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1. सबसे पहले बनाएं योजना
कभी भी निवेश करने से पहले ही आपको योजना बना लेनी चाहिए. इसके लिए स्वयं से सवाल पूछे कि आप कितना निवेश कर सकते हैं? कितना जोखिम उठाने के लिए हर परिस्थिति में तैयार रहेंगे? निवेश का समय कितना होना चाहिए ? आप अपने आर्थिक लक्ष्य तक पहुँचने के लिए योजना का निर्माण करें.
Best Age For Invest: किस उम्र में कितनी सेविंग? 35 साल के बाद बदल जाता है फॉर्मूला, ये है गणित.
What is the best age for investment?: सच है कि आप निवेश की शुरुआत कभी भी कर सकते हैं. लेकिन उम्र के हिसाब निवेश (Invest) की राशि, रिस्क (Risk), और पोर्टफोलियो (Portfolio) का आकार बदल जाता है.
अमित कुमार दुबे
- नई दिल्ली,
- 07 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 07 दिसंबर 2022, 2:47 PM IST)
आज की तारीख में कोई 40 की उम्र में रिटायर (Retired) होना चाहता है तो कोई 50 में, कोई 60 की उम्र तक नौकरी का ख्याल मन में लेकर चलता है. लेकिन इन सबके बीच अधिकतर लोगों ऐसे होते हैं, जो रिटायरमेंट को लेकर समय रहते गंभीर नहीं होते हैं, और फिर बाद में पछताते हैं. रिटायरमेंट ही नहीं, अपने फ्यूचर प्लान को लेकर ऐसे क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? लोग लापरवाह होते हैं. अच्छी कमाई के बावजूद एक रुपये नहीं बचा पाते हैं. क्योंकि वे सेविंग को गंभीरता से नहीं लेते हैं.
आइए आज हम आपको बताते हैं, किस उम्र में निवेश की शुरुआत (How to Investment) कर देना चाहिए. हालांकि ये सच है कि आप निवेश की शुरुआत कभी कर सकते हैं. लेकिन उम्र के हिसाब निवेश (Invest) की राशि, रिस्क (Risk), और पोर्टफोलियो (Portfolio) का आकार बदल जाता है. अक्सर लोग 25 की उम्र से जॉब शुरू कर देते हैं, कुछ लोग 30 तक शुरुआत करते हैं.
लेकिन क्या पहली नौकरी के साथ निवेश का पहला कदम बढ़ा देना चाहिए? किस उम्र में कितना निवेश करना चाहिए? क्या पारिवारिक बोझ आने के बाद ही निवेश शुरू करना चाहिए? वित्तीय जानकारों का कहना होता है कि प्राइवेट जॉब (Private Job) वालों को पहली नौकरी से निवेश के बारे में सोचना चाहिए. इसके दो फायदे हैं, पहला- कम उम्र में मोटी रकम जुटा लेंगे और दूसरा- जब कम उम्र से निवेश की शुरुआत करेंगे, तो निवेश के लिए वक्त ज्यादा मिल जाएगा, जिससे कम निवेश से भी बड़ा फंड बन जाएगा.
उम्र 25 से 35 साल वालों के लिए ये फॉर्मूला.
इस उम्र में लोग जिंदादिल होते हैं. कम कमाते हैं. लेकिन बेफिक्र होकर खर्च करते हैं. यह जिंदगी का लुत्फ उठाने वाली उम्र है. इसलिए अधिकतर लोग इस उम्र में पैसे बचा नहीं पाते. जब बचा नहीं पाते हैं तो फिर सेविंग का सवाल ही नहीं उठता. लेकिन अगर इस उम्र से निवेश शुरू कर दें, तो फिर किसी भी वित्तीय लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकते हैं.
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उदाहरण के तौर पर 25 साल का युवा हर महीने केवल 2000 रुपये का SIP करता है, और यह सिलसिला 60 की उम्र तक जारी रहता है तो फिर उसके पास 1 करोड़ 35 लाख रुपये जमा हो जाएंगे. यह आकलन 12 फीसदी ब्याज पर आधारित है. जबकि इससे भी ज्यादा पैसे बनाए जा सकते हैं.
इसलिए 25 से 35 साल की उम्र वालों के लिए रिटायरमेंट पर 2 करोड़ रुपये पाने के लिए रास्ता बेहद आसान होता है. 35 साल वाले को हर महीने केवल 10 हजार के निवेश पर 2 करोड़ रुपये मिल सकता है. जबकि 25 साल वाले तो केवल 3 हजार महीने की SIP पर 60 साल के बाद 2 करोड़ रुपये जुटा लेंगे. कल्पना कीजिए अगर कोई 25 साल की उम्र से ही हर महीने 10 हजार रुपये की SIP शुरू कर दे तो 60 की उम्र में करीब 5 करोड़ रुपये जुटा लेंगे. क्योंकि 25 साल के युवा को 35 साल तक निवेश का मौका मिल जाएगा, चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से 35 साल में बड़ा फंड हासिल हो जाएगा.
35 से 50 वर्ष के लोगों के लिए ये नियम.
35 वर्ष की उम्र तक अधिकतर लोग सेटल हो चुके होते हैं. इस उम्र में लोग अपने लक्ष्य (Target) को गंभीर हो जाते हैं. घर, गाड़ी, रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई और उसकी शादी जैसी जिम्मेदारियां आ जाती हैं. ऐसे में उन्हें कम समय में ज्यादा पैसा चाहिए होता है. अगर किसी की उम्र 40 साल है तो फिर उसे अगले 20 साल में इतने पैसे चाहिए कि हर जरूरतें पूरी हो सके. ऐसे में एक ही रास्ता है मोटा निवेश. केवल 5-10 हजार रुपये महीने निवेश कर सभी गोल हासिल नहीं हो सकते. साथ ही इस उम्र में रिस्क लेने की क्षमता भी कम हो जाती है.
अगर कोई 40 साल की उम्र से SIP शुरू करता है फिर 60 साल की उम्र में 2 करोड़ रुपये पाने के लिए उन्हें हर महीने कम से कम 20 हजार रुपये की SIP करनी होगी. 45 साल वाले को हर महीने 40 हजार रुपये जमा करने होंगे, जो इस उम्र में थोड़ा मुश्किल हो जाता है. वहीं अगर कोई 10 साल में कोई 2 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है तो उसके लिए उसे हर माह क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? 90 हजार की SIP करनी होगी, जो कि हर किसी के लिए संभव नहीं है. यह आंकलन 12 फीसदी ब्याज पर आधारित है. इसलिए निवेश के लिए सही उम्र 25 से 35 साल ही है. इस उम्र में बिना बोझ छोटी राशि जमा कर आप रिटायरमेंट पर मोटी फंड जुटा सकते हैं.
निवेश के लिए केवल SIP को ही नहीं चुनें. सारा पैसा कहीं एक स्थान पर लगाने की बजाए कई अलग-अलग स्थानों पर लगाएं. पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड करके जोखिम को घटा सकते हैं. कुछ लोग आज के दौर में सीधे इक्विटी मार्केट (Equity Market) में पैसे लगाते हैं, जिसमें रिटर्न की उम्मीद ज्यादा होती है. लेकिन यहां जोखिम भी अधिक रहता है.
(नोट: शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)
Top 10 Investment Tips: अपने निवेश को सुरक्षित बनाने के लिए अपनाएं जरुरी टिप्स, जल्द बन जाएंगे अमीर
निवेश का मकसद ही यह होता है कि निर्धारति समय के बाद हमें आर्थिक लक्ष्य प्राप्त हो जाए, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके.
नई दिल्ली: अपनी मेहनत की कमाई को जब हम निवेश करते हैं तब मन में एक सवाल आता है कि कहीं कोई गड़बड़ न हो जाए. अनुमान के अनुसार मुनाफ़ा मिलता रहे. निवेश का मकसद ही यह होता है कि निर्धारति समय के बाद हमें आर्थिक लक्ष्य प्राप्त हो जाए, ताकि भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके. आज हम आपके लिए निवेश की 10 ऐसी टिप्स लेकर आये हैं, जो हर किसी को पता होनी चाहिए. खासकर पहली बार निवेश करने वाले लोगों को.
Suzlon, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटीसी, एनबीसीसी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयरों में आज आ सकती है अच्छी तेजी
1. सबसे पहले बनाएं योजना
कभी भी निवेश करने से पहले ही आपको योजना बना लेनी चाहिए. इसके लिए स्वयं से सवाल पूछे कि आप कितना निवेश कर सकते हैं? कितना जोखिम उठाने के लिए हर परिस्थिति में तैयार रहेंगे? निवेश का समय कितना होना चाहिए ? आप अपने आर्थिक लक्ष्य तक पहुँचने के लिए योजना का निर्माण करें.
2. मार्केट रिसर्च है जरुरी
कभी भी निवेश किसी की देखा-देखी में न करें. जिसके बारे में आपके पास ज्ञान नहीं है उसके बारे में पहले सारी जानकारी जुटाए. यानी निवेश के पहले भी आपको सारी जानकारी होनी चाहिए. आप कहां निवेश करेंगे और कितना मुनाफ़ा होगा, कितने समय में होगा. इनके बारे में भी आपको जानकारी होनी चाहिए.
3. जोखिम को निर्धारित करें
कुछ योजनाओं के अलावा अन्य निवेश में जोखिम छिपा होता है. इसीलिए शुरुआत में ही अपने जोखिम का निर्धारण करना होगा. आपको नुकसान उठाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए.
4. हर किसी की बातों में न आए
सोशल मीडिया पर ऐसे कई लोग हैं जो निवेश के बारे में तरह-तरह की सलाह देते हैं, लेकिन ये जरुरी नहीं है कि आपके लिए भी वे सभी सलाह सही साबित हो. हर किसी का पोर्टफोलियो अलग होता है, निवेश और जोखिम अलग होता है. यदि आप सलाह लेना चाहते हैं तो किसी एक्सपर्ट से लें.
5. कई सेगमेंट में करें निवेश
आपके पोर्टफोलियो को संतुलित करने के लिए जरुरी है कि आपका निवेश कई सेगमेंट में हो. क्योंकि कभी एक सेगमेंट में नुकसान भी हो जाए तो दुसरे से उसकी पूर्ती की जा सके.
6. लगातार करें निवेश
एक बार निवेश शुरू करने के बाद इस बात का ध्यान रखा जाए कि आपको लगातार निवेश करना है. कई बार लोग कुछ महीने निवेश करते हैं फिर रोक देते हैं. ऐसा न करें. आपको निवेश लगातार करते रहना चाहिए.
7. बार-बार करते रहें आंकलन
अपने निवेश और उससे प्राप्त होने वाले रिटर्न का समय-समय पर आंकलन करते रहना जरुरी है. व्यक्तिगत परिस्थितियां, जोखिम, समय सीमा, समय के साथ बदलते रहती है. इसीलिए अपनी जरूरतों के अनुसार अपने निवेश का आंकलन जरुरी है.
8. लक्ष्य पर टिके रहें
एक बार लक्ष्य बना लिया तो उस पर हमेशा टिके रहना चाहिए. लोगों की सलाह, बाजार के व्यवहार के कारण आपको कई बार लक्ष्य हासिल करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन सही प्रकार से बनाए गए लक्ष्य पर पर टिके रहने से आपको उसे हासिल करना भी आसान हो जाएगा.
9. लंबे समय तक करें निवेश
निवेश कम समय में ज्यादा रिटर्न नहीं देते. अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए आपको ज्यादा समय देने की जरूरत है.
10. लाभ का फिर करें निवेश
अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए आपको निवेश पर मिलने वाले लाभ को फिर से निवेश कर देना चाहिए. कई रिसर्च में ये साबित हो चुका है कि एक्सपर्ट भी लगातार निवेश करते हैं. वे कंपाउंडिंग का लाभ लेने के लिए निवेश से प्राप्त रिटर्न को फिर से निवेश करते हैं.
Investment Tips: इस एक जगह पर निवेश करने से आप कुछ सालों में बन सकते हैं करोड़पति, जानिए कैसे !
निवेश का सिर्फ एक सही फैसला आपको कुछ सालों में ही आपके करोड़पति बनने के सपने को पूरा कर सकता है. आज के समय में निवेश के मामले में ज्यादातर एक्पर्ट्स म्यूचुअल फंड को काफी अच्छा मानते हैं.
एक कहावत है कि पैसे से पैसा बनता है यानी अगर आपको भविष्य में अमीर बनना है तो आपको निवेश करना चाहिए. निवेश भी सही जगह होना चाहिए यानी आपको इस बारे में पता होना चाहिए कि आपको कहां रिटर्न करने पर कितना फायदा मिलेगा. आज के समय में निवेश के मामले में ज्यादातर एक्पर्ट्स म्यूचुअल फंड को काफी क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? अच्छा मानते हैं. अगर आप भी बाजार की ताकत जानते हैं तो इसकी अहमियत को भी अच्छी तरह से समझते होंगे. म्यूचुअल फंड में निवेश करके आप चाहें तो खुद को कुछ सालों में करोड़पति भी बना सकते हैं. जानिए कैसे ?
मात्र 5000 का निवेश भी काफी है
इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि अगर आप एक अच्छे म्यूचुअल फंड का चुनाव करके उसमें निवेश करें तो कुछ सालों में करोड़पति बनना मुश्किल बात नहीं है. अच्छे म्यूचुअल फंड से आमतौर पर सालाना 12 परसेंट तक ब्याज मिल जाता है. कई बार तो ये 14 से 15 प्रतिशत भी हो जाता है. ऐसे में आपको निवेश पर अच्छा खासा रिटर्न मिलता है. शिखा कहती हैं कि अगर आप एक अच्छे म्यूचुअल फंड में 5000 रुपए तक का मासिक निवेश करते हैं तो 12 फीसदी ब्याज के हिसाब से ये अगले 23 साल में 1 करोड़ हो जाएगा. जबकि 23 साल में आपका निवेश कुल 1380000 रुपए का होगा. अगर इंटरेस्ट रेट इससे भी अच्छा मिला तो आपका पैसा और ज्यादा यानी सवा करोड़ के आसपास पहुंच जाएगा.
कैसे करें सही म्यूचुअल फंड का चुनाव
निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव बहुत जरूरी है. सही यानी वो म्यूचुअल फंड जो आपकी जरूरतों को पूरा कर सके. हर व्यक्ति को निवेश करने से पहले अपना आर्थिक लक्ष्य तय कर लेना चाहिए और इसके बाद ये तय करना चाहिए कि कौन सा म्यूचुअल फंड उपर्युक्त साबित होगा. उपर्युक्त म्यूचुअल फंड चुनने के लिए सबसे पहले बेस्ट म्यूचुअल फंड की दावेदारी करने वाले शीर्ष दावेदारों की लिस्ट बनाएं. उनकी तुलना करें और देखें कि आपकी जरूरतों को काैन पूरा कर रहा है. आप चाहें तो आर्थिक सलाहकार की भी मदद ले सकते हैं.
रिटायरमेंट के बाद पेंशन का विकल्प
म्यूचुअल फंड के जरिए आपको मासिक पेंशन भी मिल सकती है. म्यूचुअल फंड सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान (Systematic Withdrawal Plan) के तहत आपको एक तय राशि म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund Scheme) से वापस मिलती है. अगर इसमें आपका फंड एक करोड़ है तो हर महीने 50 से 60 हजार रुपए मासिक पेंशन के रूप में मिलेंगे. वहीं 50 लाख तक का फंड होने पर 25 से 30 हजार रुपए तक मिलेंगे. अच्छी बात ये है कि इसके बाद भी आपके जमा रुपए बढ़ते रहते हैं.
SWP की शुरुआत कैसे करें
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की तरह ही सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान काम करता है. SWP की शुरुआत कभी भी की जा सकती है. अगर किसी स्कीम में निवेश कर रहे हैं तो आप उसमें SWP विकल्प को एक्टिवेट कर सकते हैं. कभी भी रेगुलर कैश फ्लो की जरूरत के लिए इसे शुरू किया जा सकता है. SWP एक्टिवेट करने के लिए आपको फोलियो नंबर, विद्ड्रॉल की फ्रीक्वेंसी, पहली निकासी की तारीख, पैसे प्राप्त करने वाले बैंक अकाउंट को बताते हुए एएमसी में इंस्ट्रक्शन स्लिप भरना होगा.
क्या आपको नई टैक्स व्यवस्था के तहत ELSS में निवेश करना चाहिए?
1 अप्रैल 2020 से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था व्यक्तिगत और HUF करदाताओं को कुछ छूटों को छोड़ने पर टैक्स की कम दर और छूट प्राप्त करने पर टैक्स की अधिक दर (पुरानी टैक्स व्यवस्था) के बीच चुनाव करने का विकल्प प्रदान करती है। हो सकता है नई टैक्स व्यवस्था सभी के अनुकूल न हो। निर्णय लेने के लिए करदाताओं को पुरानी और नई व्यवस्था, दोनों के तहत होने वाली टैक्स बचत का मूल्यांकन करना होता है।
होम या एजुकेशन लोन, टैक्स कटौती योग्य जीवन बीमा पॉलिसियाँ, 15 लाख से ज़्यादा वेतन वाले करदाताओं या उनके लिए जो छूटों के माध्यम से बहुत ज़्यादा बचत कर सकते हैं, पुरानी व्यवस्था अधिक उपयुक्त हो सकती है इसलिए ये करदाता पुरानी व्यवस्था के तहत टैक्स बचाने के लिए ELSS में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। नई व्यवस्था निश्चित रूप से आपको बहुत सारी कागज़ी कार्रवाई से बचाती है जो साल के अंत में निवेश के प्रमाण जमा करने के संबंध में करनी पड़ती है लेकिन पुरानी व्यवस्था भी निवेश और बचत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने में आपकी मदद करती है। यह आपको सालाना तौर पर ये निवेश या बचत करने के लिए मजबूर करती है चाहे वह ELSS, पेंशन योजना या PPF हो। हो सकता है कुछ करदाता पहले से ही ELSS में SIPs कर रहे हों। उन्हें अपनी SIPs बंद करने से पहले दोनों व्यवस्थाओं के तहत टैक्स लाभ का मूल्यांकन करना चाहिए।
कौन सी टैक्स व्यवस्था ज़्यादा टैक्स बचाने में आपकी मदद करेगी, यह पूरी तरह से आपकी आय और वेतन संरचना पर निर्भर करेगा? अगर आप दोनों व्यवस्थाओं के तहत खुद अपनी टैक्स की देनदारी का हिसाब लगाने में असमर्थ हैं तो आपको किसी टैक्स सलाहकार से सलाह क्या आपको भी निवेश करना चाहिए? लेनी चाहिए। इस तरह की तुलना केवल ELSS में निवेश जारी रखने के आपके निर्णय में आपका मार्गदर्शन कर सकती है जो न केवल टैक्स बचाने में मदद करता है बल्कि आपको इक्विटीज़ के बढ़ने की क्षमता पेश करता है। भले ही नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो, फिर भी पैसा बनाने के नज़रिए से आप ELSS में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। अगर आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अस्थिर बाज़ार में रकम निकालता है, तो लॉक-इन अवधि निवेश में बने रहने और छोटी अवधि में अस्थिरता से गुज़रने में आपकी मदद करेगी। क्योंकि ELSS फंड्स में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है, इसलिए अगर आप आज निवेश करते हैं, तो एकमुश्त निवेश की स्थिति में आप केवल 3 साल बाद ही अपनी रकम निकाल सकते हैं। लॉक-इन अवधि हर SIP भुगतान पर भी लागू होती है। अगर आप 12 महीने में निवेश की गई रकम निकालना चाहते हैं, तो आपको SIP की आख़री किश्त के 3 साल पूरे होने तक इंतज़ार करना होगा।
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