भले ही आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनाव जीत चुकी है, लेकिन आगे उसकी राह आसान नहीं होने वाली है। एमसीडी की आर्थिक स्थिति बता रही है कि एमएसीडी रणनीति क्या है यह आम आदमी पार्टी के लिए काँटों भरा ताज है। दरअसल, दिल्ली नगर निगम की जितनी आमदनी है, उससे कई गुना ज्यादा खर्च है। एमसीडी के खर्च से पहले उसकी आमदनी के बारे में जान लेते हैं। एमसीडी की सालाना आमदनी लगभग 4800 करोड़ रुपए है।
गुजरात बचाने के लिए केजरीवाल को दिल्ली में फँसाने में एमएसीडी रणनीति क्या है एमएसीडी रणनीति क्या है बीजेपी सफल?
गुजरात विधानसभा चुनाव के साथ ही दिल्ली नगर नगर निगम के भी चुनाव कराने का बीजेपी का दाँव सफल होता दिख रहा है। आम आदमी पार्टी के ज़्यादातर नेता गुजरात छोड़ कर दिल्ली आ गए हैं या दिल्ली आने वाले एमएसीडी रणनीति क्या है हैं। एक तरह से पार्टी ने गुजरात का चुनाव अभियान पूरी तरह से प्रदेश के दो नेताओं गोपाल इटालिया और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदान गढ़वी पर छोड़ दिया है। पूरी पार्टी का ध्यान अब गुजरात से ज़्यादा दिल्ली के चुनाव पर केंद्रित है, क्योंकि पार्टी के लिए दिल्ली जीतना ज़्यादा अहम है।
जब तक दिल्ली नगर निगम के चुनाव घोषित नहीं हुए तब तक आम आदमी पार्टी ने अपनी पूरी ताक़त गुजरात में झोंक रखी थी। खुद पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार गुजरात के दौरे कर रैलियाँ और रोड शो कर रहे थे। उनके अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी गुजरात का दौरा कर रहे थे। लेकिन अब सब का ध्यान दिल्ली पर केंद्रित है।
हिम्मत है तो समय पर MCD चुनाव कराए भाजपा, जीती तो राजनीति छोड़ देंगे- केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव टालने को लेकर भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। भाजपा को समय पर चुनाव कराने की चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि अगर भाजपा समय पर ये चुनाव कराकर जीत जाती है तो आम आदमी पार्टी (AAP) राजनीति छोड़ देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा हार के डर से ये चुनाव टाल रही है और ये शहीदों का अपमान है।
क्या है पूरा मुद्दा?
दिल्ली में नगर निगम के चुनाव लंबित हैं, लेकिन तीनों नगर निगमों के विलय के केंद्र सरकार के फैसले के कारण इन्हें टाला जा रहा है। मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इससे संबंधित दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक, 2022 को मंजूरी दी और मौजूदा बजट सत्र के दौरान अगले हफ्ते इसे संसद में पेश किया जा सकता है। केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर इस विलय के कारण नगर निगम चुनाव टालने को कहा था।
AAP चुनाव टालने का जमकर विरोध कर रही है और इसी कड़ी में आज दिल्ली विधानसभा के बाहर रिपोर्टर्स से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा, "अपनी हार के डर से जो ये लोग (भाजपा) चुनाव टाल रहे हैं, ये सीधे-सीधे इस देश के साथ खिलवाड़ है. एक छोटे से चुनाव को जीतने के लिए आप इस एमएसीडी रणनीति क्या है देश की व्यवस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, देश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. ये बिल्कुल मंजूर नहीं है।"
"दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होकर छोटी सी पार्टी से घबरा गई भाजपा"
केजरीवाल ने आगे कहा, "भारतीय जनता पार्टी कहती है कि हम दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी हैं। सबसे बड़ी पार्टी और दिल्ली की एक छोटी सी पार्टी से घबरा गए तुम। दिल्ली के एक छोटे से चुनाव से घबरा गए तुम। क्या हिम्मत है यार तुम्हारे अंदर? लानत है तुम्हारे ऊपर। मैं चैलेंज करता हूं भाजपा को। अगर हिम्मत है तो MCD के एमएसीडी रणनीति क्या है चुनाव टाइम पर कराकर दिखाओ और जीत कर दिखा दो, हम राजनीति छोड़ देंगे।"
AAP प्रमुख केजरीवाल ने मामले पर एक के बाद एक कई ट्वीट भी किए। अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'भाजपा का दिल्ली नगर निगम के चुनाव टालना शहीदों का अपमान है जिन्होंने अंग्रेजों को देश से भगाकर देश में जनतंत्र स्थापित करने के लिए कुरबानियां दीं थीं। आज ये हार के डर से दिल्ली नगर निगम के चुनाव टाल रहे हैं, कल ये राज्यों और देश के चुनाव टाल देंगे।
दिल्ली MCD चुनाव: अरविंद केजरीवाल के लिए राजनीति में कोई सगा नहीं, उनके तीन यार, दारु-घोटाला और भ्रष्टाचार- अनुराग ठाकुर
Written By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: November 26, 2022 6:15 IST
Image Source : TWITTER केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर दिल्ली MCD चुनाव के मद्देनजर एक सभा में
दिल्ली नगर निगम चुनाव के नजदीक आते ही प्रदेश का राजनीतिक माहौल सर्दी में भी गर्म हो गया है। पार्टियों ने प्रचार-प्रसार तेज कर दिया है। जहां एक तरफ बीजेपी MCD में अपनी सत्ता बनाए रखना चाहती है तो वहीं आम आदमी पार्टी प्रदेश के साथ-साथ निअग्म में भी अपनी सरकार की उम्मीद लगाए बैठी है।
एमसीडी चुनाव: केजरीवाल ने आगामी रणनीति पर चर्चा की
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (MCD) के चुनाव (elections) में डाले गए वोटों की गिनती चल रही एमएसीडी रणनीति क्या है है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को अपने डिप्टी मनीष सिसोदिया (manish sisodia) और आप के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ अपने आवास पर बैठक की। बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) भी मौजूद रहे।
पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए प्रवक्ता संजीव झा ने कहा कि मेयर आप का होगा। उन्होंने कहा, भाजपा ने दिल्ली को कचरे से ढक दिया है, इसे साफ किया जाएगा और एमसीडी में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनेगी। दिल्ली के लोगों ने आप को एमसीडी में लाने का फैसला किया है ताकि दिल्ली स्वच्छ और सुंदर बने।
आमदनी से 3 गुना ज़्यादा है MCD का खर्च, कैसे चलेगी AAP की रेवड़ी वाली राजनीति? केंद्र सरकार से भी मिलता है पैसा, टैक्स वसूल कर कमाई
रिपोर्ट्स के मुताबिक एमसीडी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन पर सालाना 9300 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। एमसीडी को लाखों स्ट्रीट लाइटों का बिजली बिल भरना पड़ता है। इस पर सालाना करीब 100 करोड़ रुपए खर्च आता है।
दिल्ली एमसीडी में आय से अधिक व्यय (फाइल फोटो साभार हिंदुस्तान)
दिल्ली नगर निकाय (MCD) चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत हुई है। AAP को 250 में से 134 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा को 104 और कॉन्ग्रेस को 09 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। राजधानी दिल्ली का 97 फीसदी इलाका एमसीडी के अंडर ही आता है। बाकी का तीन प्रतिशत इलाका नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) और दिल्ली कंटेन्मेंट बोर्ड (DCB) के पास है।
टैक्स आय का प्रमुख साधन
किसी भी नगर निगम की आय का मुख्य स्रोत वसूले जाने वाला टैक्स होता है। दिल्ली एमसीडी को संपत्ति टैक्स से अधिक आमदनी होती है। उन्हें प्लॉट, दुकानों, कमर्शियल इमारतों और जगह-जगह लगने वाले एडवरटाइजिंग का टैक्स मिलता है। इसके अलावा बॉर्डर पर वसूले जाने वाले टोल टैक्स, पार्किंग आदि एमएसीडी रणनीति क्या है से निगम अपनी कमाई करता है। दिल्ली सरकार जो स्टांप ड्यूटी वसूल करती है, उसमें भी नगर निगम का हिस्सा होता है।
पाँचवे वित्त आयोग में व्यवस्था की गई थी कि विकास कार्यों के लिए एमसीडी को दिल्ली सरकार अपने बजट का 12.5% हिस्सा देगा। यह फंड राज्य सरकार तीन किस्तों में एमसीडी को देती है। इसके अलावा केंद्र सरकार का शहरी विकास मंत्रालय भी एमसीडी के लिए फंड जारी करता है।
नक्शों की मंजूरी से फंड की प्राप्ति
दिल्ली में नक्शे मंजूर करने का काम एमसीडी के पास ही है। यदि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में केंद्र सरकार एमएसीडी रणनीति क्या है भी कोई इमारत बनाती है तो उसे एमसीडी से ही नक्शा मंजूर कराना होता है। इसके लिए एमसीडी शुल्क वसूलता है।
इनके अतिरिक्त एमसीडी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र, ट्रेड लाइसेंस जारी करने, रेस्टोरेंट लाइसेंस देने, पार्किंग के ठेके जारी करने से भी आमदनी करता है।
आमदनी से अधिक खर्च
हम एमसीडी को आम आदमी पार्टी के लिए काँटो एमएसीडी रणनीति क्या है भरा ताज इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आमदनी के तुलना में यहाँ खर्च बहुत अधिक है। खर्च अधिक और आमदनी कम होने के कारण विकास कार्यों के लिए अक्सर फंड की कमी हो जाती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक एमसीडी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन पर सालाना 9300 करोड़ रुपए खर्च होते हैं। एमसीडी को लाखों स्ट्रीट लाइटों का बिजली बिल भरना पड़ता है। एमएसीडी रणनीति क्या है इस पर सालाना करीब 100 करोड़ रुपए खर्च आता है।
सफाई व्यवस्था पर सालाना करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होता है। बिजली बिल और सफाई पर सालना खर्च 400 करोड़ का खर्च होता है, लेकिन आमदनी नहीं होती। इसके अतिरिक्त सैनिटेशन, कूड़ा ढुलाई और दफ्तरों के मेंटनेंस पर भी खर्च होता है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं कि एमसीडी की जितनी आमदनी है, उससे करीब तीन गुना खर्च है। आय और व्यय के बीच का जो अंतर है उसे पाटना आम आदमी पार्टी के लिए आसान नहीं होगा।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 544