इसमें कोई शक नहीं कि भौतिक सोने की अपनी अनूठी जगह है, पर वित्तीय साधन के रूप में सोने के सुरक्षित होने का भी अपना फायदा है. सोने में निवेश करते वक्त लिक्विडिटी की कोई चिंता नहीं रहती क्योंकि ये ऐसे निवेश हैं जिन्हें किसी भी वक्त नकदी में भुनाया जा सकता है. सोने में निवेश करते समय यह छानबीन कर लेना अच्छा है कि इन लिखत या साधनों से होने वाले लाभों पर करों की क्या व्यवस्था है.
निफ्टी में अदाणी, बंटा शेयर बाजार
अदाणी समूह की मूल कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के निफ्टी-50 इंडेक्स में शामिल किए जाने के ETF की मूल बातें मामले पर बाजार की अलग-अलग राय है। कुछ को आशंका है कि निफ्टी में शामिल किए जानने के बाद एक्सचेंज ट्रेडेड फंड व इंडेक्स फंड शेयर खरीदने को बाध्य हो सकते हैं, जो 400 गुने से ज्यादा पीई पर ट्रेड कर रहा है। साथ ही उन्हें इस बात की भी चिंता है कि इंडेक्स में उसे तब शामिल किया जा रहा है जब इस शेयर में काफी बढ़ोतरी और काफी उम्मीदें पहले ही पूरी हो चुकी है।
दूसरी ओर, इस फैसले का समर्थन करने वालों का मानना है कि इस शेयर को निफ्टी में शामिल किया जाना उन्हें इसकी खरीदारी का मौका देगा, जो हाल को वर्षों में काफी पिछड़ा रहा है। कई लोगों ने अपनी राय व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
गुरुवार को एनएसई की सूचकांक प्रदाता इकाई ने ऐलान किया था कि अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड निफ्टी-50 इंडेक्स में कोलकाता की श्री सीमेंट की जगह लेगी, जिसे 2 लाख ETF की मूल बातें करोड़ रुपये से ज्यादा परिसंपत्ति वाले ईटीएफ ट्रैक करते हैं।
निफ्टी में अदाणी, बंटा शेयर बाजार
अदाणी समूह की मूल कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के निफ्टी-50 इंडेक्स में शामिल किए जाने के मामले पर बाजार की अलग-अलग राय है। कुछ को आशंका है कि निफ्टी में शामिल किए जानने के बाद एक्सचेंज ट्रेडेड फंड व इंडेक्स फंड शेयर खरीदने को बाध्य हो सकते हैं, जो 400 गुने से ज्यादा पीई पर ट्रेड कर रहा है। साथ ही उन्हें इस बात की भी चिंता है कि इंडेक्स में उसे तब शामिल किया जा रहा है जब इस शेयर में काफी बढ़ोतरी और काफी उम्मीदें पहले ही पूरी हो चुकी है।
दूसरी ओर, इस फैसले का समर्थन करने वालों का मानना है कि इस शेयर को निफ्टी में शामिल किया जाना उन्हें इसकी खरीदारी का मौका देगा, जो हाल को वर्षों में काफी पिछड़ा रहा है। कई लोगों ने अपनी राय व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
गुरुवार को एनएसई की सूचकांक प्रदाता इकाई ने ऐलान किया था कि अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड निफ्टी-50 इंडेक्स में कोलकाता की श्री सीमेंट की जगह लेगी, जिसे 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा परिसंपत्ति वाले ईटीएफ ट्रैक करते हैं।
सोने में निवेश के विकल्प
सोने में निवेश का सबसे सीधा तरीका सीधे सोना खरीदना है। आप सोने के छड़, सिक्के या आभूषण खरीद सकते हैं। निवेश के लिहाज से सोने के सिक्के या छड़ अधिक आकर्षक हैं। इसके अलावा गोल्ड ETF, ई-गोल्ड, गोल्ड म्युचुअल फंड (Gold MF), गोल्ड ट्रेडेड फंड, ETF की मूल बातें गोल्ड क्वाइन स्कीम, गोल्ड ऑप्शंस एंड फ्यूचर्स, गोल्ड क्वाइन स्कीम और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (एसजीबी) में भी निवेश किया जा सकता है।
म्यूचुएल फंड की तरह ही गोल्ड ईटीएफ के यूनिट्स डीमैट अकाउंट के जरिए खरीदे या बेचे जा सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में 99.9 फीसदी शुद्धता का सोना होता है, जिससे निवेशकों को क्वॉलिटी की चिंता नहीं करनी पड़ती है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से सोने की चोरी का जोखिम भी नहीं रहता है। साथ ही, गोल्ड ईटीएफ में छोटी रकम भी निवेश की जा सकती है।
2- ई-गोल्ड
नेशनल स्पॉट एक्सचेंज (National Spot Exchange) ने निवेशकों को सोने में समेत कई कमोडिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में खरीदने का विकल्प दिया है। ई-गोल्ड को सुबह 10 बजे से रात 11:30 बजे तक खरीदा-बेचा जा सकता है। ई-गोल्ड की 1 यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है। ई-गोल्ड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट का होना जरूरी है।
गोल्ड फंड भी म्यूचुअल फंड की तरह फंड हाउसेज द्वारा चलाए जाते हैं। गोल्ड फंड में निवेश करने के लिए निवेशकों के पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी नहीं है। फंड ऑफ फंड्स के तहत निवेशक ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं, जिसकी पूंजी गोल्ड ईटीएफ में लगाई जाती है।
4- ETF की मूल बातें ETF की मूल बातें गोल्ड क्वाइन स्कीम
सोने के सिक्के जूलर, बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और ई-कॉमर्स वेबसाइटों ETF की मूल बातें से खरीदे जा सकते हैं। सरकार ने भी खास सोने के सिक्के लॉन्च ETF की मूल बातें किए हैं। इनमें एक तरफ अशोक चक्र और दूसरी ओर महात्मा गांधी की तस्वीर है। ये सिक्के 5 और 10 ग्राम में उपलब्ध हैं। सोने की छड़ 20 ग्राम में आती है। इंडियन गोल्ड क्वाइन और बार 24 कैरेट में आते हैं। इनकी बीआईएस स्टैंडर्ड के अनुसार हॉलमार्किंग होती है। इन सिक्कों का वितरण पंजीकृत एमएमटीसी आउटलेट, बैंक की शाखाओं और डाकघरों के जरिए होता है।
गोल्ड या जूलरी सेविंग स्कीम दो तरीके की होती हैं। एक आपको हर महीने एक निश्चित अवधि के लिए तय रकम जमा करने की अनुमति देती है। इस अवधि के खत्म होने पर आप जमा किए गए मूल्य के बराबर सोना खरीद सकते हैं। इसमें बोनस रकम शामिल होती है।
6- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)
पेपर गोल्ड खरीदने का यह एक और विकल्प है। इन्हें सरकार जारी करती है। ये हर समय खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। बजाय इसके सरकार इन्हें खरीदने के लिए थोड़े-थोड़े समय पर विंडो खोलती है। अक्सर 2-3 महीने में यह विंडो खुलती है। एक हफ्ते तक यह खुली रहती है, इसी दौरान एसजीबी खरीदने का मौका रहता है।
अब आप सोने के सिक्के, बार और जूलरी ऑनलाइन खरीद सकते हैं। पेटीएम के मोबाइल वॉलेट पर 'डिजिटल गोल्ड' की पेशकश की जा रही है। स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अपनी वेबसाइट पर 'गोल्डरश' की पेशकश कर रहा है। मोतीलाल ओसवाल ने मी-गोल्ड लॉन्च किया है। इन सभी की पेशकश एमएमटीसी-पीएएमपी के साथ गठजोड़ में की जा रही है। एमएमटीसी-पीएएमपी सार्वजनिक क्षेत्र की एमएमटीसी और स्विटजरलैंड की पीएएमपी के बीच ज्वाइंट वेंचर है।
PGIM इन्वेस्टमेंट्स ने ETF बंद करने की घोषणा की
नेवार्क, एनजे, 09 दिसंबर, 2022–(व्यापार तार)–पीजीआईएम इन्वेस्टमेंट्स, एलएलसी ने आज पीजीआईएम क्वांट सॉल्यूशंस स्ट्रैटेजिक अल्फा इंटरनेशनल इक्विटी ईटीएफ (पीक्यूआईएन) को बंद करने और समाप्त करने की योजना की घोषणा की।
ट्रेडिंग का फंड का आखिरी दिन 9 जनवरी, 2023 होगा; अधिकृत प्रतिभागियों द्वारा निर्माण या मोचन के लिए अंतिम दिन 6 जनवरी, 2023 होगा। फंड परिचालन बंद कर देगा, अपनी संपत्ति वापस ले लेगा और शेष आय को 13 जनवरी, ETF की मूल बातें 2023 को शेयरधारकों को वितरित करेगा।
PGIM निवेश के बारे में
पीजीआईएम निवेश, एलएलसी और इसके सहयोगी परिसंपत्ति वर्गों और निवेश शैलियों के व्यापक दायरे में वैश्विक स्तर पर 100 से अधिक फंड की पेशकश करते हैं। सभी उत्पाद पीजीआईएम के विश्व स्तर पर विविध निवेश मंच पर आकर्षित होते हैं जिसमें निश्चित आय, इक्विटी, विकल्प और रियल एस्टेट में प्रबंधकों की विशेषज्ञता शामिल होती है।
यानी सुनहरा मौका
- नई दिल्ली,
- 29 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 29 अगस्त 2022, 5:20 PM IST)
सोने में कुछ तो बात है वर्ना भारतीय इस पीली धातु को पाने के लिए इतने बेताब नहीं रहते. हालांकि, सोने की खरीद के पीछे अक्सर मांगलिक भावनाएं जुड़ी होती हैं, पर सोना अमूमन सुरक्षित निवेश होने की वजह से भी खरीदा जाता है. सोना खरीदने के वित्तीय फायदों को लेकर बीते सालों की बहस का नतीजा यह हुआ कि भौतिक रूप में खरीदने के अलावा भी कई तरीकों से सोने में निवेश किया जा सकता है.
दुकान पर जाकर सोना खरीदकर लाने के साथ उसके चोरी होने का जोखिम जुड़ा है, इसलिए सोने में निवेश करने में वित्तीय समझदारी है. निवेश के तौर पर सोना महंगाई से बचाव का काम कर सकता है और निवेश के लिए परिसंपत्ति के वर्ग के रूप में कई भारतीयों की निवेश बास्केट में जगह बना सकता है.
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