(2) जहां अपील धारा 11 के अधीन, यथास्थिति, किसी केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी या किसी राज्य लोक सूचना अधिकारी द्वारा पर व्यक्ति की सूचना प्रकट करने के लिए किए गए किसी आदेश के विरुद्ध की जाती है वहां सम्बंधित पर व्यक्ति द्वारा अपील, उस आदेश की तारीख से तीस दिन के भीतर की जाएगी।

Zomato ने ग्राहकों से की अपील, कहा- प्लीज हर ऑर्डर पर लिखना बंद करें, ‘भैया खाना अच्छा बनाना’.

Tender

(I) PKG-(1)Narmadapuram-Pipariya Road from Km 3.950 of existing Narmadapuram bypass to Km 187.25 at Pipariya (SH-67) excluding existing Km. 254.00 to Km 245.100 (Design Length 61.900 km) लिमिट ऑर्डर क्या है to two lane with paved shoulder on Engineering, Procurement & Construction (EPC) mode.

(II) PKG-(2)Construction of Elevated Corrider on Raisen-Rahatgarh (SH-29,SH-29A & SH-62) Road from Km 129/10 to Km 139/2 (design Ch.83.250 लिमिट ऑर्डर क्या है to Ch.92.355, Design Length 9.105 Km) on Engineering, Procurement & Construction (EPC) mode.

(III) PKG-(3)2-Lane with paved shoulder of Rewa-Beohari-Tetka Mod Section of SH-57 (from Ch.0.00 to 18.55 km, Construction of Baghwar-Canal Bridge from Ch.32.60 to 33.00 km and Ch. 40.45 to 111.50 km, Design length90.00 km.) on Engineering, Procurement & Construction (EPC) mode.

नगरीय विकास एवं आवास विभाग

पृष्ठ 2

1950 में भारत के गणतंत्र की नींव के साथ राज्यों का पुनर्गठन हुआ, इसके फलस्वरूप मध्य प्रदेश राज्य की स्थापना 1956 में की गयी, सन 2000 तक भौगोलिक रूप से मध्य प्रदेश सबसे बड़ा राज्य था। सन 2000 में इसका विभाजन कर छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की गयी, इसके बावजूद भी यह राजस्थान के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। देश के कुल क्षेत्रफल का 9.5% (308,000 वर्ग की.मी.) और 6% जनसंख्या (7.25 करोड़) मध्य प्रदेश में है। देश की कुल नगरीय जनसंख्या के आधार पर मध्य प्रदेश अपनी 5.57% जनसंख्या के साथ आठवे स्थान पर आता है।

केंद्रीय सूचना आयोग https://www.g20.org/en/

आयोग को आर.टी.आई. एक्ट की धारा 19(3) के अंतर्गत दाखिल एक अपील का न्यायनिर्णयन करने और वह अपेक्षित सूचना, जब वह केन्द्रीय जन सूचना अधिकारी (सीपीआईओ) या प्रथम अपीलीय अधिकारी के स्तर से प्रदान नहीं की गई है, को प्रदान करने का आदेश जारी करने की शक्तियाँ हैं।

अपील

धारा 19(1) ऐसा कोई व्यक्ति, जिसे धारा 7 की उपधारा (1) या उपधारा (3) के खंड (क) में विनिर्दिष्ट समय के भीतर कोई विनिश्चय प्राप्त नहीं हुआ है या जो, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी के किसी विनिश्चय से व्यथित है, उस अवधि की समाप्ति से या ऐसे किसी विनिश्चय की प्राप्ति से तीस दिन के भीतर ऐसे अधिकारी को अपील कर सकेगा, जो प्रत्येक लोक प्राधिकरण में, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी की पंक्ति से ज्येष्ठ पंक्ति का है:

मध्य प्रदेश सरकारी नौकरी में आयु सीमा में छूट का आदेश - age limit Relaxation Order in MP government jobs

मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय, वल्लभ भवन भोपाल द्वारा सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में छूट का आदेश जारी कर दिया गया है। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान ने केवल MPPSC के लिए लिमिट ऑर्डर क्या है इसकी घोषणा की थी परंतु उनकी घोषणा के साथ ही सभी शासकीय सेवाओं में आयु सीमा में छूट का प्रश्न स्वाभाविक रूप से उपस्थित हो गया था।

मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार (शैलबाला ए. मार्टिन) अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा आदेश क्रमांक एफ 07-46 / 2021 / आ.प्र. / एक दिनांक 18 सितंबर 2022 जारी किया गया है जिसमें शासन के समस्त विभाग, समस्त विभागाध्यक्ष, समस्त संभागायुक्त, समस्त कलेक्टर, समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत को बताया गया है कि इस विभाग के संदर्भित परिपत्र (विभागीय परिपत्र क्रमांक सी-3-8 /2016/1 / 3 भोपाल दिनांक 04 जुलाई लिमिट ऑर्डर क्या है 2019) द्वारा राज्य शासन की सेवाओं में सीधी भर्ती से भरे जाने वाले पदों पर नियुक्तियों के लिये अधिकतम आयु सीमा संबंधी निर्देश जारी किये गये है।

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एक ट्वीट में, फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ने कहा कि सबसे आम निर्देश था, "भैया अच्छा बनाना". उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट पर फेस पाम इमोजी के साथ लिखा, "दोस्तों कृपया खाना पकाने के निर्देश के रूप में 'भैया अच्छा बनाना' लिखना बंद करें."

guys please stop writing “bhaiya accha banana” as cooking instructions 🤦‍♂️

— zomato (@zomato) December 22, 2022

इस मजोदार पोस्ट ने इंटरनेट यूजर्स से बहुत सारी प्रतिक्रियाएं आमंत्रित कीं और इसे 3 लाख से अधिक बार देखा गया और 6 हजार लाइक्स मिले.

एक भड़के हुए यूजर ने लिखा, "फिर क्या लिखें? क्या यह अभिव्यक्ति की आजादी लिमिट ऑर्डर क्या है के खिलाफ नहीं है? हमारा मौलिक अधिकार?"

अन्य यूजर ने लिखा, "इंजीनियरिंग के उन लोगों की याद दिलाता है, जो इंटर्नल में 15 से कम अंकों के कारण पास होने के लिए आवश्यक अंक उत्तर पुस्तिकाओं पर लिख देते थे."

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