Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 20:24 IST

शेयर बाजार से परिचय

1.1 कोई निवेश क्यों करे? इस पहली बार शेयर बाजार में निवेश सवाल का जवाब देने से पहले ये समझते हैं कि अगर निवेश न� ..

2. रेगुलेटर्स – नियामक

2.1 शेयर बाज़ार क्या है? हमने पहले अध्याय में पढ़ा था कि इक्विटी निवेश का एक ऐस ..

3. फाइनेंशियल इन्टरमीडियरीज

3.1 संक्षिप्त विवरण शेयर बाजार में आपके पहली बार शेयर बाजार में निवेश एक शेयर खरीदने से ले कर उस शेयर के आपके ..

4. आईपीओ (IPO) बाज़ार- भाग 1

4.1 संक्षिप्त विवरण शुरूआत के 3 अध्याय में वो सभी आधारभूत जानकारी दी गई है जो कि ..

5. आई पी ओ बाजार (IPO Market)- भाग 2

5.1 संक्षिप्त विवरण पिछले अध्याय में हमने देखा कि एक कंपनी कैसे आइडिया के स्तर ..

6. शेयर बाज़ार

6.1 संक्षिप्त विवरण IPO प्रक्रिया समझने के बाद और कंपनी के प्राइमरी और सेकेंडर� ..

7. स्टॉक मार्केट इंडेक्स

7.1 -संक्षिप्त विवरण (Overview) अगर मैं आपसे पूछूं कि अपने शहर के ट्रैफिक का ताजा हाल � ..

8. शेयर बाज़ार में प्रयोग होने वाले शब्द

इस चैप्टर में आपको उन शब्दों का मतलब समझाया जाएगा जिनका इस्तेमाल शेयर बाज़ा� ..

9. ट्रेडिंग टर्मिनल

9.1 संक्षिप्त विवरण जब कोई व्यक्ति बाज़ार में कारोबार या सौदा करना चाहता है, उ� ..

10. क्लियरिंग और सेटलमेंट की प्रक्रिया

10.1 संक्षिप्त विवरण वैसे तो क्लियरिंग और सेटलमेंट बहुत ही सैधान्तिक विषय है ल ..

11. कंपनियों के पाँच फैसले और शेयर कीमतों पर उनका असर

11.1 -संक्षिप्त विवरण कंपनियों के कई फैसले उसके शेयरों पर असर डालते हैं। इन फैस� ..

12. कुछ आर्थिक घटनाएं और बाजार पर उनका असर

12.1- संक्षिप्त विवरण शेयर बाजार में सफल होने के लिए आपको सिर्फ कंपनी के नतीज ..

13. शुरू कैसे करें!

आपने अब तक 12 अध्याय पढ़ लिए, बहुत कुछ समझ लिया, अब आप आगे का सफर शुरू करने के लिए ..

14. कुछ बची बातें

IPO, OFS और FPO- क्या है अंतर? आईपीओ (IPO) आईपीओ (IPO) के जरिए कंपनी पहली बार शेयर बाजार में � ..

15. अतिरिक्त जानकारी- 20 मार्केट डेप्थ या लेवल 3 डेटा

20 मार्केट डेप्थ (लेवल 3 डेटा) विंडो मैं कई सालों से कार चला रहा हूं और कार को कई � ..

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Investment Tips: शेयर बाजार में नए हैं तो यह हो सकता है निवेश के लिए एक बेहतर तरीका

आम निवेशक (Investor) भी इक्विटी (Equity) की ओर आमतौर पर इसलिए आकर्षित होते हैं, क्योंकि इसमें लंबी अवधि में इंफ्लेशन (Inflation) को पछाड़ने की संभावना होती है। इसके अलावा, हमारे सभी लक्ष्यों को हासिल करने के लिए इक्विटी एक्सपोजर (Equity Exposure) के तत्व की आवश्यकता होती है।

The benefit of the stock market will be available here

शेयर बाजार का फायदा यहां मिलेगा

हाइलाइट्स

  • आप शेयर बाजार में नए हैं
  • आपको समझ में नहीं आ रहा है कि कहां से शुरूआत करें
  • तो हम आपको बता रहे हैं निवेश का बेहतर तरीका

शेयरों में निवेश से पहले जरूरी होती है कुछ जानकारी
शेयरों में निवेश से पहले आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति, उसकी व्यावसायिक संभावनाओं, वैल्यूएशन, उद्योग की गतिशीलता, बाजार की स्थितियों आदि को समझने की जरूरत है। यहां पर निफ्टी 50 ईटीएफ (Exchange Traded Fund) सामने आता है। ईटीएफ, जो एक विशिष्ट सूचकांक को ट्रैक करता है, इससे एक्सचेंजों पर स्टॉक की तरह कारोबार किया जाता है, लेकिन इसे एक म्यूचुअल फंड हाउस द्वारा ऑफर किया जाता है। आप बाजार समय के दौरान एक्सचेंजों से ईटीएफ के यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। इस संबंध में, निफ्टी 50 ईटीएफ पहली बार स्टॉक निवेशकों के लिए और सामान्य रूप से अपनी इक्विटी यात्रा शुरू करने वालों के लिए एक स्टार्टिंग पॉइंट में से एक है।

निफ्टी 50 ईटीएफ हो सकता है मददगार
ऐसे निवेशकों के लिए निफ्टी 50 ईटीएफ बहुत कम राशि में भी एक्सपोजर देगा। ईटीएफ की एक यूनिट को आप कुछ सौ रुपये में खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ एनएसई पर 185 रुपये की कीमत पर ट्रेड करता है। इस प्रकार आप 500-1000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं और एक्सचेंज से निफ्टी 50 ईटीएफ की इकाइयां खरीद सकते हैं। आप हर महीने व्यवस्थित निवेश भी कर सकते हैं। ऐसा करने से आप बाजार के सभी स्तरों पर खरीदारी करेंगे और आपके निवेश की लागत औसत होगी। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल निफ्टी 50 ईटीएफ का ट्रैकिंग एरर, जो किसी अंतर्निहित इंडेक्स से फंड रिटर्न के विचलन (deviation) का एक पैमाना है - 0.03% है, जो निफ्टी 50 ईटीएफ यूनिवर्स में सबसे कम है। सीधे शब्दों में कहें तो यह संख्या जितना कम है, उतना बेहतर।

निफ्टी 50 में कौन कंपनी
निफ्टी 50 इंडेक्स में बाजार पूंजीकरण (market capitalization) के मामले में सबसे बड़ी भारतीय कंपनियां शामिल हैं। इसलिए, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश एक निवेशक के लिए शेयरों और सेक्टर्स में उम्दा डाइवर्सिफिकेशन (excellent diversification) प्रदान करता है क्योंकि यह सूचकांक की राह पर चलता है।

डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो क्यों है जरूरी
एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो (diversified portfolio) किसी निवेशक के लिए जोखिम को कम करता है। यह किसी स्टॉक में निवेश करने के मामले में नहीं होता है, क्योंकि यहां बाजार में आने वाला उतार-चढ़ाव कंपनियों के एक बास्केट की तुलना में किसी एक स्टॉक की कीमत को अधिक प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही, निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश से मिलने वाला रिटर्न अंतर्निहित सूचकांक (underlying index) में उतार-चढ़ाव की नकल करेगा। केवल ईटीएफ में निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता पड़ती है। जिनके पास डीमैट खाता नहीं है वे निफ्टी 50 इंडेक्स फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।

निवेश सस्ता
निफ्टी 50 ईटीएफ में निवेश अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है। चूंकि ईटीएफ निफ्टी 50 इंडेक्स को निष्क्रिय रूप से (passively) ट्रैक करता है। साथ ही इंडेक्स घटकों (constituents) में सीमित या कोई मंथन नहीं होता है। इसलिए, इसकी लागत कम होती है।

Indian Stock Market में निवेश करने से पहले beginners इन 5 टिप्स को जान लें, कभी भी उनके खरीदे शेयर डूबेंगे नहीं

Indian Stock Market: अगर आप beginners हैं और भारतीय शेयर बाजार में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं तो आपका पैसा ना डूबे इसके लिए आप हमारे द्वारा बताए जा रहे पांच टिप्स को फॉलो करें।

Vikash Tiwary

Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 20:24 IST

शेयर बाजार में निवेश करने से पहले beginners ये जान लें- India TV Hindi

Photo:INDIA TV शेयर बाजार में निवेश करने से पहले beginners ये जान लें

Indian Stock Market: भारतीय युवा आज के समय में शेयर बाजार में निवेश करने को लेकर काफी उत्साहित नजर आते हैं। नौकरी (Job) लगते के बाद ही कई बार ये युवा थोड़ी बहुत बची हुई सेविंग (Saving) को शेयर में निवेश कर देते हैं। कुछ के तो पूरे पैसे भी डूब जाते हैं। ऐसे में अगर आप भी नए हैं और निवेश करने को लेकर सोच रहे हैं तो पैसा इन्वेस्ट करने से पहले हमारे द्वारा बताए जा रहे इन पांच बातो को जान लें।

1. एक ही एसेट क्लास में जरूरत से ज्यादा निवेश न करे

वॉरेन बफेट हमेशा कहते हैं कि सभी अंडों को एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिए। इसलिए हमेशा अपना फाइनेंशियल पोर्टफोलियो अलग-अलग जगहों पर निवेश करके तैयार करें। इसे डाएवर्सिफिकेशन कहा जाता है। यह तब होता है जब अपने पैसों को एक से ज्यादा जगहों पर निवेश किया जाता है। जैसे कि अपने पोर्टफोलियो में इक्विटीज और डेट फंड का सही संतुलन होना चाहिए। कई भारतीयों के पास इक्विटीज को लेकर पर्याप्त जानकारी नहीं होती है। ध्यान रखें कि FD, रियल एस्टेट और गोल्ड में एक जैसे ही हैं और लंबे समय के निवेश के बाद ये तीनो मंहगाई को मात देने वाले रिटर्न्स देते हैं।

2. अपने निवेश के फैसले को अमल में लाएं

कुछ लोग निवेश को लेकर बहुत जल्दबाजी कर देते हैं। निवेश के लिए हमेशा सही समय का इंतजार करना चाहिए। और सही जानकारी मिलने पर अपनी सेविंग को निवेश के लिए इस्तेमाल कर लेना चाहिए। यह आपके सेविंग अकाउंट में रखे गए पैसे से अधिक रिटर्न दे सकते हैं। इस दौरान जब तक आपके पास कुछ पैसे निवेश के लिए नहीं हो जाते हैं तब तक आप एक बार खुद से कुछ शेयर को खरीदें(ये शेयर आपने खरीदा है ऐसा सिर्फ नोट कर लें) और फिर दो-तीन दिन बात एक बार देखें कि आपने जिस शेयर पर पैसा लगाने का सोचा था उस पर कितना का प्रॉफिट हुआ है? इससे आपको शेयर बाजार समझने में मदद मिलेगी।

3. हर वक्त कुछ नया ढूंढ़ने का प्रयास

आप एक नए निवेशक हैं तो आपको पहली बार शेयर बाजार में निवेश एक बार भारतीय शेयर बाजार के ग्राफ को समझने की कोशिश करनी चाहिए। आप देखेंगे कि भारतीय शेयर बाजार ने 10 से 20 वर्षों में 14 फीसदी से लेकर 16 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी की है। किस तरह के शेयर उछाल पर रहे और किसकी जमानत जब्त हो गई। वो दौर कैसा था किसकी सरकार थी सरकार की कैसी योजनाएं लागू रही। कितने रिफॉर्म आए। ये सारी बातें आपको निवेश की दृष्टि से मजबूत बनाने का काम करेंगे। ताकि आप एक सही इक्विटी का चुनाव कर सकें।

4. पिरियोडिक रिव्यू

अपनी संपत्ति का विश्लेषण कर लेना चाहिए। कुछ लोग नहीं करते नतीजन पैसे गवां बैठते है। संपूर्ण रूप से देख लें कि कितने एसेट्स है और क्या कदम उठाने चाहिए अपने निवेश को और मजबूत बनाने के लिए। साल में एक बार विश्लेषण जरूर करें। ऐसा करने से आप पता लगा सकते हैं कि कौन से एसेट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और कौन नेगेटिव रिटर्न दे रहे हैं।

5. जल्दी अमीर बनने के लिए न करें गलत निवेश

जल्दी अमीर बनने के चक्कर में अक्सर लोग पर्याप्त समय नहीं देते और जल्दबाजी में ट्रेडिंग कर नुकसान के शिकार हो जाते हैं। लोग मंहगे स्टॉक्स खरीद लेते हैं और जब गिरावट आती है तो पैसे खोने के डर से बेच देते हैं। ऐसा करने से पैसा बनाने के बजाए खो देते हैं। इस मामले में जो पहली बार निवेश कर रहा है वो अधिक प्रभावित हो जाते हैं। इसलिए निवेश के समय धैर्य बनाए रखना चाहिए।

भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी का 'राज' पता चला, आप भी जानकर चौंक जाएंगे

इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने शेयरों से आठ करोड़ रुपये की निकासी की थी। सितंबर में एफपीआई 7,624 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: December 04, 2022 17:33 IST

शेयर बाजार- India TV Hindi

Photo:FILE शेयर बाजार

भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर नए शिखर पर है। हालांकि, लगातार 8 दिन की तेजी के बाद शुक्रवार को सेंसेक्स में 400 अंकों की गिरावट आई थी। उससे पहले सेंसेक्स पहली बार 63 हजार के पार पहुंच गया था। इसके बावजूद भारतीय बाजार रिकॉर्ड हाई पर बना हुआ है। क्या आपको पता है कि भारतीय बाजार में इस जोरदार तेजी का क्या राज है? मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि भारतीय स्टॉक मार्केट को एक बार फिर रिकॉर्ड हाई पर ले जाने में विदेशी निवेशक की अहम भूमिका है। दरअसल, लगातार दो माह तक भारतीय शेयर बाजारों से निकासी के बाद नवंबर में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) एक बार फिर जमकर खरीदारी की। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स में कमजोरी तथा भारत का कुल वृहद पहली बार शेयर बाजार में निवेश आर्थिक रुख सकारात्मक होने के बीच एफपीआई ने नवंबर में भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 36,329 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे बाजार नया रिकॉर्ड हाई बनाने में कामयाब हुआ है।

इस साल तीन महीने जमकर निवेश

यह इस साल तीसरा महीना (जुलाई, अगस्त और नवंबर) है जबकि एफपीआई का निवेश प्रवाह सकारात्मक रहा है। इसके अलावा दिसंबर माह की शुरुआत भी सकारात्मक रुख के साथ हुई है। अरिहंत कैपिटल की पूर्णकालिक निदेशक एवं संस्थागत कारोबार प्रमुख अनीता गांधी ने कहा, ‘‘आगे चलकर एफपीआई का प्रवाह दिसंबर में सकारात्मक रहने की उम्मीद है। हालांकि, एफपीआई का रुझान महंगे शेयरों से मूल्य प्रदान करने वाले शेयरों की ओर हो सकता है।’’ जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज पहली बार शेयर बाजार में निवेश के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि भारत को अपने हिस्से का एफपीआई निवेश मिलेगा। हालांकि, ऊंचे मूल्यांकन की वजह से पहली बार शेयर बाजार में निवेश यह कुछ प्रभावित हो सकता है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने नवंबर में शेयरों में शुद्ध रूप से 36,329 करोड़ रुपये डाले हैं।

सितंबर और अक्टूबर में निकाले थे पैसे

इससे पहले अक्टूबर में एफपीआई ने शेयरों से आठ करोड़ रुपये की निकासी की थी। सितंबर में एफपीआई 7,624 करोड़ रुपये के बिकवाल रहे थे। वहीं अगस्त में एफपीआई ने 51,200 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे। जुलाई में उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। इस साल अभी तक एफपीआई ने शेयरों से 1.25 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है। आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,637 करोड़ रुपये निकाले हैं। भारत के अलावा फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसे उभरते बाजारों में भी एफपीआई का प्रवाह सकारात्मक रहा है।

SIP Investment: पहली बार अगर SIP में लगाने जा रहे हैं पैसा तो इन बातों का रखें ख्याल

How to invest in SIP: निवेश के बारे में सोच रहे है, तो इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड आपके लिए एकदम सही विकल्प है.

why you should invest in sip

Best SIP : सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लानिंग में आप कुछ पैसा म्यूचुअल फंड में डालते हैं और कम जोखिम में ज्यादा मुनाफा पाते हैं.

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क्या है लक्ष्य?
निवेश करने से पहले आप को यह तय करना होगा कि आप को कितना निवेश करना है और कितने समय के लिए करना हैं. क्योंकि हर किसी के वित्तीय लक्ष्य अलग-अलग हो सकते हैं. जैसे कोई कार खरीदने की इच्छा रखता है तो कोई स्पोर्ट्स बाइक. दोनों के लिए जरूरी फंड में अंतर है. इसलिए आपकी निवेश रणनीति में भी फर्क होना चाहिए.

सावधानी से करें चयन
म्यूचुअल फंड के जरिए आप केवल इक्विटी फंड के साथ डेट और हाइब्रिड फंड में भी निवेश कर सकते हैं. लंबे समय के निवेश और जोखिम उठाने की क्षमता के साथ आप इक्विटी की ओर जा सकते हैं.

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पैसों को एक जगह न डालें
अगर आप अपना सारा पैसा एक ही जगह लगाते है, तो उसके डूबा जाने का खतरा रहता है. इसलिए आप को हमेशा कई सारे अलग-अलग एसेट क्लास में पैसा लगाना चाहिए. इससे आपका कुछ पैसा सुरक्षित रहेगा.

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