यदि देश मधुमय है तो किसी के लिए तो होगा ही. अब यह तो संम्भव नहीं है कि मधु हो, लेकिन कोई उसका स्वाद न ले. पर कौन चखेगा? इसका संकेत शास्त्रों ने दिया -वीर भोग्या वसुंधरा. पहले एक ने स्वाद लिया, पर दूसरा देखता रहा. वह अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? कमज़ोर था. जो खुद नहीं लड़ सकता, वह लड़वा सकता है. उसने अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? तीसरे से कहा- नेताजी यह मधुमय देश हमारा. नेताजी समझ गए. नेताजी ने विधानसभा में ताल ठोंक दी- तुम्हारा ‘मधुमून’ पूरा हुआ, अब हमें मनाने दो. हम भी तो जानें कैसा है यह मधुमय देश हमारा. हम जानना चाहते हैं, हमारे विधायक-कार्यकर्ता जानना चाहते हैं, और कुछ आपकी पार्टी के विधायक भी, जिन्हें ठीक से मधु नहीं दिखाया गया, मधुमय देश के बारे में जानने के इच्छुक हैं. क़दम विधायक निवास के ठीक सामने रुकते हैं.

स्नैपड्रैगन से लैस Redmi K60, Redmi K60 Pro जल्द ही लॉन्च होंगे, जानें क्या खास है

Redmi K60 सीरीज के बारे में लंबे समय से खबरें आ रही हैं। आज Redmi ने इन स्मार्टफोन्स की लॉन्च टाइमलाइन को लेकर एक टीजर जारी किया है। हालांकि इन स्मार्टफोन्स के बारे में डिटेल्स पहले से ही लीक हो जाती हैं। यहां हम आपको इन स्मार्टफोन के बारे में विस्तार अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? से बता रहे हैं। Redmi Weibo अकाउंट के अनुसार, Redmi K60 सीरीज़ ‘अल्ट्रा-हाई टेक्स्ट’ पर नज़र रखती है। यह स्मार्टफोन लाइनअप ‘परफॉर्मेंस सीरीज’ के तौर पर डब की गई है।

जहां तक ​​​​लॉन्च की बात है तो Redmi K60 सीरीज को 2023 में नए साल की शुरुआत में लाया जा सकता है। इसलिए यह जनवरी के पहले सप्ताह में फ़ोरम आ सकता है। यह भी साफ नहीं है कि ये स्मार्टफोन सीरीज दिसंबर के आखिरी तक भी हो सकती है या नहीं।

स्पेसिफिकेशंस की बात करें तो Redmi K60 लेटेस्ट स्नैपड्रैगन 8 Gen 2 लुक से कम हो सकता है। जबकि रेडमी K60 Pro में पुराना स्नैपड्रैगन 8 Plus Gen 1 SoC होगा और Redmi K60e डाइमेंसिटी 8200 चिप से लैस होगा।

शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर लग सकता है ज्‍यादा टैक्‍स, प्रधानमंत्री मोदी ने दिए संकेत

Ankit Tyagi
Updated on: December 25, 2016 15:07 IST

शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर लग सकता है ज्‍यादा टैक्‍स, प्रधानमंत्री मोदी ने दिए संकेत- India TV Hindi

शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर लग सकता है ज्‍यादा टैक्‍स, प्रधानमंत्री मोदी ने दिए संकेत

नई दिल्ली। शेयर बाजार से जुड़े कारोबारियों को अब अपनी आय पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में संकेत दिए हैं। दरअसल शनिवार को अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ सिक्‍यॉरिटीज मार्केट के नए कैंपस का उद्घाटन करते हुए कहा कि जो लोग शेयर बाजार से मुनाफा कमा रहे हैं, उन्‍हें टैक्‍स देकर देश निर्माण की प्रक्रिया में भागीदारी करनी चाहिए।

खुलते ही धड़ाम गिरा शेयर बाजार, सेंसेक्‍स 1200 अंक नीचे, निवेशकों को भारी अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? नुकसान

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नई दिल्‍ली. मंगलवार को शेयर बाजार में सुबह से ही गिरावट दिखाई दिया। सेंसेक्स करीब 1200 अंक नीचे खुला तो निफ्टी भी 350 से ज्यादा अंक नीचे कारोबार कर रहा था। भारतीय शेयर बाजारों में इसे भारी गिरावट माना जा रहा है। जानकारों का मानना है अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गिरावट की वजह से यह स्थिति उत्‍पन्‍न हुई है। इसलिए निवेशकों को सोच समझकर बाजार में फिलहाल निवेश करना चाहिए। अभी गिरावट का दौर कुछ दिन और चल सकता है। इसलिए सभी को समझदारी के साथ बाजार में पैसा लगाना चाहिए। आपको बता दूं कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था कि बाजार में लगातार जारी गिरावट की वजह आम बजट में शेयरों में कमाई पर दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर लगाया जाना नहीं बल्कि वैश्विक कारक हैं। जेटली का बयान ऐसे समय में आया जब शेयर बाजार में नवंबर 2016 के बाद से शुक्रवार को सबसे भारी गिरावट दर्ज की गई थी। आम बजट 2018-19 में शेयरों से कमाई पर एलटीसीजी कर दोबारा लगाए जाने के ऐलान के बाद बाजार लुढ़के थे। शुक्रवार के कारोबार में सेंसेक्स में 800 अंकों से अधिक की एकदिनी गिरावट हुई थी जबकि निफ्टी सूचकांक में 200 से अधिक गिरावट दर्ज की गई थी। अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? एक फरवरी को मोदी सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने संसद में बजट पेश किया था। बजट के कुछ प्रस्तावों को लेकर निवेशकों की चिंता तथा वैश्विक स्तर पर बिकवाली से शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला सोमवार को लगातार पांचवें दिन जारी रहा तथा सेंसेक्स 310 अंक टूटकर 34,757.16 अंक के तीन सप्ताह के निचले स्तर पर आ गया था। पिछले सप्ताह बजट में सरकार ने शेयरों पर 10 प्रतिशत का पूंजीगत लाभ कर लगाने का प्रस्ताव किया है। इसके अलावा राजकोषीय घाटे के लक्ष्य से चूकने से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई है। एक फरवरी को बजट पेश होने के बाद से सेंसेक्स तीन सत्रों में 1,208 अंक से अधिक नीचे आ चुका है। वहीं निफ्टी 361 अंक टूटा है। ब्रोकरों का कहना है कि निवेशकों ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा से पहले सतर्कता का रुख अपनाया हुआ है।

अरुण यह मधुमय देश हमारा

अरुण यह मधुमय देश हमारा

शाम को टहलते हुए सोच रहा था कवि ने ऐसा क्यों कहा – अरुण यह मधुमय देश हमारा? वह कह सकता था – देखो यह मधुमय देश हमारा, अथवा – अहो यह मधुमय देश हमारा. कविगण भूत, भविष्य, वर्तमान एक साथ देखने की क्षमता रखते हैं. वे त्रिकालदर्शी होते हैं. अपना घर छोड़ कर, कवि सब देख लेते हैं. कवि ने यदि ‘अरुण’ कहा है, तो इसका निश्चय ही कोई प्रयोजन होगा. विचार और क़दम साथ-साथ चलते रहे. विधायक अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? निवास के निकट आते-आते यह पंक्तियां कुछ स्पष्ट हुईं और पंक्ति छायावाद की छाया से निकल कर कुछ प्रकाश में आई. (Satire by Priy Abhishek)

अरुण दरअसल व्यक्तिवाचक संज्ञा है. कवि ने इसको इस प्रकार से प्रयोग किया है कि ये देश-काल के अनुसार अन्य संज्ञाओं से प्रतिस्थापित की जा सके. जैसे कभी दौलत खान लोधी ने कहा होगा- बाबर यह मधुमय देश हमारा. कभी मीर जाफर ने कहा होगा- क्लाइव यह मधुमय देश हमारा. फिर अंग्रेज चले गए तो नब्बे के दशक तक नेता एक दूसरे से कहते रहे- भाईसाहब यह मधुमय देश हमारा. नब्बे के बाद वे एक दूसरे के अतिरिक्त विदेशी कम्पनियों से भी कहने लगे- यूनिलीवर यह मधुमय देश हमारा या वालमार्ट यह मधुमय देश हमारा. नेताओं ने अपनी संतानों को तो अनिवार्यतः बताना (और दिखाना भी) शुरू कर दिया- बेटा देखो यह मधुमय देश हमारा, बेटा चखो यह मधुमय देश हमारा.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव से पूछा- आप धूल और कचरे का मसला ही नहीं सुलझा पा रहे, पद पर क्यों बने हुए हैं?

नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने सख्ती से कहा कि क्या सरकारें इस अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? तरह प्रदूषण से लोगों को मरने के लिए छोड़ सकती हैं? क्या आप देश को 100 साल पीछे जाने देना चाहते हैं? सुनवाई के अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? दौरान कोर्ट में पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के मुख्य सचिव मौजूद थे। अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? जस्टिस अरुण मिश्रा ने दिल्ली के मुख्य सचिव से सवाल किया- आप अरुण संकेतक आपको क्या बताता है? धूल, कचरे और निर्माण कार्यों की समस्या ही नहीं सुलझा पा रहे, आप इस पद पर क्यों बने हुए हैं? जस्टिस अरूण मिश्रा ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को आदेश दिया कि वे किसानों को पराली जाने से रोके और उन्हें 100 रु. प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि प्रदान करें। प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंचने के बीच कोर्ट ने मंगलवार को इस मुद्दे पर एक नया केस दर्ज किया था।

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