभ कमाते हैं. ऐसा ही एक तेल उत्पादक देश है सऊदी अरब.
By: ABP Live | Updated at : 22 Aug 2022 07:14 PM (IST)
Saudi Arab: दुनिया के तमाम देश ऐसे हैं जो पेट्रोलियम के लिए उन देशों पर निर्भर हैं जहां बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन होता है. भारत भी उन देशों में शामिल है. हमारे कुल आयात का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम पर खर्च होता है. देश की अर्थव्यवस्था से लेकर परिवहन तक तमाम जरूरी कामों के लिए तेल की उपलब्धता जरूरी है. जो देश तेल का उत्पादन करते हैं वो इसके जरिए अच्छा-खासा लाभ कमाते हैं. ऐसा ही एक तेल उत्पादक देश है सऊदी अरब. जिसके बारे में हम आपको बताएंगे कि तेल के निर्यात में यह देश कितना भारी-भरकम मुनाफा कमाता है -
बैरल के हिसाब से बिकता है तेल-
तेल की कीमतें प्रति बैरल के हिसाब से तय होती हैं. यह तेल मापन का मानक है. जहां एक बैरल को लगभग 159 लीटर तेल के बराबर माना जाता है. हालांकि अब तेल मापन के नए तरीकों तेल दलाल कितना कमाते हैं? को तेल दलाल कितना कमाते हैं? लाया जा रहा है.
इतना होता है उत्पादन में खर्च-
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एक अनुमान के अनुसार सऊदी अरब में एक बैरल तेल के उत्पादन में मात्र 2 डॉलर के लगभग खर्च आता है वहीं इसकी बिक्री 100 डॉलर प्रति बैरल तक कर देते हैं. पिछले दिनों तो कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी ज्यादा हो गई थी. कीमतों में उछाल के चलते भारत सहित तमाम ऐसे देश जहां बड़ी मात्रा में तेल का आयात किया जाता है वहां तेल की कीमतों में प्रति लीटर के हिसाब से काफी उछाल आया.
तलाशा जा रहा है विकल्प-
हालांकि पेट्रोलियम के विकल्प के तौर पर भारत सहित तमाम देश सोलर एनर्जी और हरित ऊर्जा के दूसरे विकल्पों का रुख कर रहे हैं. यह ना सिर्फ ऊर्जा के स्थाई स्रोत साबित हो सकते हैं बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से भी ये बेहतर विकल्प हैं. गौरतलब है कि पेट्रोलियम उत्पाद कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करते हैं. जिसके चलते पर्यावरण को व्यापक नुकसान होता है.
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Published at : 22 Aug 2022 07:59 PM (IST) Tags: General Knowledge saudi arab Oil Export Profit हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
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Today in Astro Uncle we will talk about the use of cloves. Use of clove oil will give you great benefit. With the help of cloves, you get benefit in wealth. It also helps in getting promotion in jobs and business. Watch Video to understand how use of cloves helps you in life.
Unexpected Profit Tax : केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को बढ़ाया, डीजल के निर्यात पर कटौती दर किया कम
Unexpected Profit Tax : केंद्र सरकार ने कच्चे तेल पर अप्रत्याशित लाभ कर को बढ़ा दिया है और डीजल के निर्यात पर कटौती दर को कम किया है. भारत ने पहली बार 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया, जो उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के सुपर सामान्य लाभ पर कर लगाते हैं.
Published: November 17, 2022 12:10 PM IST
Unexpected Profit Tax : केंद्र सरकार ने डीजल के निर्यात पर टैक्स दर कम करते हुए घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स बढ़ा दिया है. यह बदलाव आज यानी 17 नवंबर से प्रभावी है, एक सरकारी अधिसूचना में इसके बारे में जानकारी दी गई है.
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सरकारी अधिसूचना के अनुसार, राज्य के स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम ONGC) जैसी फर्मों द्वारा उत्पादित कच्चे तेल पर कर 17 नवंबर से 9,500 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,200 रुपये प्रति टन कर दिया गया था.
विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क के रूप में लगाए गए विंडफॉल टैक्स का उद्देश्य घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों द्वारा अर्जित सुपर प्रॉफिट को अवशोषित करना है और इसे हर पखवाड़े संशोधित किया जाता है.
अप्रत्याशित कर के पाक्षिक संशोधन में, सरकार ने डीजल के निर्यात पर दर को 13 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 10.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया. डीजल पर लगने वाले शुल्क में 1.50 रुपये प्रति लीटर रोड इंफ्रास्ट्रक्चर सेस शामिल है.
जेट ईंधन या तेल दलाल कितना कमाते हैं? एटीएफ पर निर्यात कर, जिसे 1 नवंबर को पिछली समीक्षा में 5 रुपये प्रति लीटर निर्धारित किया गया था, में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
बता दें, जब लेवी को पहली बार पेश किया गया था, तो डीजल और एटीएफ के साथ-साथ पेट्रोल के निर्यात पर भी अप्रत्याशित कर लगाया गया था. लेकिन बाद की पखवाड़े की समीक्षा में पेट्रोल पर कर हटा दिया गया.
विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की गणना किसी भी कीमत को दूर करके की जाती है, जो उत्पादकों को एक सीमा से ऊपर मिल रही है. ईंधन निर्यात पर लेवी दरार या मार्जिन पर आधारित होती है, जो रिफाइनर विदेशी शिपमेंट पर कमाते हैं. ये मार्जिन मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमत और लागत का अंतर है.
भारत ने पहली बार 1 जुलाई को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया, जो उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया जो ऊर्जा कंपनियों के सुपर सामान्य लाभ पर कर लगाते हैं. उस समय, पेट्रोल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर प्रत्येक पर 6 रुपये प्रति लीटर (USD 12 प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (USD26 प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया जाता था. घरेलू कच्चे तेल के उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन (यूएसडी 40 प्रति बैरल) अप्रत्याशित लाभ कर भी लगाया गया था.
पिछले दौर में 20 जुलाई, 2 अगस्त, 19 अगस्त, 1 सितंबर, 16 सितंबर, 1 अक्टूबर, 16 अक्टूबर और 1 नवंबर को कर्तव्यों को आंशिक रूप से समायोजित किया गया था.
(With PTI Inputs)
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पति सैलरी बताने से करता है इंकार, तो क्या पत्नी कर सकती है RTI का इस्तेमाल?
सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन (CIC) ने आयकर विभाग (Income Tax) को 15 दिन के भीतर महिला को उसके पति की नेट टैक्सेबल इनकम/ग्रॉस इनकम की जानकारी देने का निर्देश दिया. क्या आरटीआई से कोई भी पत्नी अपने पति की सैलरी की जानकारी हासिल कर सकती है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 03 अक्टूबर 2022,
- (अपडेटेड 03 अक्टूबर 2022, 2:01 PM IST)
'आप कितना कमाते हैं?' इस सवाल का सामना हम सभी ने कभी ना कभी तो किया ही होगा. अधिकतर लोग अपनी सैलरी के बारे में सार्वजनिक रूप से बात नहीं करना चाहते हैं. सैलरी से जुड़ी जानकारी लोग अपने परिवार को देते हैं या फिर अपने तक ही सीमित रखते हैं. लेकिन जब कोई शख्स शादी के बंधन में बंध जाता है, तो इसके बाद कई चीजें बदल जाती हैं. पति सैलरी के बारे में जानकारी अपनी पत्नी के साथ शेयर कर सकता है. लेकिन पति अगर सैलरी से जुड़ी जानकारी पत्नी को नहीं देना चाहता है, तो क्या पत्नी इसके लिए कानूनी रास्ता अपना सकती है?
आरटीआई दायर कर मिलेगी जानकारी?
हाल ही के एक ऐसा मामला सामने आया, जिसमें महिला ने आरटीआई (सूचना का अधिकार) दायर करके अपने पति की इनकम की जानकारी मांगी. मीडिया रिपोर्ट्स अनुसार, सेंट्रल इन्फॉर्मेशन कमीशन (CIC) ने आयकर विभाग (Income Tax) को 15 दिन के भीतर महिला को उसके पति की नेट टैक्सेबल इनकम/ग्रॉस इनकम की जानकारी देने का निर्देश दिया. क्या आरटीआई से कोई भी पत्नी अपने पति की सैलरी की जानकारी हासिल कर सकती है. आइए समझते हैं कि महिला ने क्या-क्या तरीके अपनाए थे.
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महिला ने क्या तरीके अपनाए?
महिला ने सबसे पहले नेट टैक्सेबल इनकम/ग्रॉस इनकम की डिटेल्स के लिए आरटीआई दायर की. शुरुआत में स्थानीय इनकम टैक्स ऑफिस के सेंट्रल पब्लिक इन्फॉर्मेशन ऑफिसर (CPIO) महिला को जानकारी देने से इंकार कर दिया. क्योंकि उसका पति इसके लिए सहमत नहीं था.
इसके बाद महिला ने प्रथम अपीलीय अथॉरिटी (FAA) के पास अपील दायर की. प्रथम अपीलीय प्राधिकरण, लोक सूचना अधिकारी से वरिष्ठ अधिकारी होता है. लेकिन FAA ने CPIO के फैसले को बरकरार रखा. महिला ने दोबारा CIC में अपील दायर की.
कोर्ट के कुछ फैसलों के आधार पर मिली अनुमति
इसके बाद CIC ने अपने पिछले कुछ पूर्व में दिए आदेशों, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों पर गौर किया. दिल्ली उच्च न्यायालय ने विजय प्रकाश बनाम भारतीय यूनियन (2009) के मामले में कहा था कि निजी विवादों में तेल दलाल कितना कमाते हैं? धारा 8 (1) (j) के तहत अधिनियमित छूट के आधार पर दी गई बुनियादी सुरक्षा को नहीं हटाया जा सकता है.
एक दूसरे मामले में कोर्ट ने अलग फैसला सुनाया
राजेश रामचंद्र किडिले बनाम महाराष्ट्र एसआईसी और अन्य के मामले में बॉम्बे उच्च न्यायालय (नागपुर बेंच) ने कहा था- 'जहां मामला पत्नी के गुजारा भत्ता से जुड़ा हो तो पति की सैलरी की जानकारी निजी नहीं हो सकती. ऐसी स्थिति में सैलरी संबंधित जानकारी पर पत्नी का भी आधिकार हो सकता है.
पर्सनल डिटेल्स
CIC ने इस मामले में CPIO को निर्देश दिया कि तेल दलाल कितना कमाते हैं? वह तेल दलाल कितना कमाते हैं? 15 दिन के भीतर पति की नेट टैक्सेबल इनकम/ग्रॉस इनकम की जानकारी पत्नी को उपलब्ध कराए. प्रॉपर्टी, लायबिलिटीज, इनकम टैक्स रिटर्न, तेल दलाल कितना कमाते हैं? निवेश की जानकारी, उधार आदि पर्सनल डिटेल्स की कैटिगरी में आते हैं. आरटीआई की धारा 8 (1) (j) के तहत ऐसी निजी जानकारियों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए. हालांकि, सुभाष चंद्र अग्रवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर जनहित की शर्त पूरी होती है तो इसकी अनुमति दी जा सकती है.
शादी के बाद खर्चे हो गए हैं डबल, इस तरह करें मैनेज
कई लोग शादी से पहले अपने खर्चों से अनजान रहते हैं, लेकिन शादी के बाद डबल हुए खर्च उनकी परेशानी बढ़ा देते हैं. अगर आप भी अपनी शादीशुदा जिंदगी में फाइनेंशियल इश्यू के कारण परेशान हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए है.
शादी के बाद डबल हुए खर्चों को इस तरह करें मैनेज
कई लोग शादी के बाद बढ़ते खर्चों के कारण फाइनेंशियल इश्यू की दिक्क्तें झेल रहे होते हैं. कई बार शादी से पहले होने वाले खर्चों से हम अनजान रहते हैं, लेकिन शादी के बाद डबल हुए खर्च उनकी परेशानी बढ़ा देते हैं. वहीं, धीरे-धीरे बढ़ती फाइनेंशियल इश्यू की वजह से भी आपके रिश्तों में कड़वाहट आ सकती है, जो आपकी शादीशुदा जिंदगी के लिए ठीक नहीं है. अगर आप भी अपनी शादीशुदा जिंदगी में फाइनेंशियल इश्यू के कारण परेशान हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए है. आज हम तेल दलाल कितना कमाते हैं? आपको बताएंगे कि ऐसी स्थिति में किन बातों पर ध्यान देने की जरूरत है.
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इन बातों का रखें ध्यान (Keep These Things In Mind)
अपने बढ़ते खर्चों पर काबू पाने के लिए आप पहले से बजट बनाकर, अपने खर्चों को मैनेज कर सकते हैं.
कहा जाता है कि जितनी चादर हो उतने ही पैर पसारने चाहिए. अगर पति-पत्नी दोनों कमाते हैं, तब भी उन्हें अपने बढ़ते खर्चों को मैनेज करना आना चाहिए, ताकि महीने भर के लिए सब कुछ सही तरह से बैलेंस हो जाए.
वहीं, कुछ चीजों में कटौती करके भी आप अपनी जरूरी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं. इसके लिए आपको अपनी कुछ आदतों में बदलाव करना होगा.
महीने में बजट की प्लानिंग बहुत जरूरी है ताकि आपको पता चल सके कि आपको सेव कितना करना और खर्च कितना करना है. घर चलाने के लिए यह बहुत जरूरी कामों में से एक है.
वहीं बार-बार दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाने या ट्रिप प्लान करने जैसी आदतों पर काबू पाना बहुत जरूरी है. इसकी बजाय आप महीने में एक बार अपने पार्टनर के साथ घूमने का प्लान बनाये, ये आपके रिश्ते को बोरिंग होने से बचाएगा और उसमें मिठास घोलने का काम करेगा.
शादी के बाद भी अगर आप बैचलर लाइफ जीना चाहते हैं, तो ये मुमकिन नहीं है, क्योंकि अक्सर मैरिज के बाद तेजी से जिम्मेदारियां भी बढ़ जाती है. जब बात घर को चलाने की आती है तो पार्टनर्स को मिलकर सबसे पहले घर का बजट तय करना चाहिए.
बिना प्लान के किसी भी तरह से खर्च करने पर अंत में आपको पैसों की समस्या का सामना करना पड़ता है, इसलिए पहले से प्लान बनाएं.
वहीं डिनर की बजाय घर पर बने खाने का आनंद लें, ये आपके लिए हेल्दी भी रहेगा और सुरक्षित भी.
कई बार फाइनेंशियल इश्यू के कारण कपल्स के बीच कड़वाहत आ जाती है. उनके बीच झगड़े बढ़ जाते हैं, जो धीरे-धीरे उनका रिश्ता खराब करने लगते हैं. यही कारण है कि ज्यादातर शादीशुदा जोड़े सेविंग्स पर खास ध्यान देते हैं, ताकि ऐसे मुश्किल वक्त में इसका असर उनके रिश्ते पर न पड़े.
वहीं अगर आपकी सैलरी चाहे जितनी कम हो, लेकिन उसमें से थोड़ा-बहुत बचाने की आदत डाले. पति-पत्नी को मिलकर घर चलाने से लेकर कई खर्चों पर ध्यान देना पड़ता है, इसके लिए पहले से सेविंग करना जरूरी है. कई बार पति-पत्नी दोनों वर्किंग होने के बाद भी वे आर्थिक समस्या से जूझते हुए दिखाई देते हैं. कई बार को लोगों को अचानक अपनी जॉब से हाथ धोना पड़ जाता है, ऐसी स्थिति में पति-पत्नी पहले से ही प्लान करें कि कितना सेव किया जा सकता है और कितना खर्च होना है.
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