ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के बारे मे पूरी जानकारी हिन्दी मे
आप अक्सर स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग के बारे मे सुनते रहते है, अनलाइन ट्रेडिंग करके लोग लाखों का मुनाफा कमाते है और कई लोगों को हजारों गवाते भी है तो आखिर ट्रेडिंग होता क्या है, शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे फर्क क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है और क्या ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाए जा सकते है आज आप इस लेख मे ट्रेडिंग से संबंधित सारे सवालों का जवाब पाएंगे।
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आप अक्सर स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग के बारे मे सुनते रहते है, अनलाइन ट्रेडिंग करके लोग लाखों का मुनाफा कमाते है और कई लोगों को हजारों गवाते भी है तो आखिर ट्रेडिंग होता क्या है, शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे फर्क क्या है, ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है और क्या ट्रेडिंग से रोज पैसे कमाए जा सकते है आज आप इस लेख मे ट्रेडिंग से संबंधित सारे सवालों का जवाब पाएंगे।
ट्रेडिंग क्या है?
ट्रेडिंग का हिन्दी अर्थ व्यपार होता है अगर इसका मतलब विस्तार मे समझा जाए तो किसी वस्तु को कम दाम मे खरीदना और जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे बेचना ताकि लाभ हो सके
ठीक उसी प्रकार शेयर मार्केट मे शेयर या सेवा खरीदना और जैसे ही शेयर का दाम बढ़ जाए उसे बेच कर लाभ कमाने को ही हम शेयर मार्केट मे ट्रेडिंग कहते है।
अब आप सोच रहे होंगे की इनवेस्टमेंट मे भी तो यही होता है लेकिन ट्रेडिंग इनवेस्टमेंट से बहोत अलग होता है।
ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे क्या अंतर होता है?
ट्रेडिंग और इनवेस्टमेंट मे बहोत अंतर होता है जैसे –
इनवेस्टमेंट मे हम शेयर को लंबे समय तक होल्ड करते है जैसे- 1 साल, 5 साल या 10 साल लेकिन ट्रेडिंग मे हम शेयर को बहोत काम समय के लिए होल्ड करते है जैसे – 1 मिनट, 1 घंटा या कुछ महीने
इनवेस्टमेंट मे हम ध्यान से अच्छी कॉम्पनियों के शेयर खरीदते है क्युकी इनवेस्टमेंट मे हम शेयर को लंबे समय तक होल्ड करके रखते है लेकिन ट्रेडिंग मे कंपनी की विस्तार से जानकारी लिए बिना शेयर को खरीदते है क्युकी ट्रेडिंग मे हमे शेयर इंट्राडे ट्रेडिंग की मूलभूत बातें के दाम मे उतार चढ़ाव से मतलब होता है और जैसे ही शेयर का दाम बढ़ता है हम शेयर को बेच कर लाभ कमा लेते है।
इनवेस्टमेंट मे लाभ लंबे समय के बाद होता है लेकिन हानी की संभावना बहोत कम होता है जबकि ट्रेडिंग मे लाभ हम बहोत कम समय मे कमा लेते है लेकिन हानी होने की संभवना ज्यादा होती है।
ट्रेडिंग मे हम टेक्निकल अनलिसिस करने के बाद शेयर खरीदते है मतलब बस शेयर के दाम मे उतार चढ़ाव को ध्यान मे रख कर शेयर को खरीदते है इस लिए इसे ट्रेडिंग कहा जाता है और इनवेस्टमेंट मे हम फंडामेन्टल अनलिसिस मतलब कंपनी की पूरी विस्तार से जानकारी लेते है की ये भविष्य मे अच्छा मुनाफा काम पाएगी की नहीं उसके बाद हम शेयर खरीदते है इसलिए इसे इनवेस्टमेंट कहा जाता है।
ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?
ट्रेडिंग के बारे मे जानकार आपके मन सवाल जरूर आया होगा की ट्रेडिंग कितने प्रकार से होती है तो स्टॉक मार्केट मे ट्रेडिंग कई प्रकार से होती है लेकिन मार्केट मे आप कितनी देर तक ट्रेडिंग करते है उसके आधार पे ट्रेडिंग के प्रकार को मूल रूप से चार भागों मे बाँटा जाता है।
- Scalping Trading (स्कालपिंग ट्रेडिंग)
- Intraday Trading (इंट्राडे ट्रेडिंग)
- Swing Trading (स्विंग ट्रेडिंग)
- Positional Trading (पॉजिसनल ट्रेडिंग)
Scalping Trading (स्कालपिंग ट्रेडिंग)
स्कालपिंग ट्रेडिंग मे हम शेयर को कुछ सेकंड या कुछ मिनट के लिए खरीदते है और जैसे ही शेयर की प्राइस थोड़ा स भी बढ़ता है उस शेयर को बेचकर हम लाभ कमा लेते है।
उदाहरण – जैसे की आप abc कंपनी की शेयर दस हजार मे खरीदते है जिसके एक शेयर का दाम 100 रुपये है और शेयर खरीदने के 1 मिनट बाद शेयर का दाम 100 रुपये से बढ़कर 105 रुपये हो जाए और इसे बेचकर आप 500 का लाभ कमा ले तो इसे हम स्कालपिंग ट्रेडिंग कहेंगे।
Intraday Trading (इंट्राडे ट्रेडिंग)
इंट्राडे ट्रेडिंग को हम डे ट्रेडिंग भी बोलते है इस ट्रेडिंग मे हम शेयर को खरीदकर कुछ घंटों के लिए होल्ड करके रखते है और उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले खरीदे हुए शेयर को बेचकर लाभ कमाते है।
Swing Trading (स्विंग ट्रेडिंग)
इस तरह के ट्रेडिंग मे हम खरीदे हुए शेयर को कुछ दिनों के लिए होल्ड करते है और 1 या 2 हफ्ते बाद शेयर को बेचकर लाभ कामा लेते है।
Positional Trading (पॉजिसनल ट्रेडिंग)
पॉजिसनल ट्रेडिंग मे हम शेयर को खरीदकर कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों तक होल्ड करके रखते है और फिर खरीदे हुए शेयर को बेचकर लाभ कमाते है।
ट्रेडिंग में क्या क्या आता है?
आपने अक्सर सुना होगा की शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज मे शेयर को खरीद और बेचकर ट्रेडिंग की जाती है लेकिन स्टॉक एक्सचेंज में शेयर्स के अलावा बांड्स, म्युचअल फण्ड, कमोडिटी, डिबेंचर, डेरिवेटिव्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटी भी ट्रेड होती है लेकिन कोमोडिटी को ट्रेड करने का अलग स्टॉक एक्सचेंज है।
ट्रेडिंग कैसे की जाती है?
अनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए आपको ट्रैडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा, क्या आपको पता है ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है अगर नहीं पता तो हम बात दे ट्रेडिंग हमारे बैंक अकाउंट की तरह ही होता है जैसे हम बैंक अकाउंट से पैसे लेन देन करते है उसी प्रकार से ट्रेडिंग अकाउंट मे हम शेयर को इंट्राडे ट्रेडिंग की मूलभूत बातें खरीदते और बेचते है।
ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर की जरूरत पड़ेगी जैसे हम बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए बैंक जाते है ठीक उसी प्रकार लेकिन ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको ब्रोकर के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
ट्रेडिंग अकाउंट को खोलने के लिए आप किसी भी ब्रोकर के वेबसाईट पे जाके या एप स्टोर से उनका एप डाउनलोड करके आप ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते है, अकाउंट खोलने के बाद आप ट्रेडिंग कर सकते है।
क्या ट्रेडिंग करके रोज कमाया जा सकता है?
ट्रेडिंग करके रोज पैसे कमाए जा सकते है लेकिन यह आसान नहीं है अगर आप ट्रेडिंग करके कम समय मे ज्यादा पैसे कमा सकते है तो इसमे पैसे गवा भी सकते है।
ट्रेडिंग से लाभ कमाने के लिए आपको सबसे पहले हमे पैसों की जरूरत होगी क्युकी ट्रेडिंग मे आपको छोटे मूवमेंट से अच्छा पैसा कमाने के लिए हमे ज्यादा शेयर खरीदने होंगे जिसके लिए हमे ज्यादा पैसों की जरूरत होगी।
पैसों के साथ-साथ आपको टेक्निकल अनलसिस की अच्छी जानकारी होनी चाहिए तभी आप शेयर के दाम के पैटर्न को समझ सकेंगे और सही समय पर शेयर को खरीद और बेचकर अच्छा लाभ कमा पाएंगे।
ये सब सीखने के बाद आपको हानी मे बचाव के लिए स्टॉप लॉस के उपयोग को अच्छे से समझना होगा और ट्रेडिंग मे सबसे ज्यादा जरूरी लगातार अपनी गलतियों से सीखना और हार ना मानना क्युकी हर सफल ट्रेडर सफल तभी होता है जब वो लगातार अपनी गलतियों से सीखता है और अपने ट्रेडिंग को और बेहतर बनाता है।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
Intraday Trading For Beginners – Intraday Trading Kaise Kare In Hindi
दोस्तों अगर आप Intraday Trading करना चाहते है और शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हो तो यहाँ हम आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग की बेजिक जानकारी देंगे, की इंट्राडे ट्रेडिंग केसे की जाती है, इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय किन बातो क्या ध्यान रखना चाहिए?
What is Intraday Trading?
(Intraday Trading) इंट्राडे ट्रेडिंग, जिसे डे ट्रेडिंग (Day trading) के रूप में भी जाना जाता है, एक ही दिन में स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों की खरीद और बिक्री है।अधिक सरल शब्दों में, यदि आप सुबह शेयर खरीदते हैं और शाम को बेचते हैं, तो इस ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग की कुछ लाभ भी होते है और कुछ नुकसान भी हो सकता है। इसके लिए आपको शेयर मार्केट की जानकारी होनी चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक दिन के अन्दर पैसा कमा सकते हो, आपको लम्बे समय तक राह नहीं देखनी पड़ती। आप आज पैसा लगायेंगे और आज ही कमाएंगे अगर आपको सही knowage हो तो। मान लो आपने अभी शेयर ख़रीदा और उसकी कीमत 5 मिनिट में बड गई और आप ने वो शेयर बेच डाला तो आपको तुरंत profit हो जायेगा अगर शेयर की प्राइस कम हो गई तो आपको नुकसान भी हो सकता है।
अगर आप कोई नोकरी करते हो या कोई और काम करते हो और शयेर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हो तो Intraday Trading एक सही विकल्प है। लेकिन उसके लिए आपको knowage होना चाहिए वरना आपका नुकसान भी हो सकता है।
Intraday Trading Ki Basic Jankari In Hindi – Intraday Trading Beginners Guide
यह व्यापार किसी भी बाजार में हो सकता है लेकिन शेयर और विदेशी मुद्रा बाजार में नियमित रूप से किया जाता है। तो, इसका मतलब है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में, बाजार के दिन के बंद होने से पहले सभी पदों का निपटान किया जाता है। इस वजह से, ट्रेडों के परिणामस्वरूप शेयरों के स्वामित्व में कोई परिवर्तन नहीं होता है।
अगर सही तरीके से किया जाए, तो इंट्राडे ट्रेडिंग एक बहुत ही आर्थिक रूप से मजबूत करियर विकल्प हो सकता है, भले ही आप समय-समय पर किसी न किसी पैच को हिट कर सकते हैं। हालांकि, शुरुआती लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग थोड़ी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है, और आपको शुरू करने से पहले गहन शोध और एक अच्छी रणनीति की आवश्यकता होती है।
हालांकि बाजार की अस्थिरता के कारण यह व्यापार काफी जोखिम भरा है, अगर वह बाजार की स्थितियों को जानता है और हर गुजरते सेकंड के साथ सतर्क रहता है तो वह भारी मुनाफा कमा सकता है।
आज, डे ट्रेडिंग शुरू करना बहुत आसान है। यदि आप आरंभ करना चाहते हैं, तो इंट्राडे ट्रेडिंग की मूल बातें समझने के लिए पढ़ें:
How to Make Intraday Trading Successful – इंट्राडे ट्रेडिंग को कैसे सफल बनाये
Knowledge and experience – ज्ञान और अनुभव –
Professional day traders के पास market-place का अच्छा ज्ञान होता है। यदि आप बुनियादी बातों को समझे बिना दिन के व्यापार का प्रयास करते इंट्राडे ट्रेडिंग की मूलभूत बातें हैं, तो आप पैसे खोने का जोखिम उठाते हैं।
जिन शेयरों का आप व्यापार करना चाहते हैं, उनकी एक इच्छा सूची बनाएं और अपने आप को चयनित कंपनियों और सामान्य बाजारों के बारे में सूचित रखें। व्यावसायिक समाचार स्कैन करें और विश्वसनीय वित्तीय वेबसाइटों पर जाएं।
जबकि तकनीकी विश्लेषण कौशल और चार्ट पढ़ने की क्षमता आसान कौशल हैं, विश्लेषण के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों को समझने के लिए आपको बाजार को समझने की जरूरत है। आप जिस उत्पाद का व्यापार कर रहे हैं उसकी प्रकृति को लगन से समझने के लिए समय निकालें।
Start Small – शरुआत में छोटे शेयर या थोड़े शयेर ख़रीदे
शुरू करने के लिए, एक सत्र के दौरान अधिकतम एक से दो शेयरों पर ध्यान दें। केवल कुछ स्टॉक के साथ ट्रैकिंग और स्पॉटिंग के अवसर आसान हैं। अगर आप नए है और पहेली बार इंट्राडे ट्रेडिंग में काम करना चाहते हो तो आपको शरुआत के दोरान छोटे शेयर या कम शेयर ख़रीदे उससे आपको profit कम मिलेंगा और अगर नुकसान हुआ तो वो भी कम हुयेगा।
Stop-Loss – स्टॉप लॉस
इंट्राडे ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस जरूर लगाएं। मार्केट में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
इंट्रा डे ट्रेडिंग को सफल बनाने के लिए आपको निचे दी गई बाते ध्यान मं रखनी चाहिए
- इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
- शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें.
- इसमे उछाल और गिरावट तेजी से आते है, पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर इंट्राडे ट्रेडिंग की मूलभूत बातें तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
Intraday Trading Kaise Kare In Hindi
How to Get Started – शुरुआत कैसे करें
शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट और एक डीमैट अकाउंट बनाना होगा। खाता बनाने के बाद, आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करने के लिए कुछ टूल मिल सकते हैं। ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, आपको दैनिक चार्ट्स की जांच करने में कुछ समय बिताना चाहिए ताकि आप मूल्य आंदोलन पैटर्न से खुद को परिचित कर सकें। ऐसे कई उपकरण हैं जो तकनीकी विश्लेषण प्रदान करते हैं और ये उपयोगी भी साबित हो सकते हैं।
आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं। आप Trading App जरिये अपने मोबाइल में अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते है। मार्केट की कई सारे Trading App है जैसे की Moneycontrol App, Stock Edge app, Zerodha Kite, IIFL Markets, Upstox PRO और कई सारे है। यहाँ क्लिक करके आप Best Share Market App in India | टॉप स्टॉक मार्केटिंग ऐप के बारे में भी जन सकते हो।
Most Accurate Intraday Trading Indicators-सबसे सटीक इंट्राडे ट्रेडिंग संकेतक - stockorion.in
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए एक बेहद आकर्षक और प्रभावशाली चीज है लेकिन क्या इसे जारी रखना सुरक्षित और लाभदायक है ?
हां , लेकिन यह उचित संकेतकों के साथ वैज्ञानिक होना चाहिए। इंट्राडे ट्रेडिंग गैंबलिंग से कैसे अलग है। व्यापार का पूरा विचार लाभ से प्रेरित है जहां आप अपने निवेश पर वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब होता है एक दिन के अंदर की गई ट्रेडिंग। ट्रेडिंग का उद्देश्य इसके साथ लाभ कमाना है , इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि लाभ का उद्देश्य क्या है और इसे एक दिन के भीतर ही पूरा करना है। भारतीय शेयर बाजार में ट्रेडिंग सुबह 9.15 बजे शुरू होती है और दोपहर 3.30 बजे तक खुली रहती है। सोमवार से शुक्रवार तक। अगर आप सुबह कोई ट्रेड लगाते हैं तो आपको बाजार बंद होने से पहले उससे बाहर निकलना होगा। यदि आप ऐसा करने में विफल रहते हैं तो आपका ब्रोकर आपको स्वचालित रूप से बाहर निकलने देगा लेकिन इसके लिए आप पर जुर्माना लगाया जाएगा क्योंकि ब्रोकर को आपके लिए यह करना होगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संकेतकों की समझ
प्रवृत्ति को समझना बहुत बुनियादी बात है। मार्केटिंग का समग्र रुझान क्या है चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक फिर विशेष सुरक्षा के व्यक्तिगत चार्ट पर आकर , आपको प्रवृत्ति को समझने में सक्षम होना चाहिए ? कभी-कभी , बाजार सकारात्मक या नकारात्मक होता है और कभी-कभी यह मिश्रित प्रतिक्रिया दिखाता है। लेकिन , महत्वपूर्ण बात यह है कि इसे समझने में सक्षम होना चाहिए और इसके अनुसार इसे अपनाना चाहिए।
एक बार जब आप चार्ट के चलन को समझ जाते हैं , तो गति को समझना महत्वपूर्ण है। प्रवृत्ति कैसे उलटने जा रही है या जहां यह रिवर्स करने जा रही है , गति की समझ के साथ इसका अनुमान लगाया जा सकता है। गति के साथ-साथ अस्थिरता और वॉल्यूम भी देखने के लिए महत्वपूर्ण पहलू हैं।
इंट्राडे चार्ट विश्लेषण के लिए संकेतक
1. मूविंग एवरेज
मूविंग एवरेज , जिसे लोकप्रिय रूप से एमए के रूप में जाना जाता है , किसी भी चार्ट पैटर्न को समझने के लिए सबसे पुराने और सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले संकेतकों में से हैं। यह समापन मूल्य का औसत है लेकिन चूंकि यह बढ़ रहा है इसलिए इसे एक अवधि के साथ निर्दिष्ट करना होगा। सबसे लोकप्रिय मूविंग एवरेज 50 दिन , 100 दिन और 200 दिन के लिए हैं।
2. मात्रा-भारित औसत मूल्य ( VWAP)
VWAP एक और सबसे महत्वपूर्ण और आसान संकेतक है जो औसत पर विचार करता है और चार्ट पैटर्न का पूर्वानुमान करता है। यह वॉल्यूम भारित औसत मूल्य के लिए है। इसलिए , यह एक औसत है जहां वॉल्यूम भी शामिल है क्योंकि ट्रेडों की मात्रा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। VWAP ट्रेड किए गए स्टॉक के मूल्य और ट्रेड किए गए स्टॉक की मात्रा का अनुपात है।
3. डंकन चैनल
स्टॉक की अस्थिरता को समझना मूल्यांकन के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और डोनचैन चैनल इसे बहुत अच्छी तरह से करता है। चाहे अस्थिरता अधिक हो या कम , पूर्वानुमान सटीकता में वृद्धि होगी। डोनचैन चैनल का निर्माण उच्चतम ऊँचाई और निम्नतम चढ़ाव को लेकर किया गया है , जिससे यह एक ऐसी सीमा बन जाती है जहाँ बैंड कीमतों के साथ आगे बढ़ रहा है। बैंड की संकीर्णता और निर्जनता दर्शाती है कि अस्थिरता क्रमशः कम या अधिक है।
4. स्टोकेस्टिक संकेतक
जब चार्ट पैटर्न की बात आती है तो स्टोकेस्टिक लंबे समय से काफी लोकप्रिय और सटीक रहे हैं। वे गति का सटीक अनुमान लगाते हैं। स्टोचैस्टिक रूप से गणना करने के लिए एक सूत्र है:
%K = ( वर्तमान बंद - निम्नतम निम्न)/(उच्चतम उच्च - निम्नतम निम्न) * 100
%D = %K का 3- दिन का SMA
सबसे कम = लुकबैक अवधि के लिए सबसे कम
हाईएस्ट हाई = लुक-बैक पीरियड के लिए हाईएस्ट हाई
फिर विचलन और अभिसरण है जिसे प्रवृत्ति और गति को समझने के लिए देखा जाना चाहिए
5. रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स ( RSI)
RSI का मतलब रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स है जो एक मोमेंटम इंडिकेटर है। यह ओवरबॉट या ओवरसोल्ड स्थितियों का मूल्यांकन करने वाले स्टॉक की सापेक्ष शक्ति को इंगित करता है। यह 0 से 100 तक की रीडिंग के साथ एक ऑसिलेटर के रूप में प्रदर्शित होता है। 70 से ऊपर RSI का मान बताता है कि स्टॉक ओवरबॉट क्षेत्र में है और 30 से नीचे का मूल्य ओवरसोल्ड क्षेत्र को दर्शाता है। RSI लाइन का एक तरफ से दूसरी तरफ जाना रिवर्सल और पुलबैक का संकेत देता है।
6. मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस/डिवर्जेंस (एमएसीडी)
मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डाइवर्जेंस एक अन्य तकनीकी संकेतक है जो गति की भविष्यवाणी करता है। यह स्टॉक के दो मूविंग एवरेज के बीच संबंध को दर्शाता है। एमएसीडी की गणना करने के लिए 26 दिनों की घातीय मूविंग एवरेज को 12 दिनों की एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से घटाया जाता है। इस एमएसीडी लाइन की तुलना 9 डेज एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज से की जाती है जो एक क्रॉसओवर दिखाता है। ऊपर और नीचे से एक क्रॉसओवर क्रमशः बेचने या खरीदने का संकेत देता है।
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