हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं जो बालों को झड़ने से रोकती हैं। गोभी, पालक, कोलार्ड्स जैसी सब्जियों में विटामिन ए, आयरन, बीटा कैरोटीन, फोलेट और विटामिन सी होता है। एक कप पके हुए पालक में लगभग 6 मिलीग्राम आयरन होता है। यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो मजबूत, स्वस्थ बालों के लिए महत्वपूर्ण है।

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बच्चों की बात छिपाने की आदत कैसे दूर करें? जानें आसान पेरेंटिंग टिप्स

Monika Agarwal

Written by: Monika Agarwal Updated at: Aug 21, 2022 09:00 IST

बच्चों की बात छिपाने की आदत कैसे दूर करें? जानें आसान पेरेंटिंग टिप्स

झूठ बोलना और बातें छिपाना दो ऐसी आदतें हैं, जो बच्चे घर के माहौल में ही सीखते हैं। अगर आपका बच्चा भी आपसे कुछ बातों को सीक्रेट रखने लगा है या आपको उसकी कोई ऐसी आदत के बारे में पता लगा है, जिसमें वह चीजों को छुपाने लगा है, तो यह आदत बिलकुल भी ठीक नहीं है। हो सकता है जो बात वह छुपा रहा हो, वह आगे जाकर उसके लिए परेशानी का सबब बन जाए या फिर छुपाई गई बात की वजह से वो किसी खतरे में पड़ जाए। आपको अपने बच्चे को बचपन से ही ये सिखाना चाहिए कि वो अच्छी या बुरी सभी बातें घर पर आकर बड़ों से बताए। अगर आपका बच्चा आपसे बातें छिपाता है, तो इसे नजरअंदाज न करें बल्कि इसे दूर करने की कोशिश करें। आइए जानते हैं बातें छुपाने वाले और सीक्रेट रखने वाले बच्चों की आदत कैसे सुधारें।

सच बोलना सिखाएं

बच्चों को बचपन से ही सच बोलना सिखाएं। अगर बच्चा कभी आपके सामने झूछ बोलता है, तो उसे समझाएं कि ऐसा करना गलत है और खुद भी यह समझने का प्रयास करें कि बच्चे को आपके सामने झूठ क्यों बोलना पड़ा। उसकी परिस्थितियों को समझने के बाद उसे ये बात समझाएं कि हमेशा सच बोलना चाहिए।

बच्चे को सिखाएं कि कोई भी पर्सनल सीक्रेट अपने तक ही सीमित रखना ठीक नहीं। उन्हें यह बताएं कि किसी भी भरोसे लायक उम्र में बड़े आदमी को वो अपने सीक्रेट्स जरूर बताएं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह इंसान उसे सही राह दिखा सके और बच्चा आगे जा कर मुसीबत में न फंसे। आमतौर पर बच्चे अपने मां बाप को सीक्रेट बताने में आरामदायक महसूस नहीं करते हैं इसलिए उनको किसी ऐसे दोस्त या रिश्तेदार से बात करने को बोलें जिसके साथ वो ज्यादा टाइम बिताना पसंद करते हों।

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भरोसा दिलाएं कि आप साथ हैं

कई बार बच्चे सीक्रेट्स या बातें इसलिए छिपाते हैं क्योंकि उन्हें यह डर लगता है कि उनकी बात सामने आने पर आप उन्हें डाटेंगे या मारेंगे। ऐसे में आपको उन्हें हमेशा ये भरोसा दिलाते रहना चाहिए कि आप उनकी दोस्त की तरह हैं और आप हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े हैं। ऐसा न करने पर बच्चा एक बार झूठ बोलेगा, तो धीरे-धीरे उसकी आदत बनती जाएगी।

अपने बच्चे को बताएं कि वो अपने हर घर की बात किसी से शेयर न करें। घर की बातों को उन्हें सिर्फ घर के सदस्यों के सामने ही कहना चाहिए क्योंकि कोई बाहर का व्यक्ति उनके घर के सीक्रेट्स का फायदा स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें उठाकर उन्हें या उनकी फैमिली को नुकसान पहुंचा सकता है।

Eyes Care: आंखों का पीलापन इस गंभीर बीमारी का है संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

Eyes Care: आंखों का पीलापन इस गंभीर बीमारी का है संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

अगर बीमारी गंभीर नहीं है तो घरेलू नुस्खे से भी आंखों के पीलापन को ठीक किया जा सकता है।photo-freepik

सामान्य तौर पर अगर आंखों में सफेद वाला रंग हल्का पीलापन में बदलने लगे तो यह एक केमिकल के कारण होता है जो ज्यादा चिंता की बात नहीं है। वास्तव में जब शरीर के अंदर लाल रक्त कोशिकाएं या आरबीसी टूटने लगती है तो इससे बिलीरुबिन नाम का केमिकल बनता है। आमतौर पर इससे कोई खास नुकसान नहीं होता क्योंकि लीवर बिलीरुबिन (bilirubin) केमिकल को खून से छान लेता है और इससे बाइल बना लेता है।

यह बाइल एक पतली नली यानी बाइल डक्ट के माध्यम से पाचन नली में पहुंचा दिया जाता है जहां से यह शरीर के बाहर उत्सर्जित हो जाता है। लेकिन अगर आपके खून में बहुत अधिक मात्रा में बिलीरुबिन जमा स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें होने लगे और लीवर इसे जल्दी से बाहर निकालने में सक्षम न हो तो यह जॉन्डिस या पीलिया का लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आंखें ज्यादा पीली होने लगती है। इसे नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है।

पीली आंख के कारण:

आंखें पीली होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे कि हेपटाइटिस हो जाना, गॉल ब्लैडर में स्टोन हो जाना, ज्यादा अल्कोहल का सेवन करना, कुछ दवाईयां जैसे कि एसिटामिनोफेन, पेनसीलिन, बर्थ कंट्रोल पिल्स, क्लोरप्रोमाजोन, स्टेराइड आदि से भी आंखें पीली हो सकती है। इसके अलावा लीवर की खराबी, सिकल एनीमिया, मलेरिया, सिरोसिस, कैंसर जैसी कुछ बीमारियों के कारण भी आंखें पीली हो सकती है। इसलिए सही जांच के बाद ही पता चलेगा कि पीली आंखों की असल वजह क्या है।’

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treadmill belt use

इन्क्लाइन पर एक तेज स्पीड को बनाए रखना बेहद मुश्किल है। खासतौर से, अगर आप पहली बार ट्रेडमिल का उपयोग कर रही हैं तो उस पर एकदम से स्पीड बढ़ाने की कोशिश ना करें। इसलिए अगर आप ट्रेडमिल का इस्तेमाल कर रही हैं और इन्क्लाइन पर चलना चाहती हैं तो उसे सबसे पहले आरामदायक स्तर तक बढ़ाना चाहिए और फिर धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ानी चाहिए। इन्क्लाइन पर तेज गति में रनर्स के फिसलने और गिरने की संभावना बहुत अधिक रहती है, इसलिए अगर आप अपनी गति को बढ़ाती हैं और पहले स्पीड और इन्क्लाइन को एडजस्ट जरूर करें। (डबल चिन से बचने और शार्प जॉलाइन)

चलती ट्रेडमिल को ना छोड़ें

treadmill use for weight loss

कई बार ऐसा होता है कि हम ट्रेडमिल का इस्तेमाल करती हैं और जब हम उसे स्टॉप करती हैं तो उसके पूरी तरह रूकने से पहले ही नीचे उतर जाती हैं। अगर आप पहली बार ट्रेडमिल को यूज कर रही हैं तो गलती से भी चलती ट्रेडमिल से उतरने की भूल ना करें। यह आपके लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। अगर आपको इमरजेंसी में ट्रेडमिल का उपयोग करना है तो ऐसे में आप यूं ही नीचे उतरने की जगह आपातकालीन शट-ऑफ बटन को यूज करें। चूंकि आप पहली बार ट्रेडमिल यूज कर रही हैं और आपको इस बटन की जानकारी नहीं है तो आप अपने ट्रेनर से इस बारे में अवश्य पूछ लें। ताकि अगर आपको गलती से चोट लग जाए या फिर कपड़े का एक टुकड़ा मशीन में फंस जाए तो आप इसे जल्दी से रोक सकें।

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हेयर फॉल ने परेशान कर दिया है, तो इन 5 जरूरी फूड्स को करें अपनी डाइट में शामिल

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हेयर हेल्दी फूड्स आपको हेयर फॉल से बचा सकते हैं। चित्र: शटरस्टॉक

जब बालों के झड़ने को रोकने और इलाज करने की बात आती है, तो बहुत से लोग एक महत्वपूर्ण बात को नजरअंदाज कर देते हैं। वो है आहार। पोषक तत्वों की कमी बालों के झड़ने का कारण बन सकती है, लेकिन सही और पौष्टिक आहार लेने से न केवल बालों के झड़ने से मुक्ति मिलती है, बल्कि उससे ग्रोथ भी अच्छी होने लगती है। हम बता रहे है उन 5 जरूरी फूड्स (Hair healthy foods) के बारे में जो आपको हेयर फॉल (Hair fall) से आज़ादी दिला सकते हैं।

क्या हो सकते हैं बाल झड़ने के संभावित कारण

हर दिन एक निश्चित संख्या में बाल झड़ना सामान्य है। यदि बाल सामान्य से अधिक संख्या में झड़ते हैं, तो यह परेशानी और चिंता का कारण बन सकता है।

1. प्रेगनेंसी :

ज्यादातर महिलाओं को बच्चे को जन्म देने के तुरंत बाद अत्यधिक बालों के झड़ने का अनुभव हो सकता है। यह एस्ट्रोजन के स्तर में कमी के कारण होता है। इस प्रकार के स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें बालों का झड़ना एक अस्थायी स्थिति है और आमतौर पर एक साल या उससे पहले ही ठीक हो जाती है।

2. कुछ स्टॉप लॉस को नजरअंदाज न करें दवाओं का असर:

कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट होते हैं, जो बालों के झड़ने का कारण बन सकते हैं। ऐसी दवाओं में रक्त को पतला करने वाली, जैसे वारफारिन, मुंहासे का इलाज करने के लिए, प्रोज़ैक और ज़ोलॉफ्ट सहित एंटीडिपेंटेंट्स, बीटा रीडक्शन (Beta reduction), कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं, जैसे लोपिड (Lopid) आदि शामिल हैं।

बालों का झड़ना कम करने के लिए अपने आहार में शामिल करे ये 5 चीज़े

1. फैटी मछली का सेवन:

आपको कुछ प्रकार की मछलियां जिनमें आवश्यक फैटी एसिड, ओमेगा -3 और विटामिन डी शामिल होते है, उनका सेवन करना चाहिए। टूना, छोटी समुद्री मछली, सैल्मन, हिलसा, आदि ऐसी कुछ मछलियां है जिनको खाने से बालों का झड़ना कम हो सकता है।

2017 में डर्माेटोलॉजी प्रैक्टिकल एंड कॉन्सेप्टुअल में प्रकाशित एक लेख के अनुसार फिश प्रोटीन, सेलेनियम और बी विटामिन का भी एक अच्छा स्रोत हैं, जो सभी स्वस्थ बालों को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

2. अंडे:

अंडे प्रकृति के मल्टीविटामिन की तरह होते हैं क्योंकि इनमें विभिन्न प्रकार के विटामिन, मिनरल और पोषक तत्व होते हैं। कुछ तत्व जो स्वस्थ बालों से संबंधित हैं उनमें प्रोटीन, बायोटिन, सेलेनियम और जिंक शामिल हैं। अंडे प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत हैं, जो बालों के झड़ने को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। कम प्रोटीन वाला आहार बालों के विकास को धीमा कर देता है, जिससे बालों का झड़ना बढ़ जाता है।

हैवी वर्कआउट अचानक बंद करने से भी शरीर पर बनने लगती है गांठ

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गांठ (सिस्ट) शरीर के किसी हिस्से में हो सकती है जिसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुछ गांठे जन्मजात होती हैं जो जन्म के कुछ समय बाद दिखती हैं फिर अपने आप ठीक हो जाती हैं। कुछ गांठे चोट लगने, किसी तरह का संक्रमण होने, रक्त प्रवाह बाधित होने और फैट अधिक होने से भी होती हैं। इन्हीं में से कुछ गांठे कैंसर का रूप हो सकती हैं। फ्लूड भरने पर भी त्वचा में उभार दिखता है। कुछ गांठे हल्की टाइट होती हैं तो कुछ में गैस भरी होती है जिसे दबाने से पिचकती हैं। जैसे ही छोड़ देंगे दोबारा उभर जाएगी। इसलिए शरीर के किसी हिस्से में गांठ है और किसी तरह की परेशानी हो रही है तो इसे नजरअंदाज न करें। बिना देर किए डॉक्टरी सलाह लें। देरी कई तरह की मुश्किल खड़ी कर सकती है।

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