लेखक चरण सिंह राजपूत ट्रेड यूनियन लीडर हैं. सहारा समूह में कार्य कर चुके हैं. इन दिनों बतौर सोशल एक्टिविस्ट वे विभिन्न मुद्दों पर बेबाक तरीके से आवाज उठाते रहते हैं. चरण से संपर्क [email protected] के जरिए किया जा सकता है.
“सहारा Q-शॉप” साबित होगा देश का सबसे बड़ा घोटाला!
नई दिल्ली। वैसे तो सहारा की बुनियाद ही गड़बड़झाले पर रखी गई है पर गत दिनों जब सहारा के मुखिया सुब्रत राय पर शिकंजा कैसा गया तो सहारा में सहारा Q-शॉप एक ऐसी कंपनी बनी जिसमें निवेशकों का पैसा कन्वर्ट कर दिया गया। निवेशकों को छह साल में दोगुना पैसा देने का मोटा लालच देकर चुप करा दिया गया।
जब इस पैसे को लौटाने का नंबर आया तो सहारा-सेबी मुकदमे का हवाला देते हुए यह कहकर उन्हें टरका दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की कंपनियों में पैसा निकालने पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसा माना जा रहा है कि क्यू शॉप के माध्यम से करीब 75 हजार करोड़ का घोटाला सहारा प्रबंधन ने किया है। यदि सहारा पर सीबीआई और ईडी जांच बैठ जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सहारा में मामला भुगतान-विलम्ब या दिवालियापन का नहीं है बल्कि सहारा में कर्मचारियों, एजेंटों और निवेशकों को एक सोची सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश समझी साजिश के तहत बेवकूफ बनाया जा रहा है। मामले की जांच तो हुई नहीं मामला कोर्ट-कचहरी में घूमता सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश रहा। होना यह चाहिए था कि मामले की जांच किसी विश्वसनीय एजेंसी से करानी चाहिए थी। तब पता चलता कि कितने लोग प्रभावित हुए, कितने रूपये की धोखाघड़ी की गयी और क्या-क्या साजिशें रची गईं।
यह सेबी ही है जिसे सहारा के निवेशकों का भुगतान उन ₹ 24,000 करोड़ में से करना है जो उसके पास जमा है : सहारा ने माननीय उच्च न्यायालय से कहा
लखनऊ, 09 मार्च, 2022 : सहारा इंडिया परिवार ने माननीय पटना हाई कोर्ट के समक्ष कहा कि सेबी के पास जो ₹ 24,000 करोड़ से अधिक की धनराशि जमा है, वह सहारा ग्रुप कंपनीज के निवेशकों के पुनर्भुगतान के लिए है। किंतु निवेशकों को सेबी से भुगतान नहीं मिला है और यह धनराशि सेबी के पास व्यर्थ पड़ी है। विगत 9 वर्षों में सेबी ने निवेशकों को केवल ₹128 करोड़ का ही पुनर्भुगतान किया है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में समूह की अन्य कंपनियों के निवेशकों की देनदारी चुकाने के प्रति कोई रोक नहीं है। माननीय पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी सम्मन के अनुसरण में 8 मार्च 2022 को सहारा की ओर से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता श्री उमेश प्रसाद सिंह ने एक लिखित उत्तर में यह बात कही।
काला धन पर बड़ा हमला, 15 हजार करोड़ रुपये की टैक्स चोरी पर सेबी की कार्रवाई
- नई दिल्ली,
- 13 मार्च 2016,
- (अपडेटेड 13 मार्च 2016, 8:38 PM IST)
शेयर बाजार नियामक संगठन (सेबी) ने टैक्स चोरी पर हमला बोलते हुए बड़ी कार्रवाई की है. उसने पूंजी बाजार से एक हजार इकाईयों को प्रतिबंधित कर दिया है. इन इकाइयों को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी मामले में शेयर बाजार प्लेटफार्म का दुरुपयोग करते पाया गया. कालाधन पर लगाम लगाने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जा रहा है.
आयकर विभाग को सेबी ने पत्र लिखा
इसके साथ ही सेबी ने 167 कंपनियों के शेयरों में कारोबार को सस्पेंड कर दिया है. इसके अलावा करीब 100 मामलों के बारे में आयकर विभाग को पत्र लिखा. सेबी को 1,800 से अधिक इकाइयों पर उनकी घोषित आय से अधिक मूल्य के शेयरों में कारोबार का संदेह है.
म्यूचुअल फंड निवेश पर SEBI का बड़ा ऐलान, जारी किया रिस्क फ्रेमवर्क, जानिए क्या होंगे फायदे
- Himali Patel
- Updated On - September 29, 2021 / 03:47 PM IST
डिस्ट्रीब्यूटर्स सहित म्यूचुअल फंड की बिक्री से जुड़े लोगों द्वारा की गई किसी भी गलत बयानी के लिए एएमसी उत्तरदायी होगी. PC: सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश Pixabay
मार्केट रेगुलेटर SEBI ने म्युचुअल फंड निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क को जारी कर दिया है. यह फ्रेमवर्क 1 जनवरी 2022 से लागू हो जाएगा. इसके तहत कंपनी को मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति, जोखिम प्रबंधन समितियों का निर्माण और प्रत्येक योजना के लिए निवेश जोखिम, तरलता जोखिम और क्रेडिट जोखिम जैसे मेट्रिक्स को बनाए रखना अनिवार्य होगा. सेबी का कहना है कि तब से लेकर अब तक म्युचुअल फंड्स इंडस्ट्री को लेकर काफी बदलाव आए गए हैं, इसलिए नया फ्रेमवर्क लागू करना जरूरी हो गया है. दरअसल रिस्की डेट सिक्युरिटीज में म्यूचुअल फंड्स का एक्सपोजर कैपिटल मार्केट में निवेश करने वालों के लिए बड़े रिस्क के रूप में उभरा है. इसलिए सेबी निवेशकों को बड़े रिस्क सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश से सेफ रखने के लिए रेगुलेटरी सेफ्टी नेट मजबूत बनाने में जुटा है. SEBI के मुताबिक म्यूचुअल फंड संचालन से जुड़े महत्वपूर्ण जोखिमों के प्रबंधन के व्यापक लक्ष्य के साथ, संशोधित रिस्क मैनेजमेंट फ्रेमवर्क (RMF) में सिद्धांतों या मानकों का एक सेट शामिल होगा, जिसमें नीतियां, प्रक्रियाएं और जोखिम प्रबंधन शामिल होंगे.
सेबी ने निवेशकों के लिए जारी किए निर्देश
सहारा इंडिया में लाखो लोगो का पैसा फंसा है तो यह खबर उन लोगो लिए बेहद जरूरी है। बता दें अभी तक सहारा इंडिया के निवेशकों को सेबी ने मूलधन और ब्याज समेत 138.07 करोड़ रुपये ही लौटाए है।
मोदी सरकार के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 232.85 लाख निवेशकों से 19400.87 करोड़ रुपये और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 75.14 लाख निवेशकों से 6380.50 करोड़ रुपये इक्ठ्ठे किए। सुप्रीम कोर्ट के 31 अगस्त 2012 के आदेश और उसके बाद के आदेशों के अनुसार, सहारा इंडिया ने निवेशकों से जमा की गई 25,781.37 करोड़ की मूल राशि के मुकाबले 31 दिसंबर, 2021 तक ‘सेबी-सहारा रिफंड’ खाते में 15,503.69 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 635